संवेदनशील व्यक्ति के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाना आत्महत्या के लिए उकसाने के समान: हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने एलजीबीटी समुदाय से संबंधित एक दलित शख़्स की मौत पर एक निजी फर्म के तीन वरिष्ठ अधिकारियों के ख़िलाफ़ आपराधिक मामले को रद्द करने से इनकार करते हुए यह फैसला सुनाया है. तीनों अधिकारियों पर मृतक के यौन रुझान के कारण दफ़्तर में प्रताड़ित करने का आरोप है.

न्यायपालिका में विविधता होनी चाहिए, हेट्रोसेक्सुअल जजों के भी पूर्वाग्रह होते हैं: सौरभ कृपाल

वरिष्ठ अधिवक्ता सौरभ कृपाल, जिन्हें दिल्ली हाईकोर्ट का जज बनाने की सिफ़ारिश की गई है, की यह टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा यह खुलासा किए जाने के बाद आई है कि उनकी नियुक्ति पर सरकार की एक आपत्ति यह थी कि 'समलैंगिक अधिकारों के प्रति उनके झुकाव' के चलते पूर्वाग्रहों की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.

कॉलेजियम ने फिर की सौरभ कृपाल की नियुक्ति की सिफ़ारिश, यौन रुझान पर केंद्र की आपत्ति ख़ारिज की

वरिष्ठ अधिवक्ता सौरभ कृपाल को दिल्ली हाईकोर्ट का जज नियुक्त करने की सिफ़ारिश दोहराने के साथ ही कॉलेजियम ने सोमशेखर सुंदरेशन को बॉम्बे हाईकोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त करने को लेकर केंद्र द्वारा उनकी 'सोशल मीडिया पोस्ट्स' को लेकर दर्ज करवाई गई आपत्ति को भी ख़ारिज कर दिया.

एलजीबीटीआईक्यू समुदाय के सदस्यों के जबरन लिंग परिवर्तन पर कड़ी कार्रवाई की जाए: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट मलयाली एलजीबीटीआईक्यू समुदाय के ‘क्वीराला’ और लिंग-परिवर्तन से गुज़रे एक व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई कर रही है. इस व्यक्ति ने उसका जबरन लिंग-परिवर्तन किए जाने का आरोप लगाया है. अदालत ने केरल सरकार को लिंग परिवर्तन संबंधी प्रक्रियाओं के लिए दिशानिर्देश बनाने का निर्देश दिया है.

केंद्र ने कॉलेजियम की सिफ़ारिश मानी तो सौरभ कृपाल बन सकते हैं हाईकोर्ट के पहले समलैंगिक जज

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने वरिष्ठ अधिवक्ता सौरभ कृपाल को दिल्ली हाईकोर्ट की पीठ में पदोन्नत करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी है, जो उनके यौन झुकाव के कारण विवाद का विषय था, लेकिन पदोन्नति केंद्र की सहमति के अधीन होगी. केंद्र अगर अनुमति देता है तो वह देश के किसी हाईकोर्ट के पहले समलैंगिक न्यायाधीश बन सकते हैं.

दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस को जबरन ब्याही गईं समलैंगिक महिला को सुरक्षा देने को कहा

महिला का आरोप है कि उनकी शादी साल 2019 में एक व्यक्ति से जबरन कराई गई थी. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनके मायके वालों की तरफ से उसके सेक्सुअल ओरिएंटेशन का इलाज कराने के लिए दबाव बनाया जा रहा है.

बलात्कार को लिंग निरपेक्ष अपराध बनाने के लिए याचिका पर विचार से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

याचिका में कहा गया था कि धारा 376 सिर्फ महिलाओं को पीड़ित और पुरुषों को अपराध करने वाला मानती है. इसमें महिला द्वारा महिला पर गैर-सहमति से यौन हिंसा या फिर पुरुष द्वारा दूसरे पुरुष या फिर किसी ट्रांसजेंडर समुदाय के व्यक्ति द्वारा दूसरे ऐसे ही व्यक्ति पर या किसी पुरुष के साथ महिला द्वारा किए गए अपराध को शामिल नहीं किया गया है.

यदि कोई क़ानून मौलिक अधिकार का हनन करता है तो उसे निरस्त करना अदालत का कर्तव्य है: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने धारा 377 मामले में अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है. कोर्ट ने कहा अगर हमें लगता है कि कहीं मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है, तो ये मौलिक अधिकार अदालत को अधिकार देते हैं कि ऐसे क़ानून को निरस्त किया जाए.