रूस में जान गंवाने वाले शख़्स की पहचान केरल के त्रिशूर ज़िले के 32 वर्षीय बिनिल टी.बी. के रूप में की गई है. बिनिल के रिश्तेदार 27 वर्षीय जैन टी.के. उसी हमले में घायल हुए हैं. दिसंबर 2024 में विदेश मंत्रालय ने संसद में बताया था कि रूस में अब तक 10 भारतीयों की मौत हो चुकी है.
आज, ऐसा क्यों है कि मुसलमान प्रार्थना यानी नमाज़ का एक साधारण क्रियाकलाप कई लोगों को शिकायत और हिंसा के लिए उकसाता है और पुलिस को उनकी आपराधिक जवाबदेही तय करने के लिए प्रेरित करता है?
अक्टूबर 2021 से फरवरी 2023 के बीच केंद्र सरकार ने 1 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की 1,750 निविदाएं जारी कीं, जिनमें से 936 निविदाएं 'मेक इन इंडिया' नियमों का उल्लंघन करती पाई गईं. लिफ्ट, सीसीटीवी, मेडिकल उपकरण और कंप्यूटर में विदेशी ब्रांडों को प्राथमिकता देने के मामले सामने आए.
धनबाद के एक निजी स्कूल में दसवीं कक्षा की सौ से ज़्यादा छात्राओं ने बोर्ड परीक्षा से पहले स्कूल के आख़िरी दिन एक दूसरे की शर्ट पर संदेश लिखे थे. आरोप है कि इससे नाराज़ प्रिंसिपल ने सभी को शर्ट जमा करने को कहा और छात्राएं केवल ब्लेज़र में घर लौटीं. प्रिंसिपल के इस्तीफ़े की मांग हो रही है.
छतरपुर के अटरार गांव में दलित व्यक्ति से प्रसाद लेने पर 20 परिवारों का कथित रूप से सामाजिक बहिष्कार हुआ है. सरपंच पर बहिष्कार का आदेश देने का आरोप है, जिसकी शिकायत प्रभावित परिवारों ने एसपी से की है. सुलह के प्रयासों के बावजूद स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है.
वीडियो: साहित्यिक डायरी लेखन साहित्य की वो विधा है, जिसके बारे में माना जाता है कि यहां लेखक उन बातों साझा करता है जिन्हें उन्होंने दुनिया से छिपाया था. लेखक-पत्रकार अमिताव कुमार ने कोविड महामारी के बाद से कई ऐसे जर्नल्स में अपने अनुभव दर्ज किए हैं. उनसे द वायर हिंदी के संपादक आशुतोष भारद्वाज की बातचीत.
भारत-बांग्लादेश सीमा पर बाड़ निर्माण को लेकर विवाद बढ़ गया है. बांग्लादेश ने बिना अनुमति बाड़ लगाने पर गहरी चिंता जताई. बीजीबी ने अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन का आरोप लगाया, जबकि भारतीय बीएसएफ ने काम रोकने का आश्वासन दिया.
मणिपुर के कामजोंग ज़िले में शनिवार को तनाव बढ़ गया, जब गुस्साए ग्रामीणों ने होंगबेई गांव में असम राइफल्स के एक अस्थायी कैंप पर हमला कर आग के हवाले कर दिया. बल के कर्मियों पर 'निरंतर तलाशी' अभियान चलाकर सार्वजनिक जीवन बाधित करने और कथित उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत दिनों अपने बहुप्रचारित 'पहले पॉडकास्ट इंटरव्यू' में यह कहा कि वे कोई देवता (या भगवान) नहीं बल्कि मनुष्य हैं और उनसे भी गलतियां होती हैं. इससे पहले गत वर्ष लोकसभा चुनाव के वक्त एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि कि वे जैविक रूप से पैदा ही नहीं हुए और भगवान ने उन्हें शक्ति के साथ भेजा है.
'आज तक' द्वारा आयोजित एक कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभल में हरि हर मंदिर के कथित विध्वंस के संबंध में मुस्लिम समुदाय से 'अपनी गलतियों को स्वीकार करने' और 'सनातन धर्म के प्रतीकों के मार्ग में अनावश्यक बाधाएं न डालने' के लिए भी कहा.
ये कथित मामला तब सामने आया, जब केरल महिला समाख्या सोसायटी के सदस्यों ने क्षेत्र भ्रमण के दौरान पीड़िता से मुलाकात की. पुलिस ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ पॉक्सो और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धाराएं लगाई गई हैं.
श्याम बेनेगल सिनेमा और कैमरे के माध्यम से बेनेगल ने जीवन को बड़ी शिद्दत से जीया. उन्होंने फिल्मों को बनाने का एक तय फॉर्मूला के विपरीत यथार्थवादी रास्ता चुना. इतना ही नहीं उन्होंने सिने ट्रेंड को बदला, जहां हाशिए का समाज सिनेमा के केंद्र में आया.
कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: ज्ञानेंद्र पांडेय की ‘मेन एट होम’ पुरुषों की घरों में अनुपस्थिति के बारे में है. ज्ञानेंद्र बताते हैं कि दक्षिण एशियाई घर-परिवार के इतिहास में मर्द-जाति की गै़र-हाज़िरी अब भी कायम है. बच्चे जनने और पालन-पोषण को लेकर समाज की आम धारणा के चलते गृहस्थी आज तक औरत और उसके बच्चों की दुनिया मानी जाती है.
पुस्तक अंश: ‘असहमति की आवाज़ें’ में रोमिला थापर ने भारत में असहमति और विरोध के अहिंसक स्वरूपों की बात की है. वे लिखती हैं कि विरोध की अभिव्यक्ति अलग-अलग संस्कृतियों और समाजों में अलग-अलग स्वरूप लेती रही है.
स्वामीनाथन के भीतर एक सर्जनात्मक दृष्टि थी. उनका मूल कर्म आलोचक-दृष्टि को बरतना नहीं, बल्कि सर्जनात्मक कर्म करना था. गीता कपूर को सर्जनात्मक दृष्टि की कोई दरकार या कोई ज़रूरत नहीं थी.