स्मृति शेष: इरतिज़ा निशात नहीं रहे. बे-ज़बानों की शायरी करने वाले इस शायर ने ख़ुशहाली से ज़्यादा संघर्ष के दिन गुज़ारे और एक तरह की गुमनामी ओढ़कर दुनिया से चले गए. अब शायद इनको सच्ची श्रद्धांजलि यही हो कि इनकी शायरी किसी तरह उर्दू-हिंदी के पाठकों तक पहुंचे.
जन्मदिन विशेष: हर बड़े शायर की तरह जोश मलीहाबादी को लेकर विवाद भी हैं और सवाल भी, लेकिन इस कारण यह तो नहीं ही होना चाहिए था कि आलोचना अपना यह पहला कर्तव्य ही भूल जाए कि वह किसी शायर की शायरी को उसकी शख़्सियत और समय व काल की पृष्ठभूमि में पूरी ईमानदारी से जांचे.
वीडियो: मशहूर गीतकार साहिर लुधियानवी की पुण्यतिथि पर जाने-माने वैज्ञानिक, कलमकार, फिल्म निर्माता गौहर रज़ा से दामिनी यादव की बातचीत.
बहुत कम शायर अवाम की बेचेहरगी और अवसाद को सत्ता के ख़िलाफ़ अपनी आवाज़ बनाने में कामयाब हुए. ऐसे में राहत ने ग़ज़ल के हाशिये में पड़ी भाषा और मुंहफट चरित्रों को सत्ता के सामने खड़ा कर दिया. उनसे पहले भी शायरोंं ने सत्ता को आईना दिखाने की कोशिश की, लेकिन उनकी ग़ज़लें ज़रा ज़्यादा मुंहफट साबित हुईं.
वीडियो: उर्दू और पंजाबी की मशहूर लेखिका और कवियत्री सारा शगुफ़्ता सिर्फ 29 साल की उम्र में आत्महत्या कर ली थी. आज भी उनकी शायरी को एक औरत के दुखों के संदर्भ में पढ़ा जाता है. उनको याद करते हुए उनके जीवन संघर्ष को बता रही हैं यासमीन रशीदी.