भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की मानसिक सेहत के आधार पर प्रर्त्यपण के ख़िलाफ़ अपील ख़ारिज करते हुए लंदन के हाईकोर्ट ने व्यवस्था दी कि उसके आत्महत्या करने का जोख़िम ऐसा नहीं है कि उसे धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना करने के लिए भारत प्रत्यर्पित करना अनुचित और दमनकारी होगा.
बीते फरवरी में लंदन में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत ने कहा था कि नीरव मोदी का भारत में प्रत्यर्पण मानवाधिकारों के अनुरूप है. हीरा कारोबारी नीरव मोदी साल 2018 में पंजाब नेशनल बैंक से क़रीब 1400 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में जालसाज़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों को लेकर भारत में वांछित हैं.
हीरा कारोबारी नीरव मोदी नीरव और उनके मामा मेहुल चोकसी पंजाब नेशनल बैंक से तकरीबन 14,000 करोड़ रुपये का फ़र्ज़ीवाड़ा करने के मामले में मुख्य आरोपी हैं, जो गारंटी पत्र जारी करने में कथित धोखाधड़ी से जुड़ा है.
प्रवर्तन निदेशालय के अनुरोध पर स्विटजरलैंड के अधिकारियों ने इन बैंकों के परिचालन पर रोक लगाई है. ईडी ने कहा कि दोनों ने भारत में बैंक धोखाधड़ी से अर्जित राशि इन बैंक खातों में जमा कराई है.
स्विस नेशनल बैंक के हालिया जारी आंकड़ों के अनुसार, 2017 में स्विस बैंकों में भारतीयों की जमा राशि में 50% की वृद्धि हुई है. 2016 में जमा राशि में 44% की गिरावट आई थी. तब भारत का स्थान विश्व में 88वां था.
अमेरिकी डॉलर के मुक़ाबले भारतीय रुपया तेजी से कमज़ोर हो रहा है. इसके तमाम बाह्य कारण भी हैं लेकिन पिछले चार सालों के दौरान बेहतर परिस्थितियों का फ़ायदा न उठा पाने और हर बात के लिए पिछली सरकार के करे-धरे को ज़िम्मेदार ठहराने की प्रवृति के चलते अर्थव्यवस्था की हालत ख़राब हुई है.
स्विस बैंकों में भारतीयों के पैसों में 50 फीसदी की बढ़ोतरी पर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कटाक्ष करते हुए कहा है कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले जो धन ‘काला’ हुआ करता था वो 49 महीनों में ‘सफेद’ हो गया है.
भारतीयों की स्विस बैंकों में जमा रकम में 50 फीसदी की बढ़ोतरी पर मोदी सरकार ने सफाई दी है. जहां अरुण जेटली ने कहा है कि स्विस बैंकों में जमा सारे पैसे गैरक़ानूनी नहीं है, तो वहीं पीयूष गोयल ने कहा कि पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के समय में शुरू की गयी उदारीकृत रेमिटेंस (धन बाहर भेजने की) योजना से संभवत: भारतीयों की जमा में इजाफा हुआ है.
वीडियो: डॉलर के मुकाबले रुपये में आई ऐतिहासिक गिरावट और नोटबंदी के एक साल बाद स्विस बैंक में जमा भारतीयों के पैसे में 50 प्रतिशत के इज़ाफ़े पर द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु से अमित सिंह की बातचीत.
जन गण मन की बात की 267वीं कड़ी में विनोद दुआ स्विस बैंक में भारतीयों के बढ़ते धन, निकी हेली की भारत यात्रा और मगहर में मोदी के भाषण पर चर्चा कर रहे हैं.
नोटबंदी के एक साल बाद स्विस बैंक में जमा भारतीयों का पैसा 50 प्रतिशत बढ़ गया है. ज़रूरी नहीं कि स्विस बैंक में रखा हर पैसा काला ही हो लेकिन सरकार को बताना चाहिए कि यह किसका और कैसा पैसा है?
स्विस बैंक खातों में जमा भारतीय धन में 13 साल में सबसे अधिक वृद्धि. मोदी सरकार के चौथे साल में स्विस बैंक में भारतीयों का धन 7,000 करोड़ रुपये पहुंचा.