आधार क़ानून को एक धन-विधेयक के तौर पर पारित किया गया था और इसका संबंध सिर्फ़ भारत की संचित निधि से जुड़ी चीज़ों से होना चाहिए. लेकिन, क्या कोई व्यवस्था के भीतर इस बात पर ध्यान देता है?
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने 16 स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिटों में बच्चों की मौत का कारण रक्त में संक्रमण, निमोनिया, मेनिनजाइटिस, सांस संबंधी बीमारी, पैदा होने के वक़्त ऑक्सीजन की कमी, वक्त से पहले जन्म आदि बताए हैं.
महाराष्ट्र में फ़र्ज़ी जाति प्रमाण पत्र से नौकरी पाने वाले सरकारी कर्मचारियों को हटाने के उच्चतम न्यायालय के आदेश पर सरकार असमंजस की स्थिति में है.
माकपा महासचिव ने चुनावी बॉन्ड को छोटे राजनीतिक दलों के वजूद को ख़तरा बताते हुए कहा कि छोटी पार्टियों को ज़िंदा रखने के लिए चुनावी बॉन्ड के प्रावधानों को हटाना होगा.
अदालत ने कहा कि स्वास्थ्य और शिक्षा पर सरकारी निवेश न्यूनतम. हेल्थकेयर पर जीडीपी का महज़ 0.3 फीसदी होता है ख़र्च.
आजकल सेकुलर (कुछ के लिए सिकुलर) शब्द आतंकवादी, देशद्रोही, पाकिस्तानी एजेंट, टुकड़े-टुकड़े गैंग जैसे कई शब्दों का पर्याय बन गया है.
जन गण मन की बात की 191वीं कड़ी में विनोद दुआ बजट में कृषि क्षेत्र को लेकर हुई घोषणाओं और देश में वीआईपी संस्कृति के चलन पर चर्चा कर रहे हैं.
आईपीएस अधिकारी सूर्य कुमार शुक्ला ने वायरल वीडियो को शरारतन काट-छांट कर दिखाए जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह समरसतापूर्ण माहौल बनाने की शपथ ले रहे थे.
चुनावी बॉन्ड जारी करने के केंद्र के फैसले को चुनौती देते हुए माकपा ने याचिका में कहा है कि यह क़दम लोकतंत्र को कमतर करके आंकने वाला है. इससे राजनीतिक भ्रष्टाचार और अधिक बढ़ जाएगा.
नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वुमेन ने कहा कि भाजपा नीत राजग सरकार महिलाओं के लिए न्याय और सशक्तिकरण की बात करती है, लेकिन उसकी यह मंशा बजट में नहीं दिखी.
तीन दिवसीय ‘नोबेल प्राइज सीरीज’ में हिस्सा लेने गोवा आए नोबेल पुरस्कार विजेता रिचर्ड जे. रॉबर्ट्स ने कहा कि जीवन में मेरा लक्ष्य नेताओं को यह समझाना है कि विज्ञान महत्वपूर्ण है.
पहलू खान हत्या मामले के जांच अधिकारी का कहना है कि पहलू खान के साथी ऐसे कोई भी दस्तावेज़ नहीं दिखा पाए, जिससे उन्हें गो तस्करी के मामले में निर्दोष माना जाए.
संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत यांगी ली ने कहा कि जब तक कोई भरोसेमंद अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण सबूतों को परख नहीं लेता, तब तक हम निश्चित तौर पर नरसंहार की घोषणा नहीं कर सकते, लेकिन हमें संकेत नज़र आ रहा है.
दो हज़ार करोड़ के फंड के साथ पचास करोड़ लोगों को बीमा देने की करामात भारत में ही हो सकती है. यहां के लोग ठगे जाने में माहिर हैं. दो बजट पहले एक लाख बीमा देने का ऐलान हुआ था, आज तक उसका पता नहीं है.
जन गण मन की बात की 190वीं कड़ी में विनोद दुआ नरेंद्र मोदी सरकार के आख़िरी पूर्ण बजट पर चर्चा कर रहे हैं.