क्या अवैध तरीक़े से बनाए मंदिर से आपकी प्रार्थना भगवान तक पहुंचेगी: कोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने पूछा, अगर आप रास्ते पर अवैध अतिक्रमण से प्रार्थना करते हैं तो क्या यह ईश्वर तक पहुंचेगी. कहा- मंदिर समेत ज़िम्मेदार सभी व्यक्तियों से निपटा जाएगा.

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा कोयला घोटाले में दोषी क़रार

दिल्ली की विशेष अदालत ने कोड़ा के साथ पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता, झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव अशोक कुमार बासु, दो सरकारी कर्मचारी और एक चार्टर्ड एकाउंटेंट को धारा 120बी के तहत दोषी क़रार दिया.

देश को न मोदी चाहिए, न राहुल: अन्ना हजारे

अन्ना बोले, दोनों उद्योगपतियों के हिसाब से काम करते हैं. इस बार किसान के हित में सोचने वाली सरकार चाहिए. देश में 22 साल में 12 लाख किसान आत्महत्या कर चुके हैं.

जन गण मन की बात, एपिसोड 162: मोदी का गुजरात चुनाव प्रचार और एफआरडीआई विधेयक 

जन गण मन की बात की 162वीं कड़ी में विनोद दुआ प्रधानमंत्री के गुजरात चुनाव प्रचार और वित्तीय समाधान एवं जमा बीमा (एफआरडीआई) विधेयक पर चर्चा कर रहे हैं.

गुजरात चुनाव: एक ही सवाल बार-बार, कहां गईं नौकरियां-कहां है रोज़गार

राज्य के मौजूदा राजनीतिक विमर्श में रोज़गार और नौकरी को लेकर उठी आवाज़ें दब-सी गयी हैं. पूरा चुनाव प्रचार षड्यंत्रों की उल्टी-सीधी दास्तानों और ध्रुवीकरण पर आधारित हो गया है.

भारत किसी ख़ास धर्म के लोगों का नहीं, तमाम ख़ूबसूरत फूलों का एक गुलदस्ता है: अब्दुल्ला

फारूक़ अब्दुल्ला ने संघ को दी उन्माद से बचने की नसीहत, कहा- धार्मिक आधार पर देश को बांटने का चलन राष्ट्रहित के लिए घातक. इधर आरएसएस के भैयाजी जोशी ने कहा, हिंदुत्व से बदलेगा समाज.

मैं प्रधानमंत्री मोदी के झूठ से बहुत दुखी हूं: मनमोहन सिंह

पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, मैं याद दिलाना चाहूंगा कि दो आतंकी हमलों के बाद मोदी बिना बुलाए पाकिस्तान गए. उन्हें देश को बताना चाहिए कि पठानकोट हमले की जांच के लिए आईएसआई को क्यों बुलाया गया?

जो लोग भारत से प्यार नहीं करते हैं, उन्हें भारत छोड़ देना चाहिए: संघ नेता

संघ के नेता इंद्रेश कुमार ने कहा कि कांग्रेस ने नेहरू के नेतृत्व में आज़ादी नहीं विभाजन दिया. कांग्रेस ने देश को आज़ादी दिलाई इससे बड़ा कोई असत्य नहीं है.

पाकिस्तान से इतनी ही नफ़रत है तो शपथ ग्रहण में नवाज़ शरीफ़ को कौन बुलाया था?

मुसलमान का डर दिखा कर हिंदू नौजवानों को बर्बाद किया जा रहा है. उनसे कहा जा रहा है कि रोज़गार मत पूछो, पढ़ाई, अस्पताल मत पूछो, बस देखो कोई मुसलमान मुख्यमंत्री न बन जाए.

बाबरी विध्वंस के 25 साल: जलती मशालों के बीच का अकेलापन

बाबरी मस्जिद विध्वंस और उसके बाद के रक्तरंजित दौर की तरफ पच्चीस साल बाद फिर लौटते हुए हम नए सिरे से उस पुराने द्वंद्व से रूबरू होते हैं जो हर ऐसे सांप्रदायिक दावानल के बहाने उठता है.