पूर्वी नगालैंड के छह ज़िलों को मिलाकर अलग राज्य बनाने की मांग लंबे समय से चली आ रही है. बताया गया है कि हितधारकों और केंद्रीय गृह मंत्रालय की बैठकों में राज्य के भीतर ही ‘फ्रंटियर नगा टेरिटरी’ बनाने का प्रस्ताव रखा गया था. अब राज्य सरकार इसे लेकर केंद्र को जवाब देने को तैयार हुई है.
नगालैंड के 16 ज़िलों में प्रभावशाली सात नगा समूहों का प्रतिनिधित्व करने वाला ईस्टर्न नगालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन बीते कुछ समय से पूर्वी हिस्से को अलग राज्य बनाने की मांग कर रहा है. यह मांग पूरी न होने पर संगठन ने अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनावों का बहिष्कार करने की धमकी दी है.
पूर्वी नगालैंड में अलग राज्य की मांग अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले तेज़ हो गई है. क्षेत्र के प्रभावी संगठन ईस्टर्न नगालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन ने आगामी हॉर्नबिल महोत्सव में हिस्सा न लेने का फैसला किया है. उसने क्षेत्र के 20 विधायकों से अलग राज्य की स्थापना की अपनी मांग के समर्थन में इस्तीफ़ा देने के लिए भी कहा है.
क्षेत्र के प्रभावी ईस्टर्न नगालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन ने नेताओं, सातों जनजातियों के निकायों और क्षेत्र के अन्य संगठनों के साथ 26 अगस्त को दिमापुर शहर में बैठक की थी, जिसमें संकल्प लिया गया था कि वे किसी भी चुनाव में तब तक शामिल नहीं होंगे, जब तक कि उनकी अलग ‘फ्रंटियर नगालैंड’ राज्य बनाने की मांग को स्वीकार नहीं कर लिया जाता.
भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री जॉन बारला ने जून में उत्तर बंगाल के सभी ज़िलों को मिलाकर एक केंद्रशासित प्रदेश बनाने की मांग की थी. इसके बाद भाजपा सांसद सौमित्र खान ने मेदिनीपुर, बांकुरा और पुरुलिया ज़िलों के वन क्षेत्रों को मिलाकर जंगलमहल को अलग राज्य बनाने की मांग की. अब प्रदेश भाजपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा है कि अगर एक अलग राज्य की मांग जोर पकड़ती है, तो इसकी ज़िम्मेदारी ममता बनर्जी को लेनी होगी.
तिप्रालैंड नाम के अलग राज्य के लिए स्वदेशी पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा ने 10 जुलाई से असम-अगरतला हाईवे और रेल नेटवर्क जाम कर देने का ऐलान किया.