दिल्ली विश्वविद्यालय में 264 प्रोफेसरों की कुल स्वीकृत संख्या में अनुसूचित जाति श्रेणी के केवल तीन व्यक्ति डीयू के विभिन्न महाविद्यालयों में कार्यरत है जबकि अनुसूचित जनजाति का प्रतिनिधित्व नहीं है.
विशेष रिपोर्ट: गोरखपुर विश्वविद्यालय प्रशासन पर आरोप है कि शिक्षक भर्ती के दौरान जनरल कैटेगरी में भी एक ख़ास जाति को तरजीह दी गई. चयन प्रक्रिया को लेकर उठ रहे सवाल.
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एक याचिका के जवाब में कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों को पत्राचार में दलित शब्द के इस्तेमाल से बचना चाहिए क्योंकि यह शब्द संविधान में नहीं है.
शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि जातिसूचक टिप्पणी करने पर अधिकतम पांच साल की सज़ा हो सकती है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने एक अनुसूचित जाति की महिला की याचिका पर सुनाया फैसला.
राष्ट्रीय सामाजिक एवं शैक्षणिक पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन से क्या होगा यह सिर्फ मोदी जानते हैं. लेकिन यह तय है कि जाति विषमता पर कुछ करना है तो सिर्फ नाम बदलने से काम नहीं चलेगा.