‘लव जिहाद’ शब्दावली से असहमत, अंतरधार्मिक विवाह से कोई समस्या नहीं: दुष्यंत चौटाला

हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की यह टिप्पणी 5 मार्च को विधानसभा के बजट सत्र के दौरान राज्य सरकार के 'लव जिहाद' पर विधेयक तैयार करने की पृष्ठभूमि में आई है.

रेप के आरोपी से शादी के बयान पर नारीवादियों व महिला समूहों ने सीजेआई का इस्तीफ़ा मांगा

चार हज़ार से अधिक महिला अधिकार कार्यकर्ताओं, प्रगतिशील समूहों और नागरिकों ने सीजेआई एसए बोबडे से पद छोड़ने की मांग करते हुए कहा कि उनके शब्द अदालत की गरिमा पर दाग़ लगा रहे हैं और उस चुप्पी को बढ़ावा दे रहे हैं जिसे तोड़ने के लिए महिलाओं ने कई दशकों तक संघर्ष किया है.

‘भरोसा किया था हमने अवाम औ’ ज़िंदगी पर और उन्होंने मायूस न किया हमें’

'इत्मीनान' शीर्षक की यह कविता ग्वाटेमाला के क्रांतिकारी कवि ओतो रेने कास्तियो ने लिखी थी, जिन्हें ग्वाटेमाला की फौज ने 19 मार्च 1967 को जान से मार दिया था.

मीडिया बोल: चुटकुला बनती सियासत और मीडिया

वीडियो: मौजूदा दौर में राजनीति और मीडिया के बड़े मंच ऐसे दयनीय हाल में हैं कि ख़ुद ही चुटकुला बन गए हैं. दूसरी तरफ गंभीर पत्रकारों या कॉमेडियंस की टिप्पणियों से कभी सरकार, तो कभी न्यायपालिका को आहत हो रहे हैं. इन्हीं मुद्दों पर वरिष्ठ पत्रकार प्रियदर्शन और टीवी एंकर मीनाक्षी श्योराण से चर्चा कर रहे हैं उर्मिलेश.

क्यों शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश को उग्र हिंदुत्व की राह पर ले जाने की कोशिश कर रहे हैं

विशेष रिपोर्ट: मध्य प्रदेश में बीते कुछ महीनों में नए धर्मांतरण क़ानून, कई शहरों में सांप्रदायिक तनाव, कॉमेडियन मुनव्वर फ़ारूक़ी की गिरफ़्तारी समेत कई घटनाएं शिवराज सरकार का बदला हुआ रूप दिखा रही हैं.

स्वर पर पहरे लगाकर किस सरस्वती की आराधना की जानी चाहिए…

निराला ने वीणावादिनी से 'नव गति, नव लय, ताल-छंद नव, नवल कंठ' मांगे थे, लेकिन आज जिन पैरों में नई गति है, उन्हें बेड़ियों से बांध दिया गया है. कंठ पर ताला है और नएपन की जगह कारागार है. जब मेरा स्वर नहीं तो क्या मैं सरकारी कंठ से प्रार्थना करूं? क्या यह देवी का अपमान नहीं?

गुजरात में ‘लव जिहाद’ के ख़िलाफ़ क़ानून लाएंगे: मुख्यमंत्री विजय रूपाणी

लव जिहाद हिंदूवादी संगठनों द्वारा इस्तेमाल में लाई जाने वाली शब्दावली है, जिसमें कथित तौर पर हिंदू महिलाओं को ज़बरदस्ती या बहला-फुसलाकर उनका धर्म परिवर्तन कराकर मुस्लिम व्यक्ति से उसका विवाह कराया जाता है. भाजपा शासित उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में ऐसा क़ानून लाया जा चुका है.

एमपी: वैलेंटाइन डे पर ‘लव जिहाद’ के नाम पर तोड़-फोड़, पूर्व भाजपा विधायक समेत 17 गिरफ़्तार

भोपाल में ‘वैलेंटाइन डे’ के विरोध में कुछ हिंदुत्ववादी संगठनों ने शहर के एक हुक्का लाउंज और एक रेस्तरां में तोड़फोड़ की. इस मामले में पूर्व भाजपा विधायक सुरेंद्र नाथ सिंह को गिरफ़्तार किया गया है.

प्यार के नाम पर हाथों में पत्थर नहीं, फूल थामो

वीडियो: हवाओं में नफ़रत इतनी घुल गई है कि ज़बानों पर ही नहीं सोच तक में ज़हर उतर आया है और हम दुनिया को मोहब्बत का पाठ पढ़ाने का दावा करने वाले ख़ुद मोहब्बत के सबक भूलते जा रहे हैं. आज प्यार के नाम पर हमारे हाथों में फूल नहीं होते, बल्कि पत्थर होते हैं, जो किसी के सिर का ज़ख़्म बनने को बेताब रहते हैं.

डीएन झा: वो इतिहासकार, जिसने तथ्यों-तर्कों के आधार पर इतिहास से जुड़े मिथकों को तोड़ा

डीएन झा ने राष्ट्रवादी इतिहासकारों द्वारा हिंदू संस्कृति को भारतीय संस्कृति का पर्याय बताने, सामाजिक विषमताओं की अनदेखी की आलोचना की थी. वे कहते थे कि ऐसे लोगों ने राष्ट्रीय आंदोलन को वैचारिक औज़ार तो दिया, लेकिन भारतीय इतिहास संबंधी उनका लेखन ब्रिटिश इतिहासकारों से कम समस्याग्रस्त नहीं था.

सत्ता में आए तो सबरीमला पर बनेगा क़ानून, अनधिकृत प्रवेश पर रोक सुनिश्चित करेंगे: केरल कांग्रेस

2018 में सुप्रीम कोर्ट ने केरल के प्राचीन सबरीमला मंदिर में 10 से 50 वर्ष के आयु समूह की महिलाओं के प्रवेश न करने की परंपरा के ख़िलाफ़ उन्हें प्रवेश की अनुमति दी थी. प्रदेश कांग्रेस का कहना है कि अगर वे सत्ता में आए तो मंदिर की परंपरा की रक्षा के लिए क़ानून बनेगा और इसके उल्लंघन पर दो साल की सज़ा होगी.

देशव्यापी ‘लव जिहाद’ क़ानून लाने की कोई योजना नहीं: गृह मंत्रालय

लोकसभा में एक सवाल के जवाब में गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि संबंधित मुद्दे बुनियादी रूप से राज्य सरकारों के विषय हैं और क़ानून का उल्लंघन होने पर एजेंसियां कार्रवाई करती हैं.

सावित्रीबाई फुले, मंटो और कैफ़ी आज़मी, तीन आवाज़ों की सदा एक-सी

वीडियो: महिलाओं के लिए शिक्षा की लौ जलाने वाली सावित्रीबाई फुले, अफ़सानानिगार सआदत हसन मंटो और शायर कैफ़ी आज़मी पर दामिनी यादव का नज़रिया.

क्या भारत कट्टरता के मामले में पाकिस्तान बनने की राह पर है?

बहुत साल पहले पाकिस्तान की कवियित्री फ़हमीदा रियाज़ ने लिखा था कि 'तुम बिल्कुल हम जैसे निकले, अब तक कहां छुपे थे भाई. वो मूरखता वो घामड़पन, जिसमें हमने सदी गंवाई, आख़िर पहुंची द्वार तुम्हारे... देश के आज के हालात में ये पंक्तियां सच के काफ़ी क़रीब नज़र आती हैं.

भारतीय मुसलमानों की विडंबना: हुए अपने ही घर में पराये

जिस तरह देश में सांप्रदायिक वैमनस्य बढ़ रहा है, उससे मुसलमानों के निराश और उससे कहीं ज़्यादा भयग्रस्त होने के अनेकों कारण हैं. समाज एक ‘बाइनरी सिस्टम’ से चलाया जा रहा है. अगर आप बहुसंख्यकवाद से सहमत हैं तो देशभक्त हैं, नहीं तो जिहादी, शहरी नक्सल या देशद्रोही, जिसकी जगह जेल में है या देश से बाहर.

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