माकपा नेता वृंदा करात और केएम तिवारी द्वारा केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा के ख़िलाफ़ हेट स्पीच पर एफ़आईआर दर्ज करने के अनुरोध वाली याचिका निचली अदालत और दिल्ली हाईकोर्ट ख़ारिज कर चुके हैं. अब सुप्रीम कोर्ट ने इसे लेकर दिल्ली पुलिस को नोटिस भेजा है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान कथित घृणास्पद भाषण यानी हेट स्पीच के लिए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और भाजपा के सांसद प्रवेश वर्मा के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज करने के संबंध में माकपा की नेता वृंदा करात और केएम तिवारी की याचिका में दावा किया था कि दोनों ने लोगों को भड़काने की कोशिश की थी, जिसके परिणामस्वरूप दिल्ली में दो अलग-अलग विरोध स्थलों पर गोलीबारी की तीन घटनाएं हुईं.
शुक्रवार को उत्तरी और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के प्राधिकारियों ने मंगोलपुरी में अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया. इससे पहले बृहस्पतिवार को मदनपुर खादर इलाके में हिंसक प्रदर्शन हुआ एवं पत्थरबाज़ी हुई. स्थानीय लोगों ने दावा किया कि वैध ढांचे भी ध्वस्त किए जा रहे हैं. उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर अभियान रोकने का आग्रह किया है.
वीडियो: राष्ट्रीय राजधानी स्थित गांधी पीस फाउंडेशन में बीते 9 मई को होने वाली एक बैठक को दिल्ली पुलिस ने यह कहकर रद्द कर दिया कि वे इसकी अनुमति नहीं देंगे. यह बैठक सांप्रदायिक राजनीति और अतिक्रमण रोधी अभियान से संबंधित थी.
वीडियो: वाम दल, छात्र समूह और महिला संगठन राजधानी दिल्ली के नगर निगमों द्वारा द्वारा चलाए जा रहे अतिक्रमण विरोधी अभियान के ख़िलाफ़ नज़र आ रहे हैं. वाम दलों ने इस मुद्दे पर उपराज्यपाल अनिल बैजल की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं.
यूपी, मध्य प्रदेश, गुजरात और अब दिल्ली में बुलडोज़र का इस्तेमाल रोज़ाना की उत्तेजना बनाए रखने के लिए किया जा रहा है. हिंदुओं में मुसलमानों को उजड़ते देख, रोते, बदहवास देखने की हिंसक कामना जगाई जा रही है. अब भाजपा, मीडिया, पुलिस और प्रशासन में कोई फ़र्क़ नहीं रह गया है. एक रास्ता दिखा रहा है, एक बुलडोज़र का क़ानून बता रहा है, एक हथियार के साथ उसे घेरा देकर चल रहा है, तो एक ललकार रहा है.
दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता आदेश गुप्ता ने भाजपा शासित एसडीएमसी के महापौर को 20 अप्रैल को पत्र लिख कर ‘रोहिंग्या, बांग्लादेशियों और असामाजिक तत्वों’ द्वारा किए गए अतिक्रमण को हटाने का अनुरोध किया था, जिसके बाद एसडीएमसी के इलाकों में अतिक्रमण-रोधी अभियान चलाने का फैसला किया गया था. अभियान के ख़िलाफ़ माकपा द्वारा दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिका पर विचार नहीं कर सकते, हाईकोर्ट जाएं.
साल 2015 में पानी की नियमित सप्लाई की मांग को लेकर कुछ महिलाएं मुंबई में प्रदर्शन कर रही थीं. इन्हें ट्रैफिक रोकने के आरोप में हिरासत में ले लिया गया था. इनमें से दो वरिष्ठ नागरिक हैं. अदालत ने कहा कि पुलिस के पास इनके ख़िलाफ़ कार्रवाई करने का कोई कारण नहीं था.
वीडियो: नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) के ख़िलाफ़ राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग में विरोध, जामिया में पुलिस की बर्बरता और दिल्ली दंगों की वास्तविकता को दर्शाने वाली तस्वीरों को एक फोटो बुक में प्रकाशित किया गया है, जिसका नाम ‘हम देखेंगे’ हैं. इस फोटो बुक में शामिल अधिकांश तस्वीरें जामिया के छात्रों द्वारा ली गई हैं.
वीडियो: नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) के विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग़ में हुए आंदोलन को दो साल हो गए हैं. इस क़ानून को निरस्त करने की मांगों के साथ ताज़ा विरोध प्रदर्शन तेज होने लगे हैं. इस आंदोलन आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.
वीडियो: सीएए विरोध के तहत हुए शाहीन बाग़ आंदोलन के दो साल पूरे होने पर प्रगतिशील महिला संगठन, राष्ट्रीय महिला संघ और कमीशन ऑन द स्टेटस ऑफ वुमेन की ओर से दिल्ली के जंतर मंतर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस आंदोलन में भाग लेने के लिए क़ैद किए गए लोगों की रिहाई की मांग के लिए छात्रों, नागरिक समाज के सदस्यों और कार्यकर्ताओं ने धरना भी दिया.
वीडियो: नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध हुए विरोध प्रदर्शनों में शामिल सफ़ूरा ज़रगर को यूएपीए के तहत मामला दर्ज कर गिरफ़्तार किया गया था. ये गिरफ़्तारी उस वक़्त हुई थी जब वह गर्भवती थीं. इसे लेकर उनकी गिरफ़्तार पर सवाल खड़े हुए. सफ़ूरा ज़रगर से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
सामूहिक हिंसा एक तरह की नहीं होती. दो समूह लड़ पड़ें, तो वह सामूहिक हिंसा है. एक समूह को निशाना बनाकर की जाने वाली हिंसा भी सामूहिक हिंसा ही है. ऐसी हिंसा को भारत में प्रायः दंगा कह देते हैं. दंगा शब्द में कुछ स्वतः स्फूर्तता का भाव आता है, लेकिन यह सच नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर 2020 में अपने फैसले में सीएए के विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग में तीन महीने से अधिक समय तक हुए प्रदर्शन को ग़ैरक़ानूनी बताते हुए इसे अस्वीकार्य बताया था, जिसके ख़िलाफ़ कुछ कार्यकर्ताओं ने एक समीक्षा याचिका दायर की थी, जिसे शीर्ष अदालत ने ख़ारिज कर दिया.
इस साल फरवरी में दिल्ली में सीएए के ख़िलाफ़ शाहीन बाग़ में हो रहे प्रदर्शन के दौरान कपिल गुज्जर ने हवा में फायरिंग की थी. बुधवार को कपिल ग़ाज़ियाबाद में भाजपा में शामिल हुए थे. बाद में पार्टी ने उनकी सदस्यता निरस्त करते हुए कहा कि उसे कपिल के फायरिंग के मामले से जुड़े होने की जानकारी नहीं थी.