एनडीए सरकार में भाजपा के सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने कांवड़ यात्रा मार्गों पर दुकानदारों के नाम लिखने के आदेश को अव्यवहारिक बताया है. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश पर अंतरिम रोक लगाई है.
भारतीय जनता पार्टी शासित उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में पुलिस ने कांवड़ यात्रा मार्ग के खाद्य पदार्थ विक्रेताओं को दुकानों पर अपने नाम प्रदर्शित करने का निर्देश दिया है. भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सहयोगी दलों ने अपनी आपत्ति जताते हुए इसे 'भेदभावपूर्ण' बताया है.
उत्तराखंड पुलिस ने हरिद्वार में कांवड़ यात्रा के दौरान सड़क किनारे ठेलों सहित खाने-पीने की दुकानों को अपने मालिकों का नाम प्रदर्शित करने के लिए कहा है. इससे पहले, इस तरह के आदेश उत्तर प्रदेश पुलिस भी जारी कर चुकी है.
उत्तराखंड में हरिद्वार के शिवालिक नगर इलाके में साप्ताहिक बाज़ार के दौरान सार्वजनिक रूप से नमाज़ अदा करने के मामले में आठ लोगों को गिरफ़्तार किया गया था. उसके बाद उन्हें स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें चेतावनी के बाद ज़मानत देकर छोड़ दिया गया.
वीडियो: दिल्ली में कनॉट प्लेस के रेहड़ी-पटरी वालों को प्रशासन ने हाईकोर्ट के आदेश पर हटा दिया है. ये लोग इस बात से परेशान हैं कि अब उनका जीवन कैसे चलेगा. द वायर ने इनमें से कुछ लोगों से बात की और उनका हाल जाना.
वीडियो: हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा गुड़गांव के बंजारा मार्केट को हटाया जा रहा है. इस मार्केट में घर की सजावट का सामान मिलता है. यहां सामान बेचने वाले लोग इस घटनाक्रम से परेशान हैं. उनकी चिंता है कि वे अपनी आजीविका कैसे कमाएंगे.
वीडियो: दिल्ली का उत्तम नगर इलाके में लगभग 500 रेहड़ी-पटरी की दुकानें रोज़ लगती हैं. इनमें से अधिकांश मुस्लिम विक्रेता हैं. बीते 18 जून को एक फल विक्रेता और एक दुकानदार के बीच हुई कहासुनी के बाद बजरंग दल ने कुछ पोस्टर लगाए थे जिसमें लिखा था ‘सभी हिंदुओं से निवेदन है कि किसी भी असामाजिक फ्रूट रेहड़ी वाले से ख़रीददारी न करे’. इसके बाद फल विक्रेताओं को अपनी रोज़ी कमाने के लिए मशक़्क़त करनी पड़ रही है.
बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर एक जनहित याचिका में कहा गया है कि होटलों और रेस्तरां को संचालन की मंज़ूरी दी गई है, इसलिए वित्तीय परेशानियों से जूझ रहे सड़क पर सामान आदि बेचने वालों को भी काम करने की अनुमति दी जानी चाहिए.