जांच के बाद महाराष्ट्र पुलिस ने बताया कि पाकिस्तान के कराची शहर में बच्चा चोरी के ख़िलाफ़ जागरूकता फैलाने के लिए बनाए गए एक वीडियो को एडिट कर उसे भारत में बच्चा चोरी करने की घटना बताकर सोशल मीडिया पर प्रसारित किया गया. महाराष्ट्र में पिछले डेढ़ महीने में अफवाह के चलते भीड़ की हिंसा या पीट-पीट कर हत्या करने की 14 घटनाओं में 10 लोगों की जान जा चुकी है.
हम भी भारत की 41वीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी बीते दिनों देश के विभिन्न हिस्सों में हुई मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर जेएनयू के प्रोफेसर विवेक कुमार और लेखक पुरुषोत्तम अग्रवाल से चर्चा कर रही हैं.
पुरुषत्व और मर्दवाद की स्थापना के चलते लड़कों के लैंगिक शोषण को महत्वहीन विषय माना गया है. यदि कोई यह शिकायत करता है तो उसे अपमान झेलना पड़ता है और कमज़ोर माना जाता है.
भीड़ द्वारा निर्दोष लोगों को पीट-पीटकर मार डालने की घटनाओं की रोकथाम का केंद्र सरकार के पास कोई कार्यक्रम नहीं है, इसलिए वह सिर्फ़ राज्य सरकारों को सतर्क रहने को कहकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर लेना चाहती है.
राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त फिल्मकार सईद अख़्तर मिर्ज़ा की किताब के लोकार्पण के मौके पर फिल्मकार महेश भट्ट ने कहा कि हमारे देश की आत्मा सरकार से बहुत बड़ी है. यह देश सरकार नहीं है.
वीडियो: देश भर में अफ़वाहों के चलते बढ़ रही मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर से द वायर के कार्यकारी संपादक बृजेश सिंह की बातचीत.
गांववालों का आरोप है कि इस व्यक्ति ने एक बच्ची को जबरन गाड़ी में बैठाने की कोशिश की, व्यक्ति का कहना है कि वह सिर्फ पीने का पानी मांग रहा था.
देशभर में व्हाट्सऐप से फैली बच्चे चोरी होने की अफ़वाह से बढ़ीं हिंसा की घटनाएं. तमिलनाडु में प्रवासी मजदूरों पर बच्चा चोरी के संदेह में हुआ हमला, असम में बच्चे चुराने के शक में विक्षिप्त महिला को खंबे से बांधकर पीटा.
जन गण मन की बात की 265वीं कड़ी में विनोद दुआ भाजपा नेताओं की विज्ञान विरोधी मानसिकता पर चर्चा कर रहे हैं.
थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन के सर्वे में 193 देशों को शामिल किया गया था, जिनमें से महिलाओं के लिए बदतर शीर्ष 10 देशों का चयन किया गया. सूची में युद्धग्रस्त अफगानिस्तान और सीरिया दूसरे और तीसरे, सोमालिया चौथे और सउदी अरब पांचवें स्थान पर है.
महिलाओं ने सुसाइड नोट में लिखा कि समलैंगिक संबंधों को लेकर समाज के रवैये से हो रही थीं मुश्किलें. तीन साल बेटी को भी नदी में फेंका.
7 जून 2018 को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नागपुर मुख्यालय पर हुए समारोह में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा दिया गया पूरा भाषण.
हबीब तनवीर की जितनी थियेटर पर पकड़ थी, उतनी ही मज़बूत पकड़ समाज, सत्ता और राजनीति पर थी. वे रंगमंच को एक पॉलिटिकल टूल मानते थे. उनका कहना था कि समाज और सत्ता से कटकर किसी क्षेत्र को नहीं देखा जा सकता.
सेहत के लिए हानिकारक होने के चलते अमिताभ बच्चन ने साल 2014 में पेप्सी के साथ अपना क़रार रद्द कर दिया था. स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को उम्मीद है कि अमिताभ हॉर्लिक्स के साथ भी ऐसा ही करेंगे.
ग्राउंड रिपोर्ट: घरों में काम करने वाले घरेलू सहायकों के साथ हो रहे ग़ैर-क़ानूनी और अमानवीय व्यवहार की अनदेखी उनके ज़ख्मों को और गहरा बना रही है.