जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधान हटाए जाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटे जाने के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में अधिकतर दलों ने राज्य का पूर्ण दर्जा बहाल करने की मांग उठाई. बैठक के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि परिसीमन की प्रक्रिया और शांतिपूर्ण चुनाव जम्मू कश्मीर में पूर्ण राज्य की बहाली के प्रमुख मील के पत्थर हैं.
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के ‘रॉयटर्स इंस्टिट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ जर्नलिज्म’ द्वारा किए सर्वेक्षण में कहा गया है कि भारत में पुराने प्रिंट ब्रांड और सरकारी प्रसारक दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो अधिक भरोसेमंद हैं, जबकि प्रिंट मीडिया, सामान्य तौर पर समाचार चैनलों की तुलना में अधिक भरोसेमंद माने गए.
आगरा के एक पशु चिकित्सक का कहना है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद मेनका गांधी ने उन्हें कथित रूप से गालियां देते हुए उनका लाइसेंस रद्द कराने की धमकी दी. इंडियन वेटनरी एसोसिएशन ने भाजपा सांसद से उनकी टिप्पणी वापस लेने और सार्वजनिक माफ़ी की मांग की है.
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने सहित राजनीतिक प्रक्रियाओं को मज़बूत करने की केंद्र की पहल के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 जून को वहां के सभी राजनीतिक दलों के साथ बैठक की अध्यक्षता करेंगे. नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और माकपा के गठबंधन ‘गुपकर’ ने भी इस बैठक में शामिल होने की बात कही है.
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने सहित राजनीतिक प्रक्रियाओं को मज़बूत करने की केंद्र की पहल के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 जून को वहां के सभी राजनीतिक दलों के साथ बैठक की अध्यक्षता कर सकते हैं. यह बैठक केंद्र द्वारा अगस्त 2019 में जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को निरस्त करने और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजन करने की घोषणा के बाद से इस तरह की पहली कवायद होगी.
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कहा कि पारदर्शी वैधानिक तंत्र मुहैया कराने के लिए नियमों में संशोधन किया गया है और इससे लोगों को लाभ होगा. संशोधित नियम के मुताबिक चैनलों पर प्रसारित किसी भी कार्यक्रम से परेशानी होने पर दर्शक उस संबंध में प्रसारक से लिखित शिकायत कर सकता है.
सनातन संस्था के तीन फेसबुक पेज सितंबर 2020 में ब्लॉक कर दिए गए थे. संस्था का कहना है कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन है.
मामला पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार ज़िले के कुमारग्राम थाना क्षेत्र का है. सोशल मीडिया पर घटना से संबंधित कथित वीडियो सामने आने के बाद पुलिस ने एफ़आईआर दर्ज की है. इस सिलसिले में 12 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.
ट्विटर इंडिया ने कुछ दिनों पहले कार्टूनिस्ट मंजुल को एक नोटिस भेजा था, जिसमें कहा गया था कि भारतीय क़ानून प्रवर्तन ने शिकायत की है कि उनके ट्विटर हैंडल का कंटेंट भारतीय क़ानून का उल्लंघन करता है और इसके लिए ट्विटर को उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई करनी चाहिए.
केंद्रशासित जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बीते छह जून को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की एक बैठक में शामिल हुए थे. इसके बाद से एक तरफ़ जहां जम्मू को अलग राज्य बनाने की अफ़वाह गर्म है, दूसरी ओर ऐसी अटकलें भी लगाई जा रही हैं कि केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने पर विचार कर सकती है.
साल 2018 में राज्य में भाजपा के सत्ता में आने के बाद से ही पत्रकारों पर हमले हो रहे हैं और बीते सितंबर में मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब के पत्रकारों को धमकी देने के बाद से इसमें इज़ाफ़ा हुआ है. 2020 में पत्रकारों पर हमले के 17 मामले दर्ज किए हुए जबकि 2021 में अब तक ऐसे सात मामले दर्ज किए गए हैं.
वीडियो: हाल ही में ट्विटर ने लोकप्रिय कार्टूनिस्ट मंजुल को एक ईमेल भेजकर कहा था कि उनके एकाउंट के ख़िलाफ़ भारत सरकार से शिकायत मिली है. भारत सरकार का मानना है कि उनके ट्विटर एकाउंट का कंटेंट भारत के क़ानूनों का उल्लंघन करता है. ट्विटर ने मंजुल को सुझाव दिया कि वे क़ानूनी सलाह ले सकते हैं और कोर्ट में सरकार के अनुरोध को चुनौती दे सकते हैं.
ट्विटर इंडिया ने कार्टूनिस्ट मंजुल को ईमेल भेजकर कहा है कि भारतीय क़ानून प्रवर्तन ने शिकायत की है कि उनके ट्विटर हैंडल का कंटेंट भारतीय कानून का उल्लंघन करता है. हालांकि, ट्विटर ने कहा कि उन्होंने कंटेंट को लेकर कोई कार्रवाई शुरू नहीं की है.
लेफ्ट फ्रंट के संयोजक बिजन धर ने अगरतला में हुए कुछ हमलों को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखी थीं, जिसके बाद त्रिपुरा पुलिस ने उन पर कथित तौर पर हिंसा भड़काने के लिए मामला दर्ज किया है. धर के अलावा माकपा के पूर्व सांसद जितेंद्र चौधरी और विधायक भानु लाल साहा के ख़िलाफ़ भी उनकी कई पोस्ट को लेकर एफआईआर दर्ज हुई है.
भाजपा नेता अजय श्याम ने हिमाचल प्रदेश के शिमला ज़िले के कुमारसैन थाने में पिछले साल विनोद दुआ के ख़िलाफ़ राजद्रोह समेत विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कराया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि विनोद दुआ ने अपने यूट्यूब कार्यक्रम में प्रधानमंत्री पर आरोप लगाए थे कि उन्होंने वोट लेने के लिए ‘मौतों एवं आतंकी हमलों’ का इस्तेमाल किया है. सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कहा है कि मीडिया के संदर्भ में राजद्रोह क़ानून की सीमाएं तय करने की