ये मामला असम के मोरीगांव ज़िले के मोइराबारी निवासी असोरुद्दीन से जुड़ा हुआ है, जिन्हें अपनी नागरिकता साबित करने के लिए फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल में बुलाया गया था, लेकिन वह उपस्थित नहीं हो सके थे और ट्रिब्यूनल ने उनका पक्ष जाने बिना ही उन्हें विदेशी घोषित कर दिया था.
असम में साल 2012 में बोडो और बांग्ला भाषी मुस्लिमों के भीषण सांप्रदायिक दंगे हुए थे. इस दौरान विस्थापित हुए एक परिवार की तस्वीर को राज्य सरकार के गृह विभाग ने फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल के बारे में जानकारी देते हुए अपने पेज पर लगाया है.
मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के साथ 13 और विधायकों ने शपथ ली. शपथ लेने वाले विधायकों में से 10 भाजपा के हैं, जिनमें पार्टी के प्रदेश प्रमुख रंजीत कुमार दास, पिछली सरकार के मंत्री चंद्र मोहन पटोवारी, परिमल सुक्लाबैद्य, जोगेश मोहन और संजय किशन शामिल हैं. भाजपा नीत गठबंधन राज्य में पहली ग़ैर-कांग्रेसी सरकार है, जिसने लगातार दूसरी बार चुनाव जीता है.
असम विधानसभा चुनाव में भाजपा नेतृत्व वाले गठबंधन के बहुमत प्राप्त करने के बाद भाजपा के विधायक दल ने नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक एलायंस के संयोजक हिमंता बिस्वा सरमा को अपना नेता चुना है. इस बार भाजपा ने राज्य में चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद के अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की थी.
ऐसे राज्य में जहां एनआरसी के चलते 20 लाख के क़रीब आबादी 'स्टेटलेस' होने के ख़तरे के मुहाने पर खड़ी हो, वहां के सबसे महत्वपूर्ण चुनाव में इस बारे में विस्तृत चर्चा न होना सवाल खड़े करता है.
कांग्रेस का आरोप है कि समाचार की शक्ल में छपे इस विज्ञापन के ज़रिये भाजपा ने ऊपरी असम की उन सभी सीटों पर अपनी जीत का दावा किया है, जहां 27 मार्च को पहले चरण में मतदान हुआ था. कांग्रेस की शिकायत के आधार पर निर्वाचन आयोग ने असम के अख़बारों को नोटिस जारी किया है.
असम में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हुई एनआरसी की अंतिम सूची 31 अगस्त 2019 को प्रकाशित हुई थी, जिसमें 19 लाख लोगों के नाम नहीं आए थे. अब एनआरसी समन्वयक हितेश शर्मा ने गुवाहाटी हाईकोर्ट में दायर एक हलफ़नामे में कहा है कि वह सप्लीमेंट्री सूची थी और उसमें 4,700 अयोग्य नाम शामिल हैं.
तरुण गोगोई 25 अगस्त को कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे. 25 अक्टूबर को उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी. उसके बाद वह कोरोना संबंधी जटिलताओं से जूझ रहे थे. साल 2001 से लगातार तीन बार वह असम के मुख्यमंत्री रहे थे.
असम के एक स्थानीय समाचार चैनल के पत्रकार पराग भुइयां को बुधवार को उनके घर के सामने एक वाहन ने टक्कर मार दी थी. इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया, जिसके बाद समाचार चैनल ने उनके काम के चलते हत्या किए जाने का आरोप लगाया है.
बीते 17 अक्टूबर को असम के कछार ज़िले के लैलापुर गांव और मिज़ोरम के कोलासिब ज़िले के वैरेंगटे गांव के निवासियों के बीच हिंसक झड़प हुई थी, जिसके बाद से दोनों राज्यों में तनाव जारी है. इससे पहले मिज़ोरम के गृहमंत्री ने कहा था तक वह असम सीमा पर तैनात अपने सुरक्षा बलों को नहीं हटाएंगे.
एक महिला को असम के नलबाड़ी ज़िले की विदेशी अधिकरण ने साल 2019 को विदेशी घोषित किया था, उन्होंने अदालत में याचिका दायर कर इसे चुनौती दी थी. मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने एनआरसी के राज्य समन्वयक से एक विस्तृत हलफ़नामा दायर करने का कहा है.
31 अगस्त 2019 को जारी हुई असम एनआरसी की अंतिम सूची में 3.3 करोड़ आवेदनकर्ताओं में से 19 लाख से अधिक लोगों के नाम नहीं आए थे. ऑल असम माइनॉरिटी स्टूडेंट्स यूनियन का कहना है कि एनआरसी से बाहर किए गए 19 लाख लोगों में से कई वास्तविक भारतीय नागरिक हैं.
बीते 17 अक्टूबर को असम-मिज़ोरम सीमा पर ग्रामीणों के बीच हिंसक संघर्ष हुआ था, जिसमें कई लोग घायल हो गए थे. भीड़ ने क़रीब 20 अस्थायी झोपड़ियों और दुकानों को आग लगा दी थी.
एनआरसी असम के समन्वयक हितेश देव शर्मा ने सभी उपायुक्तों और नागरिक पंजीयन के जिला पंजीयकों को लिखे पत्र में कहा है कि फाइनल सूची में घोषित विदेशी, डी वोटर्स और विदेशी न्यायाधिकरण में लंबित श्रेणियों के लोगों के नाम हैं और इनकी पहचान कर इन्हें डिलीट किया जाए.
असम की पूर्व मुख्यमंत्री सैयदा अनवरा तैमूर दिसंबर 1980 से लेकर जून 1981 तक असम की मुख्यमंत्री रही थीं. चार बार विधायक रहने के साथ ही वह राज्यसभा सदस्य भी थीं. पूर्व मुख्यमंत्री बीते कुछ सालों से अपने बेटे के साथ ऑस्ट्रेलिया में रह रही थीं.