द कारवां की रिपोर्ट में विभिन्न राज्यों के लोगों के हवाले से दावा किया गया है कि 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के रोज़ कई लोगों को कोविड टीकाकरण प्रमाणपत्र मिला, जबकि उन्हें टीका पहले लगा था. कई लोगों को टीके की दूसरी खुराक लेने का प्रमाणपत्र मिला जबकि उन्होंने दूसरी डोज़ ली ही नहीं थी.
26 जनवरी को दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान असत्यापित ख़बरें प्रसारित करने के आरोप में कांग्रेस नेता शशि थरूर, वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडेय और चार अन्य पत्रकारों के ख़िलाफ़ राजद्रोह की धाराओं में मामला दर्ज हुआ.
26 जनवरी को दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान असत्यापित ख़बरें प्रसारित करने के आरोप में कांग्रेस नेता शशि थरूर, वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडेय और चार अन्य पत्रकारों के ख़िलाफ़ राजद्रोह की धाराओं में मामला दर्ज हुआ है.
26 जनवरी को दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान असत्यापित ख़बरें प्रसारित करने के आरोप में कांग्रेस नेता शशि थरूर, पत्रकार राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडेय और चार अन्य पत्रकारों के ख़िलाफ़ दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा और कर्नाटक में मामला दर्ज कराया गया है.
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया और इंडियन वूमंस प्रेस कोर जैसे मीडिया संगठनों ने असत्यापित ख़बरें प्रसारित करने के आरोप में पत्रकारों के ख़िलाफ़ राजद्रोह की धाराओं में केस दर्ज किए जाने की कार्रवाई को मीडिया को डराने-धमकाने की कोशिश बताया है.
26 जनवरी को दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान असत्यापित ख़बरें प्रसारित करने के आरोप में कांग्रेस नेता शशि थरूर, पत्रकार राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडेय और चार अन्य पत्रकारों के ख़िलाफ़ राजद्रोह की धाराओं में मामला दर्ज हुआ है. इन्हीं लोगों के ख़िलाफ़ मध्य प्रदेश की भोपाल पुलिस ने भी केस दर्ज किया है.
बीते दिनों कारवां पत्रिका ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बेटे विवेक डोभाल की टैक्स हेवन देशों में कंपनियां खोलने से संबंधित रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसे लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने उन देशों से आए एफडीआई पर सवाल उठाए थे.
डी-कंपनी नाम से अब तक दाऊद का गैंग ही होता था. भारत में एक और डी कंपनी आ गई है. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और उनके बेटे विवेक और शौर्य के कारनामों को उजागर करने वाली कारवां पत्रिका की रिपोर्ट में यही शीर्षक दिया गया है.
मीडिया बोल की 25वीं कड़ी में उर्मिलेश, द कारवां के राजनीतिक संपादक हरतोष सिंह बल और आरटीआई कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज के साथ जज लोया की मौत के मामले पर चर्चा कर रहे हैं.