पुलिस के अनुसार, केरल के रहने वाले मृतक छात्र चार साल से एनआईटी (कालीकट) में पढ़ाई कर रहे थे, लेकिन वहां के एक प्रोफेसर द्वारा कथित तौर पर उनके प्रति द्वेषपूर्ण बर्ताव के चलते उन्हें बर्ख़ास्त कर दिया गया था. इसके बाद छात्र ने पंजाब के फगवाड़ा स्थित लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में दाख़िला लिया था.
घटना तमिलनाडु के तिरुवल्लूर ज़िले की है, जहां 17 वर्षीय 12वीं की छात्रा अपने हॉस्टल में मृत पाई गई. इससे पहले बीते 13 जुलाई को राज्य के कल्लाकुरिची ज़िले में भी 12वीं की एक अन्य छात्रा कथित तौर पर हॉस्टल की छत से कूदकर अपनी जान दे दी थी.
लोकसभा में दिए गए इस आंकड़े में अनुसूचित जाति वर्ग के 24, अनुसूचित जनजाति वर्ग के तीन, अन्य पिछड़ा वर्ग के 41 छात्र तथा अल्पसंख्यक वर्ग के तीन छात्र शामिल हैं.
राजस्थान की कोटा पुलिस ने सूचना के अधिकार के तहत बताया है कि अलग-अलग कोचिंग संस्थानों में पढ़ने वाले इन विद्यार्थियों की उम्र 15 से 30 वर्ष के बीच थी.
राज्यसभा में सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, 2015 और 2016 में महाराष्ट्र में सर्वाधिक छात्र-छात्राओं ने आत्महत्या की है.