हरियाणा राज्य महिला आयोग को मिली गुमनाम चिट्ठी. अध्यक्ष ने किया जेल का दौरा.
हृषिकेश सिनेमा के रास्ते पर आम परिवारों की कहानी की उंगली थामे निकले थे. ये समझाने कि हंसी या आंसुओं को अमीर-गरीब के खांचे में नहीं बांटा जा सकता.
पश्चिम मुंबई के एल्फिंस्टन रोड स्टेशन पर शुक्रवार को सुबह मची भगदड़ में 22 लोगों की मौत हो गई थी और 39 लोग घायल हो गए थे.
आज महिषासुर एक ऐतिहासिक चरित्र से मिथक बन चुका है. इतिहास के अति लोकप्रिय नायक मिथक हो जाया करते हैं. महिषासुर का इतिहास तो लोकमानस की यादों में जीवित है, उसे इतिहास ग्रंथों में खोजना बेईमानी है.
जन गण मन की बात की 127वीं कड़ी में विनोद दुआ अर्थव्यवस्था को लेकर यशवंत सिन्हा के बयान और दिल्ली में हिरासत में लिए गए बीएचयू छात्रों पर चर्चा कर रहे हैं.
पीएम को लिखे पत्र में रवीश ने कहा, ‘दुख की बात है कि अभद्र भाषा और धमकी देने वाले कुछ लोगों को आप ट्विटर पर फॉलो करते हैं. मुझे पूरी उम्मीद है कि धमकाने, गाली देने और घोर सांप्रदायिक बातें करने को आप फॉलो करने की योग्यता नहीं मानते होंगे.’
बीएचयू मामले में अपराध शाखा ने पूर्व चीफ प्रॉक्टर सहित 20 सदस्यों को थमाया नोटिस, हो सकती है पूछताछ.
क्या वाइस चांसलर, पुलिस प्रशासन और देश की सरकारें उन लड़कियों को देशद्रोही मानती हैं जो यह शिकायत करें कि उनके साथ छेड़खानी और अभद्र हरकतें हो रही हैं?
हम भी भारत की दूसरी कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति पर भारतीय मज़दूर संघ के पवन कुमार और एटक की अमरजीत कौर के साथ चर्चा कर रही हैं.
जन गण मन की बात की 126वीं कड़ी में विनोद दुआ ईशा फाउंडेशन के जग्गी महाराज और न्यायाधीश जयंत पटेल के इस्तीफे पर चर्चा कर रहे हैं.
भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर वाईवी रेड्डी ने कहाकि वर्ष 2008 का वित्त आर्थिक संकट अभी तक टला नहीं है.
2019 के चुनावों से 18 महीने पहले, भारत की राजनीतिक अर्थव्यवस्था पूरी तरह से लड़खड़ाई हुई दिखाई दे रही है, लेकिन नरेंद्र मोदी द्वारा लगातार 2022 तक पूरे किए जाने वाले नामुमकिन वादों की झड़ी लगाने का सिलसिला जारी है.
जिस सुरक्षा को लेकर बीएचयू में पूरा बवाल हुआ, उसकी स्थिति अब भी वैसी ही है. जिस जगह पर छात्रा को छेड़ा गया था, वहां अब भी रोशनी का इंतज़ाम नहीं हुआ है.
जन गण मन की बात की 125वीं कड़ी में विनोद दुआ अर्थव्यवस्था को लेकर पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा की टिप्पणी और सरदार भगत सिंह पर चर्चा कर रहे हैं.
प्रशासन को लिखे एक पत्र में समिति ने पूछा है कि अच्छी तरह काम कर रही कमेटी को भंग करने की ज़रूरत क्यों पड़ी.