केंद्रीय एजेंसियों की रिपोर्ट में कहा गया है कि शौर्य डोभाल को उनके पिता के विरोधियों से ख़तरा है, इसलिए ज़ेड श्रेणी की सुरक्षा दी गई. उनके अलावा पश्चिम बंगाल में चुनाव लड़ रहे भाजपा के कई उम्मीदवारों को वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई है.
बीते दिनों कारवां पत्रिका ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बेटे विवेक डोभाल की टैक्स हेवन देशों में कंपनियां खोलने से संबंधित रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसे लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने उन देशों से आए एफडीआई पर सवाल उठाए थे.
डी-कंपनी नाम से अब तक दाऊद का गैंग ही होता था. भारत में एक और डी कंपनी आ गई है. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और उनके बेटे विवेक और शौर्य के कारनामों को उजागर करने वाली कारवां पत्रिका की रिपोर्ट में यही शीर्षक दिया गया है.
देश के उच्च संस्थानों के प्रमुख पदों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने चहेते नौकरशाहों को जगह दी हुई है और गुजरात के इन 'मोदीफाइड' अफ़सरों को केंद्र में लाने के लिए अक्सर नियमों को ताक पर रखा गया है.
मोदी सरकार के मंत्रियों को जूनियर डोभाल से सीख लेकर पाकिस्तान और पाकिस्तानियों के प्रति नफ़रत दिखाना बंद कर देना चाहिए.
हम भी भारत की आठवीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम एनएसए अजीत डोभाल के बेटे शौर्य डोभाल द्वारा संचालित इंडिया फाउंडेशन में हितों के टकराव संबंधी रिपोर्ट पर पत्रकार स्वाति चतुर्वेदी और द वायर के संपादक एमके वेणु से चर्चा कर रही हैं.
द वायर की रिपोर्ट पर इंडिया फाउंडेशन की प्रतिक्रिया बेहद असंतोषजनक है. फाउंडेशन द्वारा न तो रिपोर्ट में उठाये गये और न ही निदेशकों को भेजे गए किसी सवाल का स्पष्ट जवाब दिया गया है.
विशेष रिपोर्ट: शौर्य डोभाल द्वारा संचालित इंडिया फाउंडेशन में मोदी सरकार के मंत्री निदेशक हैं. यह संस्थान कई ऐसे कॉरपोरेट्स से चंदा लेता है, जो सरकार के साथ सौदे भी करते हैं.