संसद सत्र से पहले आयोजित सर्वदलीय बैठक में भाजपा के एक सहयोगी सहित तीन क्षेत्रीय दलों- जनता दल (यूनाइटेड), बीजू जनता दल और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने बिहार, ओडिशा और आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जे की मांग रखी. वहीं, कांग्रेस ने डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को देने की मांग उठाई.
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने कथित तौर पर लगभग 7,000 कर्मचारियों को श्रीनगर के बख्शी स्टेडियम में एक रैली में भाग लेने का निर्देश दिया है, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 7 मार्च को संबोधन करने वाले हैं. यह रैली पिछले नौ वर्षों में श्रीनगर में मोदी की पहली रैली होगी.
भारत के मुख्य न्यायाधीश के नेतृत्व वाली पांच जजों की संविधान पीठ 2019 में अनुच्छेद 370 में प्रावधानों में संशोधन कर जम्मू कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा ख़त्म करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है. केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल ने दोहराया कि जम्मू कश्मीर का केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा ‘अस्थायी’ है.
अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 की अधिकतर धाराओं को ख़त्म कर जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के मोदी सरकार के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कम से कम 23 याचिकाएं दाख़िल की गई है. बीते 10 जुलाई को एक नया हलफ़नामा दाख़िल कर सरकार ने अपने फैसले का बचाव किया है.
सर्वदलीय बैठक को समझने के लिए जम्मू कश्मीर का विशेषज्ञ होने की ज़रूरत नहीं, मामूली राजनीतिक और नैतिक सहज बोध काफी है. भारत सरकार ने क्यों उन्हीं नेताओं को बुलाया, जिन्हें वह खुद अप्रासंगिक कहती रही है? कारण साफ है. वह ऐसी बैठकों के ज़रिये 5 अगस्त 2019 को उठाए असंवैधानिक कदम को एक तरह की सार्वजनिक वैधता दिलाना चाहती है.
बीते 24 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के बाद जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने यह टिप्पणी की है. उन्होंने जम्मू कश्मीर का परिसीमन देश के बाकी राज्य के साथ 2021 की जनगणना के बजाय 2011 की जनगणना पर कराने पर भी सवाल उठाए. नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने उन चर्चाओं को ख़ारिज कर दिया कि प्रधानमंत्री के साथ बैठक गुपकर घोषणा-पत्र गठबंधन (पीएजीडी) के अंत का संकेत है.
गुजरात काडर के 1985 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी (सेवानिवृत) जीसी मुर्मू का कैग के तौर पर कार्यकाल 20 नवंबर 2024 तक होगा. बीते पांच अगस्त को उन्होंने जम्मू कश्मीर के उप-राज्यपाल पद से अचानक इस्तीफ़ा दे दिया था.
वीडियो: जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा छिनने और उसके विभाजन को एक साल पूरा हो गया. इस एक वर्ष में वहां के लोगों, समाज, सियासत और मीडिया का सफ़र कैसा रहा, इस बारे ने जम्मू कश्मीर के पूर्व वार्ताकार एमएम अंसार और कश्मीर टाइम्स की संपादक अनुराधा भसीन से वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश की बातचीत.
1985 बैच के आईएएस अधिकारी जीसी मुर्मू के इस्तीफ़े के कारणों पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उन्हें नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) नियुक्त किया जा सकता है.
संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाते हुए जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्म करने के केंद्र सरकार के पिछले साल पांच अगस्त के फैसले के बाद से ही पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला हिरासत में हैं.
नवगठित ‘जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी’ के एक शिष्टमंडल ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. गृह मंत्री ने हिरासत में रखे गए नेताओं की रिहाई को आश्वासन दिया.
अमेरिका की महिला सांसद डेबी डिंगेल ने कहा है कि जम्मू कश्मीर में अन्यायपूर्ण तरीके से हज़ारों लोगों को हिरासत में लिया गया है और लाखों लोगों की पहुंच इंटरनेट और टेलीफोन तक नहीं है.
जम्मू कश्मीर में साल 2018 में पत्थर फेंकने की 1458 और 2017 में 1412 घटनाएं दर्ज की गईं. पिछले साल पांच अगस्त को विशेष राज्य का दर्जा हटाने के बाद से यहां 1193 घटनाएं दर्ज की गई हैं. अगस्त 2019 में राज्य में पत्थरबाज़ी की कुल 658 घटनाएं सामने आईं, जबकि उससे पहले जुलाई में सिर्फ़ 26 घटनाएं हुई थीं.
पिछले साल पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा ख़त्म करने के बाद से प्रशासन ने संचार की सभी लाइनों- लैंडलाइन टेलीफोन सेवा, मोबाइल फोन सेवा और इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया था.
केंद्र की मोदी सरकार ने बीते पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने संबंधी अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख में विभाजित करने का फैसला किया था. कश्मीर घाटी में अब भी मोबाइल इंटरनेट सेवा पर बहाल नहीं की गई है.