हिंदी समाज हर शहर में एक नौजवान भी नहीं तैयार कर पा रहा है जो अपने शहर के रंगमंच से राब्ता रखकर उसका विश्लेषण या परिचय हिंदी के पाठक को उपलब्ध कराता रहे. शिक्षण संस्थान क्या कर रहे हैं? रंग समूह शैक्षणिक परिसर से जुड़ने के लिए क्या कोशिश कर रहे हैं? क्या हिंदी साहित्यकारों का अपने शहर के रंगमंच से कोई वास्ता है?
साल 2023 अब तक का सबसे गर्म साल साबित हो चुका है और मौजूदा साल के लिए भी यही आशंका जाहिर की जा रही है. ऐसे में अमेरिका, जिस पर जलवायु संकट से बचाव की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है, उसकी रणनीति काफी हद तक जलवायु संकट से बचाव की दिशा तय करेगी. लेकिन जब ट्रंप दोबारा अमेरिका की बागडोर संभालने जा रहे हैं, वैश्विक प्रयासों को लेकर संदेह नज़र आ रहा है.
साल 2024 में भारत के लिए क्रिकेट से लेकर टेनिस की दुनिया तक खेल जगत में क्या कुछ खास रहा. हमने क्या उपलब्धियां हासिल की और किन खिलाड़ियों ने अखबार की सुर्खियों में अपने लिए जगह बनाई. इस सब पर एक नज़र...
श्याम बेनेगल हर बार एक नए विषय के साथ सामने आते थे. 'जुनून' (1979) जैसी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि वाली फ़िल्म के तुरंत बाद उन्होंने 'कलयुग' (1981) में महाभारत को आधार बनाकर आधुनिक दुनिया में रिश्तों की पड़ताल की और फिर 'मंडी' (1983) में कोठे के जीवन का प्रामाणिक चित्रण किया.
16 दिसंबर को ‘बच्चों को निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार (संशोधन) नियम, 2024’ नामक अपने राजपत्र अधिसूचना में कहा गया है कि यदि कोई छात्र कक्षा 5 या 8 में जाने के लिए मानदंड पूरा नहीं करता है, तो उसे स्कूल द्वारा उन कक्षाओं में रोका जा सकता है. शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 में 2019 में नो-डिटेंशन नीति को हटाने के लिए संशोधन किया गया था.
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश वी. रामसुब्रमण्यम को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. कांग्रेस ने कहा कि यह एक पूर्व निर्धारित कवायद था, जिसमें आपसी परामर्श और आम सहमति की स्थापित परंपरा को नज़रअंदाज़ किया गया, जो ऐसे मामलों में आवश्यक है.
राष्ट्रपति सचिवालय द्वारा जारी आधिकारिक सूचना के अनुसार पूर्व केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला को मणिपुर का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया है. गृह सचिव के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 सहित महत्वपूर्ण कानूनों की देखरेख की थी.
चार्ली चैप्लिन दुनिया के महानतम फिल्मकारों में शुमार हैं. उन्होंने अभिनय और निर्देशन, दोनों ही विधाओं में कीर्तिमान स्थापित किए. उनकी फिल्मों को आज भी याद किया जाता है.
गगन गिल को मिला पुरस्कार हिंदी साहित्य के नेपथ्य में बजते उस पुरुष वर्चस्ववाद को भी एक चेतावनी है, जो आज तक न ब्राह्मणवाद से आगे निकल पाया है और न ही मनुवाद से. आज राजनीति में तो स्त्री अधिकारों का प्रश्न बहुत सशक्त ढंग से उठ रहा है, लेकिन साहित्य का संसार इससे अछूता है.
अदालत ने फैसला सुनाया कि यौन हिंसा और एसिड हमलों में ‘जीवित बचे मरीजों को प्राथमिक चिकित्सा, प्रयोगशाला परीक्षण और सर्जरी सहित मुफ्त चिकित्सा उपचार प्रदान किए बिना वापस नहीं भेजा जाएगा.’
इंडस्ट्री ऑल की रिपोर्ट के मुताबिक, इस वर्ष भारत के निर्माण, खनन और ऊर्जा क्षेत्रों में कार्यस्थल पर कम से कम 240 दुर्घटनाएं दर्ज हुईं, जिनमें 400 से अधिक श्रमिकों की मौत हो गई और 850 से अधिक गंभीर रूप से घायल हो गए. सुरक्षा नियमों की अनदेखी और निरीक्षण में ढील इसके प्रमुख कारण बताए गए हैं.
रायगढ़ ज़िले में 22 दिसंबर को चावल चोरी के संदेह में दलित व्यक्ति की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या करने के आरोप में एक आदिवासी व्यक्ति समेत तीन को गिरफ़्तार किया है. कार्यकर्ताओं का दावा है कि यह मॉब लिंचिंग का मामला है, जबकि पुलिस ने कहा कि यह बीएनएस के तहत अपराध की परिभाषा के अंतर्गत नहीं आता है.
देश की 200 से अधिक प्रमुख हस्तियों ने भारत में ईसाइयों के बढ़ते उत्पीड़न पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए वरिष्ठ ईसाई नेताओं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हाल ही में हुई मुलाकातों, ख़ासकर क्रिसमस कार्यक्रमों पर सवाल उठाए हैं.
श्याम बेनेगल उस पीढ़ी के सिनेकर्मी थे जिसने आज़ाद भारत के उभरते सपनों के बीच सांस ली. एक समतावादी, लोकतांत्रिक जीवन-पद्धति का सपना, एक धर्मनिरपेक्ष-जातिविहीन मूल्य-संहिता का सपना, नेहरू की कविता और गांधी की करुणा का सपना. उनके निधन के साथ उस युग के एक सपने का भी अंत हो गया.
बांग्लादेश ने भारत को कूटनीतिक संदेश भेजकर पूर्व प्रधानमंत्री शेख़ हसीना की वापसी की मांग की है, ताकि उनके विरुद्ध 'मानवता के ख़िलाफ़ अपराध' और 'नरसंहार' के मामलों में न्यायिक प्रक्रिया शुरू की जा सके.