कई बार बांसों में अथाह पुष्प-प्रस्फुटन चूहों की भीड़ ले आता है, जो फसल की बर्बादी का कारण बनता है. बावजूद इसके न बांस उगना छोड़ता है और न ही किसान फसल बोना. यही लेखन प्रक्रिया के दौरान होता है. रचनाकार अपने भीतर बहुत कुछ मरते हुए, नवजीवित होते हुए देखता है. रचनाकार का समय में पढ़िए कवयित्री मंजुला बिष्ट को.
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने श्रीनगर की कुछ दुकानों से प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी संगठन से जुड़ी 668 किताबें ज़ब्त की हैं. पीडीपी की इल्तिजा मुफ़्ती ने कहा कि यह पढ़ने की आज़ादी पर हमला है. वहीं, नेशनल कॉन्फ्रेंस सांसद आगा सैयद रुहुल्लाह मेहदी ने इसे लोगों के 'धार्मिक मामलों में दख़ल क़रार दिया.
1988 में भारत सरकार ने राष्ट्रीय साक्षरता मिशन का शुरू किया था, जिसका मक़सद था अनपढ़ लोगों को व्यावहारिक रूप से साक्षर बनाना, ताकि सभी लोग काम के लायक़ पढ़-लिख सकें. बंगाल की प्रौढ़ महिलाओं की साक्षरता की यात्रा पढ़िए बंगनामा की बीसवीं क़िस्त में.
रामचंद्र गुहा के हालिया प्रकाशित निबंध संकलन, 'शताब्दी के झरोखे से', की भूमिका में आशुतोष भारद्वाज लिखते हैं कि वे किसी कथावाचक की दृष्टि से इतिहास लिखते हैं. उनके प्रिय शीर्षक को थोड़ा फेर कर कहें, वे ‘इतिहासकारों के बीच स्थित उपन्यासकार’ हैं.
हमारे गणतंत्र के 75 वर्ष पूरे होने के बाद भी सुप्रीम कोर्ट में अब तक केवल 11 महिला जज ही पहुंच सकी हैं. न्यायपालिका में महिलाओं के प्रतिनिधित्व का मुद्दा केवल आंकड़े सुधारने से संबंधित नहीं है, बल्कि यह पीड़ितों के प्रति सहानुभूति और समाज में जेंडर सेंसिटिविटी बढ़ाने के लिए भी ज़रूरी है.
अमेरिका के दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एक अमेरिकी पत्रकार ने अडानी समूह पर लगे घूसखोरी के आरोप के बारे में सवाल किया था, जिसके जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि ऐसे व्यक्तिगत मामलों के लिए दो देशों के मुखिया न मिलते हैं, न बैठते हैं, न बात करते हैं.
शिवगंगा ज़िले के एक सरकारी कॉलेज में पढ़ने वाले 20 वर्षीय दलित छात्र पर 12 फरवरी को 'बुलेट' मोटरसाइकिल चलाने पर तीन सवर्ण युवकों ने हमला किया. पीड़ित छात्र को अस्पताल ले जाने के बाद कथित उच्च जाति के लोगों ने दलित परिवार के घर में तोड़फोड़ की.
किताब कौथिग' का 12वां संस्करण जनवरी के महीने में पौड़ी के श्रीनगर स्थित सरकारी गर्ल्स इंटर कॉलेज में आयोजित किया जाना था, लेकिन एबीवीपी ने विरोध किया, जिसके चलते इसे स्थगित कर दिया गया. इसके बाद हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय और रामलीला मैदान के लिए भी प्रशासन से अनुमति नहीं मिली.
असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि सरकार जब वक़्फ़ (संशोधन) विधेयक पर संसद में जेपीसी की रिपोर्ट पेश कर रही थी, तो जय श्री राम के नारे लगाने की क्या ज़रूरत है? सरकार का दावा है कि वह ग़रीब मुसलमानों के लिए यह संशोधन कर रही है, क्या ऐसा करने का यही तरीका है?
मणिपुर के इंफाल पश्चिम जिले के लामसांग में सीआरपीएफ के एक जवान ने कथित तौर पर गोलीबारी की, जिसमें दो सहकर्मियों की मौत हो गई और आठ अन्य घायल हो गए. गोलीबारी के पीछे का कारण अभी तक पता नहीं चला है और अधिकारियों ने घटना की जांच शुरू कर दी है.
‘इंडिया अगेंस्ट करप्शन’ की नीतिविहीनता और चतुर सांप्रदायिकता का प्रदर्शन ‘आप’ ने पिछले 11 सालों में बार-बार किया. हर बार कहा गया कि वह अपने आदर्श से विचलित हो रही है. लेकिन वह आदर्श क्या था, यह आज तक किसी ने न बताया. फिर हम किस आदर्शवादी राजनीति से धोखे का रोना रो रहे हैं?
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के 13 फरवरी को इस्तीफ़ा देने के कुछ दिनों बाद राज्य को राष्ट्रपति शासन के अधीन कर दिया गया है. राष्ट्रपति शासन लागू होने के साथ राज्य के निवासी 23 वर्षों के बाद केंद्र सरकार के प्रत्यक्ष शासन के अधीन होंगे.
प्रेमी जोड़ों को भगाने वाले लोग स्वयं को नैतिकता के संरक्षक मानते हैं, लेकिन उनकी यह हरकत असल में उनकी अपनी कुंठा और संकीर्ण मानसिकता का प्रदर्शन है. जो लोग दूसरों के प्रेम को स्वीकार नहीं कर सकते, वे स्वयं प्रेम और करुणा से वंचित हैं.
यूएन की फैक्ट-फाइंडिंग रिपोर्ट में बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख़ हसीना और वरिष्ठ नेताओं पर मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप लगाए गए हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि हसीना के सत्ता से हटने के बाद बने राजनीतिक शून्य ने अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ हिंसा को बढ़ावा दिया, हालांकि इसके धार्मिक, जातीय और राजनीतिक कारण भी थे.
पीयूसीएल की उत्तर प्रदेश इकाई ने अपनी प्रारंभिक जांच में पाया कि योगी सरकार ने महाकुंभ में हुई मौतों की वास्तविक संख्या को छिपाने के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल किया है, जैसे शवों को दो अलग-अलग पोस्टमॉर्टम केंद्रों में भेजा गया और कुछ मामलों में उनकी पुनर्प्राप्ति की जगह और तारीख में हेरफेर किया गया.