विवादित स्पायवेयर पेगासस की निर्माता इज़रायली कंपनी एनएसओ ग्रुप के सीईओ शालेव हुलिओ एक साल से भी कम समय के अंदर इस पद से इस्तीफ़ा देने वाले दूसरे व्यक्ति हैं. कंपनी का कहना है कि उनके चीफ ऑपरेटिंग अधिकारी यारोन शोहात अंतरिम आधार पर फर्म का कामकाज और प्रबंधन देखेंगे.
इज़रायली स्पायवेयर पेगासस जासूसी मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित तकनीकी समिति ने पिछले महीने लोगों अपील की थी कि जिनके पास यह मानने का पर्याप्त कारण मौजूद है कि उनके मोबाइल फोन स्पायवेयर से प्रभावित हैं, तो अपने फोन जांच के लिए जमा करा दें. हालांकि तय समयसीमा तक पर्याप्त संख्या में फोन नहीं जमा होने पर अदालत ने इसकी समयसीमा बढ़ा दी है.
पेगासस स्पायवेयर पर ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की एक हालिया रिपोर्ट पर सवालों के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि जिस कथित मामले का संदर्भ दिया गया है, उसकी जांच सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एक समिति द्वारा की जा रही है. बागची ने कहा कि 2017 में प्रधानमंत्री की इज़रायल यात्रा के संबंध में कई समझौता-पत्रों पर हस्ताक्षर किए गए, जिसका विवरण सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार ने हमारे लोकतंत्र की प्राथमिक संस्थाओं, राजनेताओं व जनता की जासूसी करने के लिए पेगासस ख़रीदा था. माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर चुप्पी का मतलब केवल अपनी आपराधिक गतिविधि को स्वीकार करना है. न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि भारत ने 2017 में इज़रायल के साथ रक्षा सौदे के तहत पेगासस ख़रीदा था.
न्यूयॉर्क टाइम्स ने सालभर की पड़ताल के बाद एक रिपोर्ट में कहा कि भारत सरकार ने साल 2017 में हथियारों की ख़रीद के लिए इज़रायल के साथ हुए दो अरब डॉलर के रक्षा सौदे के तहत पेगासस खरीदा था. रिपोर्ट बताती है कि इज़रायली रक्षा मंत्रालय ने नए सौदों के तहत पोलैंड, हंगरी, भारत समेत कई देशों को पेगासस बेचा.
एनएसओ ग्रुप के अध्यक्ष का इस्तीफ़ा इज़रायल के एक न्यूज़ पोर्टल द्वारा प्रकाशित उस रिपोर्ट के बाद आया है, जिसमें दावा किया गया था कि देश की पुलिस ने भी पेगासस खरीदा था और इसे ग़ैरक़ानूनी तरीके से कुछ पूर्व सरकारी कर्मचारियों समेत कई नागरिकों के ख़िलाफ़ इस्तेमाल किया था.
पेगासस प्रोजेक्ट के तहत द वायर सहित 17 अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों ने जुलाई में बताया था कि विपक्षी नेताओं, सरकार से असहमति जताने वालों और सरकारी अधिकारियों को संभवतः पेगासस के ज़रिये निशाना बनाया गया.
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना व प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी भी दी कि सरकार को इस बात की जानकारी नहीं है कि अमेरिका ने एनएसओ ग्रुप को काली सूची में डाला है या नहीं. इज़रायल की एनएसओ ग्रुप कंपनी के पेगासस स्पायवेयर के ज़रिये नेता, पत्रकार, कार्यकर्ता, सुप्रीम कोर्ट के अधिकारियों के फोन कथित तौर पर हैक कर उनकी निगरानी की गई या फिर वे संभावित निशाने पर थे.