वीडियो: दिल्ली के जंतर मंतर पर भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ पहलवानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. उनका कहना है कि न्याय मिलने में देरी भी अन्याय के समान है.
बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए सरकार द्वारा नियुक्त निगरानी समिति के सामने गवाही देने वाली पहलवानों ने कहा है कि समिति की कार्यवाही निष्पक्ष नहीं थी. उनके अनुसार, समिति के एक सदस्य ने एक शिकायतकर्ता से कहा कि 'सिंह पिता समान हैं और उन्होंने जो किया वो निर्दोष भावना से किया होगा, जिसे महिलाओं ने ग़लत समझ लिया.'
भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ प्रदर्शनरत पहलवानों को समाज के विभिन्न वर्गों से समर्थन प्राप्त हुआ है. जाति उन्मूलन संगठन ने भी पहलवानों की मांगों का समर्थन करते हुए कहा है कि सभी जातियों और वर्गों की महिलाओं के साथ उत्पीड़न का विरोध हो और उनके हितों की रक्षा की जाए.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि ऐसे आदेशों को न्यायालय की वेबसाइट पर भी अपलोड नहीं किया जाना चाहिए और इन शर्तों का पालन न करना अदालत की अवमानना होगी. हाईकोर्ट ने कहा कि यदि किसी भी फ़ैसले को सार्वजनिक किया जाना है तो पहले उसके लिए न्यायालय के आदेश की आवश्यकता होगी.
केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने अपने मुख्य खेल अधिकारी डीआईजी खजान सिंह और कोच इंस्पेक्टर सुरजीत सिंह को महिलाकर्मियों के यौन उत्पीड़न का दोषी पाया था. एक महिला कॉन्स्टेबल ने बीते दिसंबर में दिल्ली के एक थाने में बलात्कार का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया था.