जन गण मन की बात की 51वीं कड़ी में विनोद दुआ विदेशी अंशदान नियमन अधिनियम (एफसीआरए) और हाल ही में उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में हुई हिंसा पर चर्चा कर रहे हैं.
जन गण मन की बात की 50वीं कड़ी में विनोद दुआ कुलभूषण जाधव पर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फ़ैसले और कश्मीर में हुई लेफ़्टिनेंट उमर फ़याज़ की हत्या पर चर्चा कर रहे हैं.
‘पहले तरक़्क़ीपसंद मेरी तहरीरों को उछालते थे कि मंटो हममें से है. अब यह कहते हैं कि मंटो हम में नहीं है. मुझे ना उनकी पहली बात का यक़ीन था, ना मौजूदा पर है. अगर कोई मुझसे पूछे कि मंटो किस जमायत में है तो अर्ज़ करूंगा कि मैं अकेला हूं...’
जन गण मन की बात की 49वीं कड़ी में विनोद दुआ नोटबंदी और सन् 1857 के विद्रोह पर चर्चा कर रहे हैं.
जन गण मन की बात की 48वीं कड़ी में विनोद दुआ राजनीतिक भाषा में आई गिरावट और स्त्री विरोधी मानसिकता पर चर्चा कर रहे हैं.
जन गण मन की बात की 47वीं कड़ी में विनोद दुआ राष्ट्रपति चुनाव और बिलकिस बानो मामले पर चर्चा कर रहे हैं.
जन गण मन की बात की 46वीं कड़ी में विनोद दुआ आधार कार्ड की अनिवार्यता और पाकिस्तानी सेना की बर्बरता के बाद भारत की कार्रवाई को लेकर मीडिया द्वारा चलाई गई फर्ज़ी ख़बरों पर चर्चा कर रहे हैं.
जन गण मन की बात की 45वीं कड़ी में विनोद दुआ पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा भारतीय सैनिकों के साथ की गई बर्बरता और आम आदमी पार्टी की स्थिति पर चर्चा कर रहे हैं.
जन गण मन की बात की 44वीं कड़ी में विनोद दुआ वाम दलों की स्थिति और प्रशांत विश्नोई के घर से मिले हथियारों के जखीरे और वन्य जीवों के अंगों पर चर्चा कर रहे हैं.
जन गण मन की बात की 43वीं कड़ी में विनोद दुआ बेरोज़गारी और नोटबंदी के असर पर चर्चा कर रहे हैं.
विनोद खन्ना के हिस्से में ज़्यादातर इल्ज़ाम ही आए पर जो ज़िंदगी उन्होंने गुज़ारी, फिल्मी दुनिया की चकाचौंध के बीच उसे चुन पाना बेहद मुश्किल होता है.
जन गण मन की बात की 42वीं कड़ी में विनोद दुआ कांग्रेस के नाकारापन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बड़बोलेपन पर चर्चा कर रहे हैं.
जन गण मन की बात की 41वीं कड़ी में विनोद दुआ छत्तीसगढ़ के सुकमा में हुए नक्सली हमले और गोरक्षा के नाम पर चल रही गुंडागर्दी पर चर्चा कर रहे हैं.
जन गण मन की बात की 40वीं कड़ी में विनोद दुआ देश में पतियों द्वारा छोड़ दी गईं महिलाओं और प्रदूषण पर किए गए एक वैश्विक सर्वे पर चर्चा कर रहे हैं.
जन गण मन की बात की 39वीं कड़ी में विनोद दुआ राजनीति में अपराधीकरण और वीआईपी संस्कृति पर चर्चा कर रहे हैं.