नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़ में संजय ने अपनी बहन पिंकी देवी को खो दिया. वे कहते हैं, 'यह भगदड़ नहीं, प्रशासन की नाकामी थी.' परिवार कुंभ जाने को उत्साहित था, लेकिन स्टेशन पर ही भीड़ में फंस गया. पिंकी की मौत के बाद परिजन गहरे सदमे में हैं, सरकार के किसी नुमाइंदे ने उनसे कोई संपर्क नहीं किया है.
भोपाल गैस त्रासदी पीड़ितों के संगठनों ने मध्य प्रदेश के पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के 337 मीट्रिक टन खतरनाक कचरे को जलाए जाने से होने वाली पर्यावरणीय क्षति से बचने के लिए सरकार को इस कचरे को अमेरिका भेजने की सलाह दी है, जैसा कि साल 2003 में तमिलनाडु के यूनिलीवर थर्मामीटर संयंत्र के कचरे के साथ किया गया था.
हमने अपने देश पर पिछले कई दशकों से शोषण व गैरबराबरी पर आधारित जो सामाजिक-राजनीतिक व्यवस्था लाद रखी है, उसके विषफलों की निरंतर बढ़ती पैदावार के बीच यह सवाल भी छोटा नहीं रह गया है कि सरकारों को नागरिकों के किन वर्गों की समस्याओं को ज्यादा तवज्जो देनी चाहिए, किनकी समस्याओं को कम? और क्या वे जिनको ज्यादा तवज्जो देनी चाहिए, दे रही हैं?
तमिलनाडु की सभी प्रमुख पार्टियों ने राजानीतिक मतभेद से ऊपर उठकर धर्मेंद्र प्रधान के उस बयान की आलोचना की है, जिसमें शिक्षा मंत्री ने कथित तौर पर कहा है कि जब तक तमिलनाडु एनईपी और तीन भाषा फार्मूले को स्वीकार नहीं कर लेता, तब तक प्रदेश को समग्र शिक्षा अभियान के तहत फंड नहीं दिया जाएगा.
अमेरिका में अवैध तरीके से रह रहे कुल 116 भारतीयों को दूसरी बार में निर्वासित किया गया. वहीं, रविवार रात निर्वासित लोगों को लेकर तीसरा विमान भी भारत पहुंचा, जिसमें 112 लोग सवार थे. इससे पहले 5 फरवरी को 104 निर्वासित लोगों को लेकर अमेरिका का पहला सैन्य विमान अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरा था.
पहले भी हर साल साधु संत और अखाड़े मेले में आते थे. पर समाज उन्हें परे कर देता था, इसीलिए यह लोकपर्व बना हुआ था. लेकिन हरिद्वार कुंभ के बाद अब प्रयागराज कुंभ में भी सांप्रदायिकता का वर्चस्व हो गया है.
प्रभात रंजन हिंदी साहित्य के विद्यार्थियों के बीच विचाराधारा को लेकर प्रचलित एक ग़लतफ़हमी को रेखांकित करते हैं और उस अवधारणा को तोड़ते हैं जिसके तहत तथाकथित प्रगतिशील तबका तुलसीदास,अज्ञेय आदि में रुचि लेने वाले विद्यार्थियों को दक्षिणपंथी करार दे देता था.
जयंती विशेष: 1857 में लड़े गए देश के पहले स्वतंत्रता संग्राम के अलबेले नायक तात्या टोपे की याद इस मायने में बहुत जरूरी है कि वे उस संग्राम के अकेले ऐसे योद्धा थे, जिसने अपनी सुविधानुसार उसमें कोई एक भूमिका चुन लेने के बजाय वक्त की नजाकत के मुताबिक जब जैसी जरूरत हुई, तब तैसी भूमिका निभाई.
अपने हालिया प्रकाशित निबंध संकलन, 'शताब्दी के झरोखे से', की भूमिका में रामचंद्र गुहा बतौर निबंधकार अपनी यात्रा को विस्तार से दर्ज करते हैं. वे लिखते हैं कि उनकी किताबें बौद्धिक चुनौतियों से जन्म लेती हैं, अखबारी कॉलम तात्कालिक घटनाओं से उद्वेलित होते हैं, जबकि निबंध विधा किसी गहरी अनुभूति से जन्म लेती है.
उत्तर रेलवे के प्रवक्ता हिमांशु उपाध्याय ने बताया कि ये घटना उस वक्त हुई, जब नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफ़ॉर्म नंबर 14 पर पटना की ओर जाने वाली मगध एक्सप्रेस और प्लेटफ़ॉर्म नंबर 15 पर जम्मू की तरफ़ जाने वाली उत्तर संपर्क क्रांति खड़ी थी. फिलहाल इस हादसे की उच्च स्तरीय कमेटी द्वारा जांच की जा रही है.
कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: दिल्ली के एक संग्रहालय में कलाकार गुलाम मोहम्मद शेख़ की प्रदर्शनी के लिए राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय, दिल्ली और भारत भवन, भोपाल ने उनकी कलाकृतियां नहीं दीं. इन दोनों ही ने रज़ा की शती पर कुछ भी करने से इनकार किया था.
बीते नौ फरवरी को कुशीनगर ज़िले के हाटा क़स्बे की मदनी मस्जिद के एक हिस्से को ज़िला प्रशासन ने अतिक्रमण बताते हुए बुलडोज़र से ढहा दिया था. मस्जिद के मुख्य व्यवस्थापक हाजी हामिद खां ने प्रशासन की कार्रवाई को एकतरफा बताते हुए कहा कि झूठ का सहारा लेकर मस्जिद को तोड़ा गया है.
दक्षिणपंथी संगठन भारत हिंदू मुन्नानी ने मदुरै के बाहरी इलाके में स्थित थिरुप्परनकुंड्रम पहाड़ी से जुड़े विवाद को लेकर 18 फरवरी को चेन्नई में जुलूस निकालने की अनुमति मांगी थी. मद्रास हाईकोर्ट ने याचिका ख़ारिज करते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह शांति-सद्भाव बनाए रखने के लिए कड़े कदम उठाए.
छत्तीसगढ़ में एक गर्भवती आदिवासी महिला पर ईसाई धर्म के नाम पर हमला किए जाने के बाद ईसाई महिला नेताओं के एक समूह ने धार्मिक प्रमुखों, समुदाय के प्रतिनिधियों और ईसाई संगठनों के साथ मिलकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिख बढ़ते उत्पीड़न के ख़िलाफ़ सुरक्षा की मांग की है.
हाल में जारी तेलंगाना जाति सर्वेक्षण के आंकड़ों में राज्य की अति पिछड़ा वर्ग की आबादी 46.25% है. हालांकि, तेलंगाना सरकार द्वारा पूर्व में किए समग्र कुटुंब सर्वेक्षण में अति पिछड़ा आबादी 52% थी. ऐसे में आलोचक सरकार पर जानबूझकर अति पिछड़ा आबादी कम दिखाने का आरोप लगा रहे हैं.