मणिपुर के कार्यकर्ता एरेन्द्रो लीचोम्बाम को कोरोना वायरस से मणिपुर भाजपा अध्यक्ष की मौत के संबंध में आपत्तिजनक फेसबुक पोस्ट करने के आरोप में बीते 13 मई को गिरफ़्तार किया गया था. इस पोस्ट में कोविड-19 के इलाज के लिए गोबर तथा गोमूत्र के इस्तेमाल की आलोचना की गई थी. मई महीने में ही उन्हें ज़मानत मिल गई थी, लेकिन उन्हें अब तक रिहा नहीं किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद सीआईसी ने आरबीआई के उस फ़ैसले पर रोक लगा दी है जिसमें उन्होंने आरटीआई एक्ट के तहत सारस्वत बैंक की निरीक्षण रिपोर्ट, एनपीए और डिफ़ॉल्टर्स की सूची सार्वजनिक करने को कहा था.
पंजाब नेशनल बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने याचिका दायर कर मांग की थी कि क़र्ज़ नहीं चुकाने वाले लोगों की सूची और उसकी निरीक्षण रिपोर्ट जारी करने के लिए आरबीआई द्वारा भेजी जा रहीं आरटीआई नोटिसों पर रोक लगाई जाए.
सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना हाईकोर्ट द्वारा अपहरण के मामले में एक ऑटो ड्राइवर को दोषी ठहराने का फ़ैसला रद्द करते हुए यह टिप्पणी की. ऑटो ड्राइवर ने एक नाबालिग छात्र का अपहरण कर उसके पिता से दो लाख रुपये की फिरौती मांगी थी.
उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के निषाद समुदाय के साथ समीकरण गड़बड़ाते हुए नज़र आ रहे हैं. प्रदेश में भाजपा की सहयोगी निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद ने हाल ही में ख़ुद को उपमुख्यमंत्री पद का दावेदार घोषित किए जाने की मांग की थी. इससे पहले उन्होंने राज्य सरकार में सम्मानजनक जगह न मिलने पर 2022 का चुनाव अकेले लड़ने की बात भी कह चुके हैं.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन खपत की ऑडिट के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एक समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान दिल्ली सरकार ने ज़रूरत से चार गुना अधिक ऑक्सीजन की मांग की थी. इस पर भाजपा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर जघन्य अपराध और आपराधिक लापरवाही का आरोप लगाया है.
भाजपा ने कोरोना की दूसरी लहर के दौरान सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित ऑक्सीजन ऑडिट समिति की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि दिल्ली सरकार ने ज़रूरत से चार गुना अधिक ऑक्सीजन की मांग की थी. वहीं, आप सरकार का कहना है कि भाजपा झूठी रिपोर्ट पेश कर रही है. उसने इस समिति के सदस्यों से बात की है, जिन्होंने इस तरह की किसी रिपोर्ट को मंज़ूरी न देने की बात कही है.
वीडियो: नूरपुर गांव उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ ज़िले में स्थित है. टप्पल थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले इस गांव में मुस्लिम समुदाय की बड़ी आबादी है. एक रिपोर्ट के मुताबिक कस्बे में करीब 800 मुस्लिम परिवार और 125 हिंदू परिवार रहते हैं. अधिकांश हिंदू परिवार जाटव समुदाय (अनुसूचित जाति) से संबंधित हैं. कुछ दलित परिवारों द्वारा अपने घरों पर ‘बिक्री के लिए घर है’ लिखे जाने के बाद से यह गांव चर्चा में है.
वीडियो: संविधान में संशोधन के द्वारा अनुच्छेद 15(5) और 15(6) को जोड़ा गया है, जिनमें सामाजिक और शैक्षणिक तौर पर पिछड़े वर्गों के लिए ग़ैर सहायता प्राप्त स्कूल और कॉलेजों में और आर्थिक रूप से पिछड़े हुए वर्ग के लिए आरक्षण की बात कही गई है.
वीडियो: संविधान का अनुच्छेद 15 (4) राज्य को यह अधिकार देता है कि वह अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और सामाजिक तथा शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए विशेष कानून बना पाए. संविधान में पिछड़े वर्गों के आरक्षण के लिए क्या कानून है, इसकी जानकारी दे रही हैं अधिवक्ता अवनि बंसल.
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को यूएपीए के आरोपों के तहत गिरफ़्तार केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन को बेहतर इलाज के लिए राज्य से बाहर स्थानांतरित करने का निर्देश देते हुए कहा कि एक विचाराधीन क़ैदी को भी जीने का अधिकार है.
केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन की पत्नी की ओर से लिखे गए पत्र में दावा किया गया है कि उन्हें मथुरा के मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में जानवर की तरह खाट से बांधा गया है और न वे खाना खा पा रहे हैं और न ही पिछले चार दिनों से भी अधिक समय से टॉयलेट जा सके हैं. कप्पन को पिछले साल हाथरस जाते समय गिरफ़्तार किया गया था.
उच्च न्यायालयों में महिला जजों की नियुक्ति संबंधी याचिका की सुनवाई के दौरान सीजेआई एसए बोबडे ने कहा कि केवल हाईकोर्ट में ही क्यों, समय आ गया है जब भारत की प्रधान न्यायाधीश महिला होनी चाहिए. तीन जजों की पीठ ने यह भी कहा कि कॉलेजियम ने हर बैठक उच्च न्यायपालिका में महिलाओं की नियुक्ति पर विचार किया है.
कोई भी राजनीतिक दल जाति व्यवस्था के अंत का बीड़ा नहीं उठाना चाहता है, न ही कोई सामाजिक आंदोलन इस दिशा में अग्रसर है. बल्कि, जाति आधारित संघों का विस्तार तेज़ी से हो रहा है. यह राष्ट्र एवं समाज के लिए एक घातक संकेत है.
सुप्रीम कोर्ट महिला वकील संघ ने वकील स्नेहा कलीता के ज़रिये दायर याचिका में न्यायपालिका में महिलाओं की उचित भागीदारी की मांग की है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के बीते 71 सालों के कामकाज में 247 जजों में से सिर्फ आठ महिलाएं थीं. मौजूदा समय में जस्टिस इंदिरा बनर्जी सुप्रीम कोर्ट की एकमात्र महिला जज हैं.