लोकसभा चुनाव 2024 के साथ ही 19 अप्रैल से 13 मई के बीच आंध्र प्रदेश, सिक्किम, ओडिशा और अरुणाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव भी होंगे.
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट बताती है कि एक एनर्जी परियोजना में संभावित रिश्वतखोरी को लेकर अडानी समूह के साथ इस जांच के दायरे में भारतीय रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी- एज़्योर पावर ग्लोबल लिमिटेड भी शामिल है.
भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनावी बॉन्ड योजना को ‘दुनिया का सबसे बड़ा जबरन वसूली रैकेट’ बताया. वहीं, पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सुप्रीम कोर्ट से सत्तारूढ़ भाजपा के ख़िलाफ़ उच्च स्तरीय जांच और उसके बैंक खातों को फ्रीज़ करने की मांग की.
लोकसभा चुनाव से पहले यूपी के महराजगंज और कुशीनगर ज़िले के 27 गांवों के क़रीब पचास हज़ार लोगों ने मतदान बहिष्कार की घोषणा की है. आवाजाही के लिए सामान्य रास्ता बनने की बाट जोह रहे गंडक नदी पार के इन गांवों की पुल बनाने की मांग काफ़ी पुरानी है, जिसे लेकर वे पूछ रहे हैं कि पुल, सड़क नहीं हैं तो वोट क्यों दें.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, नवंबर 2023 में चुनावी बॉन्ड के माध्यम से एक बार में ही 25 करोड़ रुपये का चंदा देने वाले लक्ष्मीदास वल्लभदास मर्चेंट की लिंक्डइन प्रोफाइल बताती है कि वह रिलायंस समूह में ग्रुप कंट्रोलर हैं.
कामना क्रेडिट्स एंड प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड, इनोसेंट मर्चेंडाइज़ प्राइवेट लिमिटेड और रेणुका इन्वेस्टमेंट फाइनेंस लिमिटेड को वित्त मंत्रालय ने 2018 में मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम के तहत नियमों का उल्लंघन करने के लिए 'उच्च जोखिम वाली ग़ैर-बैंकिंग वित्तीय सेवाओं' की वार्षिक सूची में शामिल किया गया था. इन तीनों कंपनियों ने करोड़ों रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे हैं.
भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा अपनी वेबसाइट पर अपलोड किए गए चुनावी बॉन्ड के डेटा के अनुसार, सबसे बड़े चंदादाताओं में शुमार फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज, मेघा इंजीनियरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, वेदांता और चेन्नई ग्रीनवुड्स ऐसी कंपनियां हैं जिनका कामकाज सवालों के घेरे में रहा है और वे जांच एजेंसियों के निशाने पर रही हैं.
टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज के छात्र संघ ने आरोप लगाया कि संस्थान ने छात्रों को अकादमिक बहस करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है और ऐसे आयोजन करने की कोशिश करने वाले छात्रों पर सवाल उठाया है.
सेवानिवृत्त आईएएस ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू बैचमेट रहे हैं. जहां कुमार ने गृह मंत्रालय की कई परियोजनाओं और राम मंदिर ट्रस्ट में भी अहम भूमिका निभाई है, वहीं सुखबीर सिंह संधू भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अध्यक्ष थे.
केंद्र सरकार ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में तैनात वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक कुमार परमार ने अन्य उल्लंघनों के अलावा ‘सरकार के खिलाफ’ सार्वजनिक शिकायतें और अन्य सामग्री सोशल मीडिया पर पोस्ट करके सिविल सेवा नियमों का उल्लंघन किया है.
निर्वाचन आयोग द्वारा प्रकाशित जानकारी की अवधि में कुल 12,155 करोड़ रुपये के बॉन्ड्स खरीदे गए थे. इस राशि का लगभग 7.4% फार्मा और हेल्थकेयर कंपनियों ने खरीदा था. इसमें से यशोदा सुपर-स्पेशियलिटी अस्पताल ने अप्रैल 2022 में सर्वाधिक छह चरणों में 80 बॉन्ड खरीदे, जिसकी क़ीमत 80 करोड़ रुपये है.
निर्वाचन आयोग द्वारा गुरुवार को जारी चुनावी बॉन्ड के आंकड़ों के अनुसार, राजनीतिक दलों द्वारा भुनाए गए बॉन्ड की कुल राशि 12,769 करोड़ रुपये से अधिक है, जबकि खरीदे गए बॉन्ड्स कुल 12,155 करोड़ रुपये के थे.
भारतीय स्टेट बैंक द्वारा चुनाव आयोग को चुनावी बॉन्ड के दो सेट उपलब्ध कराए गए हैं, जिनमें बॉन्ड खरीदने वाली कंपनियों और उन्हें भुनाने वाले राजनीतिक दलों की सूचियां हैं, लेकिन किसी भी सूची में बॉन्ड नंबर उपलब्ध न कराए जाने से यह सत्यापित करना संभव नहीं है कि कौन-सी कंपनी या व्यक्ति किस राजनीतिक दल को चंदा दे रहे थे.
जन्मदिन विशेष: मान्यवर कांशीराम के निकट राजसत्ता की चाभी बहुजन हितकारी सामाजिक-आर्थिक परिवर्तनों के बंद ताले खोलने का पूरी तरह अपरिहार्य साधन थी और वे मानते थे कि देश की सामाजिक व राजनीतिक व्यवस्थाओं में बहुजनों को अपरहैंड तभी मिल सकता है, जब यह चाभी उनके पास रहे. इसके इतर स्थिति में जिसके हाथ में यह चाभी रहेगी, उन्हें उसी की धुरी पर नाचते रहना होगा.
चुनाव आयोग द्वारा प्रकाशित डेटा 2019 और 2024 के बीच राजनीतिक दलों को चंदा देने वाले कॉरपोरेशन, निजी व्यावसायिक घरानों और व्यक्तियों की सूची तो प्रचंदा करता है, लेकिन यह इस बारे में कोई जानकारी नहीं देता है कि किस राजनीतिक दल ने किस कंपनी द्वारा प्राप्त बॉन्ड को भुनाया.