एल्गार परिषद मामले में लंबे समय से जेल में बंद सात कार्यकर्ताओं- सुरेंद्र गाडलिंग, हेनी बाबू, रोना विल्सन, सागर गोरखे और रमेश गाइचोर, सुधीर धवले और महेश राउत ने 18 अक्टूबर से अनशन शुरू किया है. बताया गया है कि मामले में पिछली तीन सुनवाई के दौरान उन्हें अदालत में पेश नहीं किया गया.
मध्य प्रदेश के पूर्व भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय पर 2019 में नगर निगम अधिकारी से मारपीट का आरोप लगा था और घटना के वीडियो वायरल हुए थे. अब उक्त अधिकारी ने कोर्ट में कहा कि उन्हें नहीं पता कि पीछे से बल्ला मारने वाला कौन था.
इस डॉक्यूमेंट्री-सीरीज़ का का नाम ‘द इंद्राणी मुखर्जी स्टोरी: द बरीड ट्रुथ’ है. यह 25 वर्षीय शीना बोरा के लापता होने की कहानी बताती है और इसका प्रीमियर 23 फरवरी को स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर होने वाला है. 2012 में इंद्राणी, उनके तत्कालीन ड्राइवर श्यामवर राय और पूर्व पति संजीव खन्ना ने एक कार में शीना की कथित तौर पर गला घोंटकर हत्या कर दी थी.
माओवादियों और आतंकवादियों को हथियारों और गोला-बारूद की आपूर्ति का खुलासा तब हुआ, जब 10 अप्रैल 2010 को रामपुर में यूपी एसटीएफ द्वारा सीआरपीएफ के दो कॉन्स्टेबलों को कई कारतूसों के साथ गिरफ़्तार किया था. उस साल 6 अप्रैल को छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में एक घातक माओवादी हमले में सीआरपीएफ के 76 जवानों की मौत हो गई थी.
13 मई, 2008 को जयपुर में हुए सिलसिलेवार विस्फोटों में 71 लोगों की मौत हो गई थी. ट्रायल कोर्ट ने साल 2019 में मामले के चार आरोपियों को मौत की सज़ा सुनाई थी. राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा कि साक्ष्य का कोई भी पहलू साबित नहीं हुआ और कुछ साक्ष्य मनगढ़ंत भी प्रतीत होते हैं. दोषी पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ जांच के निर्देश भी दिए गए.
सीबीआई ने आरोप लगाया कि द्रमुक नेता ए. राजा ने मंत्री पद पर रहने के दौरान 5.53 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित की थी, जिसमें उस कंपनी को मिली 4.56 करोड़ रुपये की रकम भी शामिल है, जिसमें उनके क़रीबी रिश्तेदार निदेशक थे.
2014 में मुरादाबाद ज़िले के कांठ थाना क्षेत्र के एक मंदिर से लाउडस्पीकर उतारने पर प्रशासन के ख़िलाफ़ भाजपा ने विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था. अब एक विशेष अदालत ने प्रदर्शन के दौरान पुलिसकर्मियों पर हमला करने के आरोपी कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी और स्थानीय भाजपा विधायक रितेश कुमार गुप्ता समेत सभी 74 आरोपियों को बरी कर दिया है.
उत्तर प्रदेश में 2012 में एक किसान आंदोलन के दौरान कथित तौर पर ट्रेन सेवा बाधित करने के लिए राज्य के मंत्री कपिल अग्रवाल, विधायक उमेश मलिक और पूर्व विधायक अशोक कंसल सहित आठ भाजपा नेताओं पर एक विशेष अदालत ने मुकदमा शुरू किया. भाजपा नेताओं ने ख़ुद को ‘निर्दोष’ बताया है.
एक विशेष अदालत ने सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रजापति समेत तीन अभियुक्तों को एक महिला के सामूहिक बलात्कार और उनकी नाबालिग बेटी के रेप के प्रयास का दोषी ठहराया है. फरवरी, 2017 में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद प्रजापति को मार्च में गिरफ़्तार किया गया था और तब से वह जेल में हैं.
पुलिस ने 2006 में उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर ज़िले के जानसठ रोड पर एक मांस फैक्ट्री के बाहर प्रदर्शन के बाद विधायक समेत कई लोगों के ख़िलाफ़ आईपीसी की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया था. इसी महीने सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि राज्य के अभियोजक उच्च न्यायालयों की पूर्व मंज़ूरी के बिना सीआरपीसी के तहत जन प्रतिनिधियों के ख़िलाफ़ दर्ज मुक़दमे वापस नहीं ले सकते हैं.
एल्गार परिषद मामले में आरोपी दिल्ली विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर हेनी बाबू को आंख के संक्रमण का उपचार पूरा होने के बाद मुंबई के एक निजी अस्पताल से वापस तलोजा जेल भेजा जाएगा. अदालत ने निर्देश दिया कि उनके जेल में आने के बाद जब भी आवश्यक हो, उन्हें मेडिकल देखभाल दी जाए.
एलगार परिषद-भीमा कोरेगांव मामले में नवी मुंबई की तलोजा जेल में बंद दिल्ली विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर हेनी बाबू को मई में कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद सरकारी जेजे अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बाद में उन्हें मुंबई के जीटी अस्पताल रेफर किया गया था और अब ब्रीच कैंडी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है.
केरल के चार सांसदों और दो विधायकों समेत अकादमिक जगत के लोगों तथा कार्यकर्ताओं की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हेनी बाबू को कोरोना वायरस से बचाने के लिए ये क़दम उठाने की ज़रूरत है. उन्होंने कहा कि भीमा कोरेगांव मामले में उन्हें ग़लत तरीके से फंसाया गया है.
मामला फ़िरोज़ाबाद ज़िले के जसराना थाना क्षेत्र का है, जहां पिछले दिसंबर में गांव के एक युवक ने रिश्ते में भतीजी लगने वाली दस वर्षीय बच्ची से बलात्कार किया था. पॉक्सो के तहत गठित विशेष अदालत ने साढ़े तीन महीने के अंदर आरोपी को दोषी करार दिया और मौत की सज़ा सुनाई.
जिन लोगों को समन जारी किया गया है उनमें निहाल सिंह राठौड़, विप्लव तेलतुम्बड़े और एक अन्य वकील शामिल हैं. राठौड़ इस मामले में कई आरोपियों के केस लड़ रहे हैं, वहीं विप्लव तेलतुम्बड़े जाने-माने दलित अधिकार कार्यकर्ता आनंद तेलतुम्बड़े के संबंधी हैं.