आतंकियों के साथ पकड़े गए जम्मू कश्मीर पुलिस के अधिकारी दविंदर सिंह को निलंबित कर दिया गया है. पुलिस के अनुसार पूछताछ के दौरान सामने आया है कि सिंह ने आतंकियों को श्रीनगर के हाई-सिक्योरिटी इलाके में स्थित अपने घर में पनाह दी थी.
कश्मीर प्रेस क्लब ने मीडिया के लिए इंटरनेट सेवाओं को तुरंत बहाल करने की मांग करते हुए कहा कि सरकार ने जानबूझकर ऐसी रोक लगाई है, ताकि सूचना के प्रवाह पर रोक लगाई जा सके.
श्रीनगर के नौहट्टा स्थित जामिया मस्जिद जुमे की नमाज़ के लिए पिछले लगभग चार महीने से बंद है. पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्म करने के साथ ही वहां इंटरनेट सेवा बंद है.
जम्मू कश्मीर प्रशासन ने राज्य का विशेष दर्जा ख़त्म करने और दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के बाद यहां के साढ़े चार सौ से अधिक कारोबारियों, पत्रकारों, वकीलों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं की एक सूची तैयार की है, जिनके विदेश जाने पर रोक लगाई गई है. प्रशासन ने किसी भी व्यक्ति को नहीं बताया है कि यह प्रतिबंध कब तक रहेगा.
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लिए जाने से पहले हिरासत में लिया गया था.
जेएनयू की पूर्व छात्र नेता शेहला राशिद पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फ़ैसल की पार्टी जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (जेकेपीएम) से इसी साल मार्च में जुड़ी थीं. राशिद का कहना है कि वह कार्यकर्ता के तौर पर काम करना जारी रखेंगी.
जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने पीडीपी नेताओं को पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती से मुलाकात की अनुमति दी थी. राज्यपाल ने अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पर्यटकों के लिए जारी सुरक्षा परामर्श वापस लेने का निर्देश दिया. 10 अक्टूबर से आ सकते हैं पर्यटक.
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने एक दिन पहले ही नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रतिनिधिमंडल को फारूक और उमर अब्दुल्ला से मिलने की मंजूरी दी थी.
सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 370 पर केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली नई याचिकाओं पर रोक लगा दी है.
जम्मू कश्मीर में जारी पाबंदी के ख़िलाफ़ दाख़िल याचिकाओं की सुनवाई कर रहे दोनों न्यायाधीश- सीजेआई रंजन गोगोई और जस्टिस एसए बोबडे, अयोध्या पीठ का भी हिस्सा हैं. पीठ ने अयोध्या मामले की सुनवाई ख़त्म करने के लिए 18 अक्टूबर की समयसीमा तय की है.
अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र में एक रैली को संबोधित करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कश्मीर का भारत में ‘एकीकरण नहीं करने’ को लेकर नेहरू की आलोचना की.
वीडियो: जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला को जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत हिरासत में लिया गया है. पीएसए के तहत बिना ट्रायल के व्यक्ति को दो साल तक हिरासत में रखा जा सकता है. इस मुद्दे पर चर्चा कर रही हैं द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.
कश्मीर के माकपा नेता और पूर्व विधायक मोहम्मद यूसुफ तारिगामी पहले ऐसे कश्मीरी नेता हैं जो हिरासत में रखे जाने के बाद दिल्ली आ सके. नई दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि पाबंदियों के कारण कश्मीरी धीरे-धीरे मर रहे हैं, घुटन हो रही है वहां.
जम्मू कश्मीर में चार अगस्त की शाम से पाबंदियां लागू हैं. परेशान पत्रकारों ने अब मांग की है कि सरकार को कम से कम मीडिया संस्थानों के ब्रॉडबैंड कनेक्शन बहाल करने चाहिए.
जम्मू कश्मीर में लगी पाबंदियों के कारण अभिभावक बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं और उन्हें विद्यालय नहीं भेज रहे हैं.