महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम के कर्मचारी निगम का राज्य सरकार में विलय की मांग को लेकर बीते 28 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. कर्मचारियों के संकट से निपटने के लिए प्रबंधन ने दैनिक वेतन के आधार पर ड्राइवर, कंडक्टर और लिपिक पदों के लिए नए सिरे से भर्ती शुरू करने का फ़ैसला लिया है.
महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम के कर्मचारी बीते 28 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. अधिकारियों ने बताया कि कर्मचारियों की हड़ताल के कारण राज्य के सभी 250 डिपो में परिचालन नौ नवंबर से बंद है. कर्मचारी राज्य सरकार के साथ निगम के विलय की मांग कर रहे हैं. उनके अनुसार, इससे उन्हें बेहतर वेतन के साथ ही सरकारी कर्मचारी का दर्जा मिलेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने बीते जुलाई में कहा था कि कोविड से जान गंवाने वाले लोगों के परिवार मुआवज़े के हक़दार हैं और इस बारे में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को दिशानिर्देश जारी करने चाहिए. प्राधिकरण ने ऐसे परिवारों को बतौर अनुग्रह राशि 50,000 रुपये देने की सिफ़ारिश की थी, जिसे शीर्ष अदालत ने मंज़ूरी दे दी है.
एनआईए ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि बर्ख़ास्त किए गए पुलिस अधिकारी सचिन वझे ने उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटक से भरी एसयूवी खड़ी की थी ताकि अमीर और समृद्ध लोगों को आतंकित और गंभीर परिणाम भुगतने का डर दिखाकर वसूली कर सकें.
बीते 25 फरवरी को उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक से लदी एसयूवी कार मिली थी. इसके दस दिन बाद कार के मालिक और कारोबारी मनसुख हिरेन का शव ठाणे में मिला था. हिरेन की पत्नी ने मुंबई पुलिस के अधिकारी सचिन वझे पर पति की संदिग्ध मौत मामले में संलिप्त होने के आरोप लगाया था. बर्ख़ास्त वझे पर यूएपीए की धाराएं भी लगाई गई हैं.
छत्तीसगढ़ के कबीरधाम ज़िले का मामला. घटना पर रोष जताते हुए छत्तीसगढ़ क्रिश्चन फोरम की ओर से कहा गया है कि पिछले 15 दिनों में राज्य भर में हमारे धार्मिक स्थलों पर कम से कम 10 ऐसे हमले कथित रूप से हुए, लेकिन किसी भी मामले में पुलिस ने कार्रवाई नहीं की. हम सिर्फ़ न्याय चाहते हैं, लेकिन ऐसी घटनाओं का बार-बार होना संकेत देता है कि सरकार उन लोगों का समर्थन कर रही है, जो बर्बरता में शामिल हैं.
एल्गार परिषद मामले में आरोपी दिल्ली विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर हेनी बाबू को आंख के संक्रमण का उपचार पूरा होने के बाद मुंबई के एक निजी अस्पताल से वापस तलोजा जेल भेजा जाएगा. अदालत ने निर्देश दिया कि उनके जेल में आने के बाद जब भी आवश्यक हो, उन्हें मेडिकल देखभाल दी जाए.
गोवा के साओ जैसिंटो द्वीप के लोग तटीय क्षेत्र प्रबंधन योजना और प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरण विधेयक, 2020 का विरोध कर रहे हैं. निवासियों ने कहा है कि उन्हें ध्वारोहण से कोई आपत्ति नहीं है, वे खुद झंडा फहराएंगे, लेकिन वे नहीं चाहते कि केंद्र या राज्य सरकार का कोई प्रतिनिधि उनके अधिकार क्षेत्र में दखल दे.
बिहार विधानसभा में पेश की गई कैग रिपोर्ट में कहा गया है कि बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड ने प्रावधान का उल्लंघन करते हुए न केवल निविदाएं आमंत्रित कीं और तकनीकी मंज़ूरी से पहले तीन फ्लाईओवर का काम शुरू किया, बल्कि ठेकेदार को 66.25 करोड़ रुपये का भुगतान भी कर दिया गया. यह भी पता चला कि नेपाल सीमा से लगे क्षेत्र में सड़क परियोजना में देरी से 1,375 करोड़ रुपये की लागत बढ़ गई है.
योगी सरकार ने राज्य निर्वाचन आयोग से पंचायत चुनाव ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले दो हज़ार से अधिक शिक्षकों और कर्मचारियों के परिवारों को अनुग्रह राशि देने की सिफ़ारिश की है. सरकार के पास मुआवज़े के लिए कुल 3,092 आवेदन आए थे, जिनमें से 2,020 को पात्र माना गया है.
शीर्ष अदालत कोविड-19 महामारी के मद्देनज़र राज्य सरकारों को बोर्ड परीक्षाएं न कराने के निर्देश देने के अनुरोध करने वाली एक याचिका पर सुनवाई कर रही है. अदालत ने आंध्र प्रदेश से उसके बोर्ड परीक्षा कराने के निर्णय पर सवाल किए थे, जिसके जवाबों से कोर्ट के आश्वस्त न होने पर इन्हें रद्द कर दिया गया.
शीर्ष अदालत ने यह टिप्पणी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कि जिसमें कोविड-19 महामारी को देखते हुए राज्य सरकारों को बोर्ड परीक्षाएं आयोजित नहीं करने का निर्देश देने की मांग की गई है. सुप्रीम कोर्ट की पीठ को सूचित किया गया कि आंध्र प्रदेश और केरल दो ऐसे राज्य हैं, जिन्होंने अभी तक 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं आयोजित कराने का निर्णय किया है.
स्कूली शिक्षा महानिदेशक की रिपोर्ट के अनुसार बेसिक शिक्षा विभाग में कोविड-19 संक्रमण से शिक्षकों सहित 1,474 कार्मिकों की मृत्यु हुई है. इसके साथ ही पिछले वर्ष से अब तक 812 कर्मचारियों ने नॉन-कोविड कारणों से जान गंवाई है. हालांकि रिपोर्ट में स्पष्ट नहीं किया गया है कि कोविड से हुईं मौतें किस अवधि की हैं.
उत्तर प्रदेश के विभिन्न शिक्षक संघों द्वारा पंचायत चुनाव ड्यूटी के दौरान हुए कोविड संक्रमण से जान गंवाने के बाद वाले कर्मचारियों की सूची जारी करने के बाद राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने भी ऐसी ही लिस्ट जारी करते हुए पीड़ित परिवारों को अनुग्रह राशि और आश्रितों की नौकरी देने की मांग की है.
विधान परिषद में शिक्षक दल के नेता और एमएलसी सुरेश कुमार त्रिपाठी और एमएलसी ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि पंचायत चुनाव में 50 हज़ार से अधिक माध्यमिक शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की भी ड्यूटी लगी, जिनमें से अब तक 425 कोविड संक्रमण से जान गंवा चुके हैं.