शरद यादव तकरीबन चार दशक के लंबे राजनीतिक दौर के महत्वपूर्ण किरदार और गवाह रहे हैं. काश, उन्होंने अपनी कोई सुसंगत आत्मकथा लिखी होती, जिससे राजनीति की नई पीढ़ी, ख़ासकर समता, सेकुलरिज़्म और सामाजिक न्याय के लिए लड़ रहे युवाओं को सीखने को मिलता कि उन्हें क्या करना चाहिए और क्या नहीं.
शरद यादव एक प्रमुख समाजवादी नेता थे. वह तीन बार राज्यसभा के सदस्य रहे थे और सात बार लोकसभा के लिए चुने गए थे. शरद यादव 1989 में वीपी सिंह नीत सरकार में मंत्री थे. उन्होंने 90 के दशक के अंत में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार में भी मंत्री के रूप में कार्य किया था.
74 वर्षीय शरद यादव पिछले दिनों स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे. उनके इस क़दम को उनके सहयोगियों के पुनर्वास के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि जदयू नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अलग होने के बाद उन्होंने अपनी पार्टी बनाई थी, लेकिन उसका प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा.
बिहार के मधेपुरा लोकसभा पर यादव बिरादरी का प्रभुत्व है. यहां एनडीए की तरफ से जदयू नेता दिनेश चंद्र यादव मैदान में हैं जबकि महागठबंधन ने शरद यादव को मैदान में उतारा है, वहीं पप्पू यादव निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं.
अशोक गहलोत 1998 में पहली बार और 2008 में दूसरी बार मुख्यमंत्री बने थे. सचिन पायलट लोकसभा सदस्य और मनमोहन सरकार में केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं.
राजस्थान चुनाव प्रचार के आखिरी दिन अलवर में कांग्रेस गठबंधन के एक प्रत्याशी की रैली को संबोधित करते हुए वरिष्ठ नेता शरद यादव ने कहा, 'वसुंधरा को आराम दो, बहुत थक गईं हैं, बहुत मोटी हो गई हैं, पहले पतली थीं. हमारे मध्य प्रदेश की बेटी हैं.'
राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने 04 दिसंबर 2017 को जदयू के बागी सांसद शरद यादव और अली अनवर को उच्च सदन की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया था.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में एकजुटता दिखाने वाले विपक्ष के नेताओं के सामने सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या वे 2019 के आम चुनावों तक साथ बने रहेंगे?
वरिष्ठ नेता शरद यादव ने कहा कि आपातकाल से लेकर अब तक, जब-जब देश में राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक हालात आज की तरह नाज़ुक हुए, तब-तब विपक्षी दलों ने एकजुट होकर फिरकापरस्त ताक़तों को मुंहतोड़ जवाब दिया.
1996 से लेकर अब तक लोकसभा चुनाव में औसतन 235 सीटों पर कांग्रेस और भाजपा के अलावा क्षेत्रीय दलों ने जीत हासिल की है.
शरद यादव ने कहा कि भाजपा द्वारा फैलायी जा रही सांप्रदायिकता को सामाजिक न्याय का आंदोलन ही रोक सकता है. आज सामाजिक विषमता का आलम यह है कि किसान, दलित और ग़रीब तबका बेहद दिक्कत में हैं.
बाबा साहब आंबेडकर के पोते ने भाजपा पर साधा निशाना. कहा- यह सरकार दोबारा आई तो हम जो बात कर रहे हैं, यह करने का अधिकार भी छीन लिया जाएगा.
राज्यसभा सदस्य शरद यादव ने महाराष्ट्र में भीमा-कोरेगांव हिंसा को लेकर कहा, भाजपा शासन में दलितों पर हमले बढ़ रहे हैं.
गुजरात में भाजपा की मामूली अंतर से जीत को लेकर राजनीति दलों में छिड़ा वाकयुद्ध. शिवसेना और सपा ने कहा- गुजरात मॉडल की पोल खुली, गहलोत बोले- भाजपा की उल्टी गिनती शुरू.
शरद यादव ने अपनी याचिका में कहा है कि उपसभापति वेंकैया नायडू ने उनका और अली अनवर अंसारी का पक्ष सुने बिना ही सदस्यता रद्द कर दी है.