अगस्त 2019 में जेएनयू छात्रसंघ की पूर्व नेता शेहला राशिद ने सिलसिलेवार ट्वीट कर भारतीय सेना पर जम्मू कश्मीर में लोगों को उठाने, छापेमारी करने और लोगों को प्रताड़ित करने के आरोप लगाए थे. अब इसके लिए दिल्ली के उपराज्यपाल ने उनके ख़िलाफ़ सीआरपीसी की धारा 196 के तहत मुक़दमा चलाने की मंज़ूरी दी है.
नवंबर 2020 में ज़ी न्यूज़ पर प्रसारित एक कार्यक्रम में जेएनयू की पूर्व छात्रा शेहला राशिद के पिता का साक्षात्कार दिखाया गया था, जिसमें उन्होंने शेहला पर आतंकी फंडिंग से जुड़ी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया था. शेहला ने दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिका में मांग की है कि चैनल बिना शर्त माफ़ी मांगे.
नवंबर 2020 में ज़ी न्यूज़ पर प्रसारित एक कार्यक्रम में जेएनयू की पूर्व छात्रा शेहला राशिद के पिता का साक्षात्कार दिखाया गया था, जिसमें उन्होंने शेहला पर आतंकी फंडिंग से जुड़ी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया था. एनबीडीएसए यह कहते हुए कि कार्यक्रम में निष्पक्षता की कमी थी, चैनल से उसकी वेबसाइट समेत सभी सोशल मीडिया मंचों से इसके वीडियो को हटाने को कहा है.
शहला राशिद, उनकी मां ज़ुबेदा अख़्तर और बहन अस्मा राशिद ने यह कहते हुए मुक़दमा दायर किया था कि उनके पिता अब्दुल राशिद शोरा झूठे और तुच्छ आरोप लगाकर उनकी प्रतिष्ठा को कम करने का काम कर रहे हैं, जिसमें उन्हें राष्ट्रविरोधी कहना तक शामिल है. प्रतिवादियों में अब्दुल, कुछ मीडिया आउटलेट्स, फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब और गूगल शामिल हैं.
शाह फ़ैसल ने जनवरी 2019 में सरकारी सेवा से इस्तीफ़ा देकर दो महीने बाद मार्च महीने में जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट पार्टी का गठन किया था. बीते सोमवार को उन्होंने इस पार्टी के अध्यक्ष पद से भी इस्तीफ़ा दे दिया.
जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (जेकेपीएम) पार्टी ने बयान जारी कर कहा है कि जब तक अध्यक्ष पद के लिए औपचारिक चुनाव नहीं हो जाते, तब तक पार्टी के उपाध्यक्ष फ़िरोज़ पीरज़ादा को सर्वसम्मति से अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त करने का फ़ैसला किया गया है.
जेएनयू की पूर्व छात्र नेता शेहला राशिद पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फ़ैसल की पार्टी जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (जेकेपीएम) से इसी साल मार्च में जुड़ी थीं. राशिद का कहना है कि वह कार्यकर्ता के तौर पर काम करना जारी रखेंगी.
राजद्रोह का गंभीर आरोप यह बताता है कि सरकार ट्रोल्स से सहमत है कि शेहला एक ख़तरनाक इंसान हैं.
जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट की नेता शेहला राशिद ने बीते महीने कश्मीर में भारतीय सेना द्वारा स्थानीयों को प्रताड़ित करने के आरोप लगाए थे, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट के एक वकील की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने उनके ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की है.
शेहला राशिद के सेना द्वारा पूरे क्षेत्र में डर का माहौल बना देने के आरोपों को सेना ने ख़ारिज करते हुए आधारहीन बताया. शेहला का कहना है कि अगर सेना इनकी निष्पक्ष जांच करना चाहे, तो वे ऐसी घटनाओं की जानकारी दे सकती हैं.
पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल ने कश्मीर में लगातार हो रही हत्याओं और भारतीय मुसलमानों के हाशिये पर होने का आरोप लगाते हुए जनवरी में पद से इस्तीफ़ा दे दिया था.
बीते शनिवार को शहला राशिद ने एक ट्वीट में दावा किया था कि गुस्साई भीड़ की वजह से देहरादून के हॉस्टल में कुछ कश्मीरी लड़कियां फंसी हुई हैं. पुलिस कहा कहना है कि उनका ये दावा ग़लत था और इसी वजह से उनके ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज किया गया है.
दिल्ली के संसद मार्ग पर मंगलवार को हुई युवा हुंकार रैली में वडगाम से विधायक जिग्नेश मेवाणी ने प्रधानमंत्री मोदी से पूछा कि वे संविधान और मनुस्मृति में से किसे चुनेंगे.
पुलिस बलों की भारी मौजूदगी में शुरू हुई रैली. कई विश्वविद्यालयों के छात्र मौजूद.
ट्रोलिंग पर विशेष सीरीज़: जेएनयू छात्रसंघ की पूर्व उपाध्यक्ष शहला राशिद बता रही हैं कि सोशल मीडिया पर अब ट्रोलिंग नहीं हो रही है बल्कि गालियां और रेप की धमकी दी जा रही हैं जो कि आपराधिक कृत्य है.