एनजीटी ने कहा- बंगाल में गंगा नहाने योग्य भी नहीं, जुर्माने की चेतावनी दी

एनजीटी ने पश्चिम बंगाल में मलीय कॉलीफॉर्म बैक्टीरिया के उच्च स्तर के कारण राज्य में गंगा नदी के पूरे हिस्से को स्नान के लिए अनुपयुक्त पाते हुए अधिकारियों को कड़ी चेतावनी जारी की है. एनजीटी ने पाया कि प्रतिदिन 258.67 मिलियन लीटर अनुपचारित सीवेज सीधे नदी में बह रहा है, जो बड़ा स्वास्थ्य जोखिम पैदा करता है.

तेलंगाना: दलित के खेत में छोड़ा जा रहा है पूरे गांव का गंदा पानी, प्रशासन ने कहा- कुछ नहीं कर सकते

तेलंगाना के जयशंकर भूपालपल्ली ज़िले के इडलापल्ली गांव में गुर्रम लिंगैया का खेत है. गांव में लगभग 500 घर हैं, जिनसे निकलने वाले गंदे पानी का रुख़ उनके खेत की ओर मोड़ दिया गया है. आरोप है कि प्रशासन ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि जल निकासी की मूल प्रस्तावित योजना में नाले के रास्ते में गांव की देवी का मंदिर आ रहा था.

यूपी चुनाव: ‘हमारा विकास नहीं हुआ तो हमारा साथ भी भूल जाए भाजपा’

वीडियो: विधानसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश के नोएडा क्षेत्र में आने वाले गढ़ी चौखंडी गांव के रहवासियों ने खुली नालियों, कच्ची सड़क, पानी और सीवेज संबंधी समस्याएं उठाई हैं.

साफ़ जल नागरिकों का मौलिक अधिकार, शासन यह सुनिश्चित करने को बाध्य: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने यमुना नदी में प्रदूषण से संबंधित दिल्ली जल बोर्ड की एक याचिका पर सुनवाई के दौरान देशभर की नदियों में प्रदूषण की न्यायिक समीक्षा का दायरा बढ़ाते हुए केंद्र सरकार, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और दिल्ली तथा हरियाणा सहित पांच राज्यों को नोटिस जारी किया है.

दिल्ली: यमुना में अमोनिया का स्तर बढ़ा, प्रदूषण के मुख्य स्रोतों की पहचान करने को कहा गया

यमुना निगरानी समिति ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को प्रदूषण के मुख्य स्रोतों की पहचान कर 10 जनवरी तक रिपोर्ट सौंपने को कहा है. यह निर्देश ऐसे वक़्त आया है, जब दिल्ली जल बोर्ड ने आरोप लगाया है कि बार-बार कहने के बावजूद हरियाणा ने उद्योगों से निकलने वाले गंदे पानी का बहाव रोकने के लिए क़दम नहीं उठाया है.

यमुना को पुनर्जीवित करने के लिए जल समझौते पर दोबारा काम करने की ज़रूरत: एनजीटी समिति

एनजीटी द्वारा गठित यमुना निगरानी समिति ने यह भी कहा है कि राज्यों को यमुना के कम पानी और संरक्षण पर ध्यान देना होगा. इसके लिए हो सकता है कि राज्यों को कम पानी में काम चलाना पड़े.

यमुना में अशोधित जल-मल गिराने के एवज़ में दिल्ली के सभी मकानों से सीवेज शुल्क ले सरकार: एनजीटी

सुप्रीम कोर्ट द्वारा साल 2015 में दिए एक फ़ैसले का हवाला देते हुए एनजीटी ने दिल्ली सरकार से कहा कि प्रदूषित पानी छोड़कर पानी को गंदा करने वाले दिल्ली के रहवासियों से पर्यावरणीय मुआवज़ा वसूल किया जाए.

सीवेज साफ़ करने के दौरान हो रहीं मौतें समाज के लिए अभिशाप: मानवाधिकार आयोग

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस एचएल दत्तू ने कहा कि सरकार को यह बताने की ज़रूरत है कि उसने मैला ढोने की प्रथा को ख़त्म करने के लिए क्या किया है, क्योंकि सिर्फ क़ानून बनाना काफ़ी नहीं है. उन्होंने कहा कि हम राष्ट्रीय राजधानी तक में ऐसी घटनाओं के बारे में सुनते हैं तो देश के बाकी हिस्सों की स्थित की कल्पना भी नहीं की जा सकती है.