प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना को पहली बार साल 2015 में सरकार द्वारा कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के तहत पेश किया गया था, जिसका उद्देश्य युवाओं को कौशल प्रशिक्षण लेने के लिए प्रेरित करना था.
दिल्ली के कौशल विकास मंत्रालय के दफ़्तर के बाहर प्रदर्शन करने वाले केंद्र संचालकों का आरोप है कि सरकार ने सेंटर तो शुरू करवा दिया, लेकिन काम सिर्फ बड़े-बड़े उद्योग घरानों को दे रही है.
श्रम सचिव एम. सत्यवती ने कहा, हर साल एक करोड़ युवा रोज़गार चाहने वालों में शामिल होते हैं. दुर्भाग्य से नौकरी पाने के लिए कई युवाओं में ज़रूरी कौशल नहीं होता.