जम्मू, कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पंकज मिथल ने एक कार्यक्रम में कहा कि उन्होंने कहा कि भारत अनादि काल से ही एक आध्यात्मिक देश रहा है और संविधान की प्रस्तावना में पहले से ही लिखित ‘संप्रभु, लोकतांत्रित, गणतंत्र’ शब्द के साथ ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्दों को जोड़ने से ये छवि प्रभावित हुई है.
फैब इंडिया के एक हालिया विज्ञापन पर आपत्ति के बाद कंपनी का उसे हटाने का फ़ैसला उसी बीमारी को उजागर करता है, जिसका भारत को डटकर सामना करने की ज़रूरत है.
मिश्रित संस्कृति, भाषा की यात्रा आदि की शिक्षा का अब कोई लाभ नहीं है. उर्दू या मुसलमानों के ख़िलाफ़ प्रचार किसी अज्ञानवश नहीं किया जा रहा. यह उनके रोज़ाना अपमान का ही एक हिस्सा है. टाटा के बाद फैब इंडिया ने भी इसी अपमान को शह दी है.
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी कहा कि ग़ैर-मुस्लिम लोगों को बेटियों को सह-शिक्षा देने से परहेज़ करना चाहिए, ताकि वो अनैतिकता की चपेट में नहीं आएं. जमीयत ने अपने बयान में समाज के प्रभावशाली और धनी लोगों से अपने-अपने क्षेत्र में लड़कियों के लिए अलग-अलग स्कूल और कॉलेज खोलने की अपील की.
नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने कहा कि रबींद्रनाथ टैगोर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, ईश्वर चंद्र विद्यासागर और स्वामी विवेकानंद, सभी ने संयुक्त बंगाली संस्कृति की चाहत और पैरवी की थी और उनके सामाजिक लक्ष्य में एक समुदाय को दूसरे समुदाय के ख़िलाफ़ भड़काने की कोई जगह नहीं है.
बीते दिनों पाकिस्तान के तुरबत शहर में पाकिस्तानी सेना द्वारा कराची यूनिवर्सिटी के छात्र हयात बलोच को उनके माता-पिता के सामने गोली मार दी गई. इस बारे में पाकिस्तान के पत्रकार वुसतुल्लाह ख़ान का नज़रिया.
भीमा कोरेगांव मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हेनी बाबू की गिरफ़्तारी के बाद लेखक अरुंधति रॉय ने केंद्र सरकार की आलोचना की हैं, वहीं जेएनयू छात्रसंघ ने कहा कि इस मामले में हुई घटिया जांच का एकमात्र निशाना वे कार्यकर्ता और स्कॉलर हैं जिन्होंने सत्तारूढ़ दल की नीतियों और सांप्रदायिकता पर सवाल उठाए हैं.
1976 में भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवाद’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द 42वें संविधान संशोधन के माध्यम से जोड़े गए थे. अब दो वकीलों ने इन्हें हटाने की मांग करते हुए कहा है कि यह संशोधन भारत के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विषय-वस्तु के विपरीत था.
आपत्तिजनक बयानों को लेकर हमेशा विवादों में रहने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद अनंत कुमार हेगड़े ने बेंगलुरु में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि इतिहास पढ़ने पर मेरा खून खौलता है.
नरेंद्र मोदी को वोट देने वालों की सोच यह नहीं है कि वह अपने किए गए वादों को पूरा करेंगे या नहीं, बल्कि उन्होंने मोदी को इसलिए वोट किया क्योंकि उन्हें उनमें अपना ही अक्स दिखाई देता है.
कर्नाटक के कांग्रेस नेता दिनेश राव ने उनकी इस टिप्पणी की आलोचना करते हुए केंद्रीय मंत्री या बतौर सांसद उनकी उपलब्धियों को लेकर सवाल पूछ लिया. इस पर हेगड़े ने उनकी शादी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह एक मुस्लिम महिला के पीछे चलते हैं.
कांग्रेस नेता हरीश रावत ने कहा कि भाजपा बेईमान लोगों की पार्टी है जिन्हें न तो नीतियों की परवाह है और न ही मर्यादा की, वे मर्यादा पुरुषोत्तम राम के भक्त कैसे हो सकते हैं.
अगला आदेश तीन जजों की एक उपयुक्त पीठ द्वारा पारित किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की समयबद्ध सुनवाई की मांग वाली याचिका भी खारिज कर दी.
फैज़ाबाद से निकलने वाले हिन्दी दैनिक जनमोर्चा के संपादक और वरिष्ठ पत्रकार शीतला सिंह की किताब ‘अयोध्या- रामजन्मभूमि बाबरी मस्जिद का सच’ बताती है कि अयोध्या विवाद में सारी पेचीदगियां राजनीति द्वारा अपनी स्वार्थ साधना के लिए इस मुद्दे के बेजा इस्तेमाल से पैदा हुई हैं.
सबरीमाला मंदिर मामले में अन्य 4 जजों से सहमत न होते हुए पीठ की एकमात्र महिला जज जस्टिस इंदु मल्होत्रा ने कहा कि धार्मिक प्रथाओं को केवल समानता के अधिकार के आधार पर नहीं परखा जा सकता.