छत्तीसगढ़: कोर्ट ने नौकरी, कॉलेज दाखिलों में 50 फीसदी से अधिक आरक्षण को असंवैधानिक क़रार दिया

वर्ष 2012 में राज्य की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार द्वारा सरकारी नियुक्तियों, मेडिकल, इंजीनियरिंग और अन्य कॉलेजों में दाखिले में कुल आरक्षण का प्रतिशत 50 से बढ़कर 58 प्रतिशत कर दिया गया था. हाईकोर्ट ने इसे रद्द करते हुए कहा कि ऐसा करना सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के विरुद्ध है.

पात्र होने के बावजूद एससी/एसटी डॉक्टरों को एम्स की नौकरियों से वंचित किया गया: संसदीय समिति

लोकसभा में प्रस्तुत संसद की एक समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि एम्स, दिल्ली में उचित पात्रता, योग्यता, पूरी तरह से अनुभवी होने के बावजूद एससी/एसटी उम्मीदवारों को शामिल नहीं किया जा रहा. अनौपचारिक आधार पर अस्पताल में काम करने वाले अनुसूचित जाति/जनजाति समुदायों के कनिष्ठ कर्मचारियों का चयन उस समय नहीं किया गया जब पदों को नियमित किया जा रहा था.

सार्वजनिक स्थान पर जातिसूचक दुर्व्यवहार होने की स्थिति में ही एससी/एसटी एक्ट लागू होगा: अदालत

कर्नाटक हाईकोर्ट एक व्यक्ति के ख़िलाफ़ लंबित मामले को ख़ारिज कर दिया, क्योंकि यह पाया गया कि कथित दुर्व्यवहार एक इमारत के तहखाने में किया गया था, जहां सिर्फ़ पीड़ित और उसके सहकर्मी ही मौजूद थे. कथित घटना वर्ष 2020 में हुई थी.

साल 2020 में यूएपीए के तहत 1,321 लोगों को गिरफ़्तार किया गया: केंद्र

गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने संसद में बताया कि गैरक़ानूनी गतिविधि रोकथाम क़ानून (यूएपीए) के तहत 80 लोगों को दोषी ठहराया गया, जबकि 2019 में 34 लोगों को दोषी ठहराया गया था. यूएपीए के तहत ज़मानत पाना बहुत ही मुश्किल होता है और जांच एजेंसी के पास चार्जशीट दाख़िल करने के लिए 180 दिन का समय होता है.

बिहार: पूर्व मुख्यमंत्री का आरोप- फ़र्ज़ी एससी प्रमाणपत्र पर पांच सांसद लोकसभा के लिए चुने गए

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के सहयोगी जीतन राम मांझी ने आरोप लगाया कि भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल, जे. शिवाचार्य महास्वामी, कांग्रेस सांसद मोहम्मद सादिक, टीएमसी की अपरूपा पोद्दार तथा निर्दलीय सांसद नवनीत रवि राणा जाली प्रमाणपत्रों के आधार पर चुनाव लड़ने के बाद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीटों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.

हरियाणा: कथित तौर पर सवर्णों की शिकायत के बाद 150 दलित परिवारों का सामाजिक बहिष्कार

मामला हरियाणा के जींद ज़िले के उचाना विधानसभा क्षेत्र के छातर गांव का है. आरोप है कि एक दलित युवक की पिटाई करने वाले सवर्ण जाति के युवक की शिकायत पुलिस से करने पर 150 दलित परिवारों का सामाजिक बहिष्कार किया गया है. पुलिस ने इस संबंध में गांव के ही 23 लोगों के ख़िलाफ़ एससी/एसटी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है.

75 साल में एससी/एसटी वर्ग को योग्यता के उस स्तर पर नहीं लाया जा सका, जहां अगड़ी जातियां हैं: केंद्र

सुप्रीम कोर्ट एससी और एसटी वर्ग से संबंधित कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण से संबंधित मुद्दे पर दलीलें सुन रही थी. केंद्र ने बताया कि समूह ‘ए’ और ‘बी’ की नौकरियों में प्रतिनिधित्व कम है, वहीं समूह ‘सी’ और ‘डी’ में प्रतिनिधित्व अधिक है. एससी और एसटी के लिए समूह ‘ए’ और ‘बी’ में उच्च पद पाना अधिक कठिन है.

यूपी: महर्षि वाल्मीकि से तालिबान की तुलना के आरोप में मुनव्‍वर राना के ख़िलाफ़ केस दर्ज

वाल्मीकि समाज के नेता पीएल भारती की शिकायत पर मशहूर शायर मुनव्वर राना के ख़िलाफ़ धार्मिक भावनाएं भड़काने तथा अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया है. राना ने एक चैनल से बात करते हुए कथित तौर पर कहा था कि वाल्मीकि रामायण लिखने के बाद भगवान बन गए, इससे पहले वह एक डकैत थे. व्यक्ति का चरित्र बदल सकता है. इसी तरह तालिबान अभी आतंकवादी हैं, लेकिन लोग और चरित्र बदलते हैं.

पूर्व नौकरशाहों ने कहा- यूएपीए का मौजूदा स्वरूप नागरिकों की स्वतंत्रता के लिए गंभीर ख़तरा

‘कांस्टिट्यूशनल कंडक्ट ग्रुप’ के तत्वाधान में 108 पूर्व नौकरशाहों द्वारा लिखे पत्र में कहा गया है कि गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) पांच दशकों से अधिक समय से भारत की क़ानून की किताबों में मौजूद है और हाल के वर्षों में इसमें किए गए संशोधनों ने इसे निर्मम, दमनकारी और सत्तारूढ़ नेताओं तथा पुलिस के हाथों घोर दुरुपयोग करने लायक बना दिया है.

जम्मू कश्मीर: 2019 से यूएपीए के तहत 2,300 से अधिक लोगों पर केस, लगभग आधे अभी भी जेल में

इस बीच केंद्र सरकार ने राज्यसभा में बताया कि 2019 में ग़ैरक़ानूनी गतिविधि रोकथाम क़ानून यूएपीए के तहत 1,948 लोगों को गिरफ़्तार किया गया और 34 आरोपियों को दोषी ठहराया गया. एक अन्य सवाल के जवाब में बताया गया कि 31 दिसंबर 2019 तक देश की विभिन्न जेलों में 4,78,600 कै़दी बंद थे, जिनमें 1,44,125 दोषी ठहराए गए थे जबकि 3,30,487 विचाराधीन व 19,913 महिलाएं थीं.

एससी/एसटी उत्पीड़न मामलों में 2019 में हुई 11.46 प्रतिशत की वृद्धि: सरकार

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास अठावले ने राज्यसभा को बताया कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति समुदायों के उत्पीड़न से संबंधित मामलों में जहां 2017 की तुलना में 2018 में 11.15 प्रतिशत की कमी आई थी, वहीं, 2019 में इनकी संख्या में 11.46 प्रतिशत की वृद्धि हुई. साल 2015 से 2019 के बीच उत्तर प्रदेश में लगातार सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए हैं.

तेलंगाना: पुलिस हिरासत में दलित महिला की मौत के मामले में हाईकोर्ट का न्यायिक जांच का आदेश

मामला यादाद्री-भुवनगिरी ज़िले के अड्डागुडुर थाने का है, जहां बीते 18 जून को बावर्ची के रूप में काम करने वाली 40 वर्षीय मरियम्मा को चोरी के आरोप में गिरफ़्तार किया गया. बताया गया कि कथित पुलिस प्रताड़ना के चलते थाने के लॉकअप में महिला की मौत हो गई. मामले में तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है.

तमिलनाडु की सात जातियों को एक करने वाला विधेयक राज्यसभा में पास

राज्यसभा ने संविधान (अनुसूचित जातियां) आदेश संशोधन विधेयक 2021 को मंज़ूरी दे दी. लोकसभा में यह विधेयक पिछले हफ़्ते पारित हुआ था. तमिलनाडु के सात समुदाय- देवेंद्रकुललथन, कल्लडी, कुदुंबन, पल्लन, पन्नाडी, वथिरियन और कडइयन को अब देवेंद्रकुला वेलालर के नाम से जाना जाएगा.

देश की जेलों में बंद 27.37 फीसदी क़ैदी अशिक्षित, 21 प्रतिशत दसवीं पास: सरकारी डेटा

सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश की जेलों में बंद 41.55 फीसदी क़ैदियों ने दसवीं कक्षा से कम तक ही पढ़ाई की है. 6.31 फीसदी क़ैदी ग्रेजुएट और 1.68 प्रतिशत पोस्ट-ग्रेजुएट हैं.

देश की जेलों में बंद क़ैदियों में 65 प्रतिशत एससी, एसटी और ओबीसी: सरकार

गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने राज्यसभा में बताया कि ओबीसी, एससी और अन्य श्रेणियों के क़ैदियों की अधिकतम संख्या उत्तर प्रदेश की जेलों में है, जबकि मध्य प्रदेश की जेलों में एसटी समुदाय की है. इसके अलावा देशभर की जेलों में कुल क़ैदियों में 95.83 फ़ीसदी पुरुष और 4.16 फ़ीसदी महिलाएं हैं.