बीते अक्टूबर को लखीमपुर खीरी ज़िले में हुई हिंसा में जान गंवाने वाले आठ लोगों में निजी टीवी चैनल के लिए काम करने वाले पत्रकार रमन कश्यप भी शामिल थे. रमन के भाई ने एक याचिका में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा, उनके बेटे आशीष व अन्य के ख़िलाफ़ अलग से प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की थी.
सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की जांच की निगरानी के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश राकेश कुमार जैन को नियुक्त किया. पीठ ने कहा कि जांच के परिणाम में पारदर्शिता और पूर्ण निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए जैन की नियुक्ति की गई है.
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी से सांसद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी के विरोध में बीते तीन अक्टूबर को वहां के आंदोलित किसानों ने ज़िले में स्थित उनके पैतृक गांव बनबीरपुर में आयोजित एक समारोह में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के जाने का विरोध किया था. आरोप है कि इस दौरान केंद्रीय मंत्री के पुत्र आशीष मिश्रा ने किसानों को अपनी गाड़ी से कुचल दिया था, जिससे उनकी मौत हो गई थी.
शीर्ष अदालत ने यूपी पुलिस को फटकार लगाते हुए वीडियो साक्ष्य के संबंध में फॉरेंसिक रिपोर्ट में हुई देरी का संज्ञान लिया. कोर्ट ने यह भी कहा कि ऐसा लगता है कि विरोध करने वाले किसानों पर हमला करने को लेकर दर्ज केस को किसानों की मौत के बाद हुई हिंसा के मामले के साथ जोड़कर हल्का किया जा रहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने अभियोजन पक्ष द्वारा मामले में पेश किए गवाहों की संख्या पर भी सवाल उठाए और कहा कि मामला है कि हज़ारों किसान रैली निकाल रहे थे और केवल 23 ही चश्मदीद हैं? इस पर सरकार की ओर से बताया गया कि कुछ गवाहों के बयान सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दर्ज किए जा चुके हैं, जिसके बाद कोर्ट ने मामले के अन्य गवाहों के बयान भी इसी धारा के तहत दर्ज करने का निर्देश दिया.
सुप्रीम कोर्ट को राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से बताया गया था कि न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 44 में से चार गवाहों के बयान दर्ज कर लिए हैं. इस पर मुख्य न्यायाधीश ने सवाल किया था कि आपने 44 गवाहों में से सिर्फ़ चार के ही बयान क्यों दर्ज किए हैं, बाकी के क्यों नहीं? बीते तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी से सांसद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ ने किसान आंदोलन को लेकर धमकी दी थी. उनके ख़िलाफ़ तीन अक्टूबर को किसानों ने उनके पैतृक गांव बनबीरपुर में आयोजित एक समारोह में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के जाने का विरोध किया था. आरोप है कि इस दौरान उनके बेटे आशीष मिश्रा ने अपनी गाड़ी से कुचलकर चार किसानों की हत्या कर दी थी. केंद्रीय मंत्री का आपराधिक इतिहास रहा है.
बीते तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी ज़िले में प्रदर्शन कर रहे किसानों के समूह पर कथित तौर पर वाहन चढ़ा दिए जाने के बाद चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत के मामले में भाजपा कार्यकर्ता सुमित जायसवाल, शिशुपाल, सत्यप्रकाश त्रिपाठी और नंदन सिंह बिष्ट को पुलिस ने गिरफ़्तार किया है. इस मामले में अब तक 10 लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है.