गुजरात पुलिस के अनुसार, भरत छाबड़ा नाम के एक शख़्स ने ख़ुद को सीबीआई अफसर बताते हुए हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और तेलंगाना सहित कई राज्यों में ठगी की. वह लोगों को बताया करता था कि उसके गृह मंत्रालय, पीएमओ के साथ ही भाजपा और आरएसएस के प्रभावशाली लोगों से अच्छे संबंध हैं.
नवंबर 2014 में छत्तीसगढ़ के बिलासपुर ज़िले में लगा एक नसबंदी शिविर त्रासदी में तब्दील हो गया था, जब ऑपरेशन के बाद 13 महिलाओं की मौत हुई और कई अन्य स्त्रियां अस्पतालों में भर्ती रहीं. उस वक्त ढेरों सरकारी वादे किए गए थे, लेकिन आज उनका नामोनिशान नहीं दिखता.
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष अजित पवार ने एक महीने से भी कम समय में दूसरी बार सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि लोकसभा चुनाव 2024 में उन्होंने बहन सुप्रिया सुले के ख़िलाफ़ अपनी पत्नी को चुनाव लड़ाकर ग़लती की थी.
गरीबी आम तौर पर एक ऐसी स्थिति है जिसके शिकार व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह के पास जीने के लिए आवश्यक बुनियादी चीजें नहीं होतीं, जबकि रंक के साथ गरीबी से पैदा हुई 'कंगाली में आटा गीला' वाली गिरानी से भरी भीषण असहायता भी जुड़ी होती है.
कहा जा रहा है कि रुद्रप्रयाग ज़िले के गांवों में ग्राम सभा ने ऐसे बोर्ड लगाए हैं. हालांकि, ग्राम प्रधान के अनुसार इन्हें ग्रामीणों ने लगाया है. विश्व हिंदू परिषद ने इस मसले को अपना समर्थन देकर माहौल उग्र कर दिया है.
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उन दलों के नाम बताए हैं जिनके साथ भाजपा सरकार नहीं बनाएगी, लेकिन उन्होंने निर्दलियों, अपनी पार्टी और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस पर चुप्पी साध ली. इस बीच, अमित शाह ने कहा है कि अगर नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस की सरकार बनती है तो जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद लौट आएगा.
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने पिछले महीने संसद में दावा किया था कि संथाल परगना में आदिवासियों की संख्या कम होती जा रही है क्योंकि बड़ी संख्या में बांग्लादेशी घुसपैठिये आकर बस रहे हैं. झारखंड जनाधिकार महासभा व लोकतंत्र बचाओ अभियान की फैक्ट-फाइंडिंग रिपोर्ट में कहा गया है कि भाजपा द्वारा संसद और मीडिया में पेश किए जा रहे आंकड़े झूठे हैं.
असम सरकार ने भविष्य में आधार कार्ड जारी करने के लिए राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) आवेदन नंबर अनिवार्य कर दिया है, जो असम के लोगों को 2015 में एनआरसी के लिए आवेदन करते समय प्रदान किया गया था.
घटना लखनऊ के ट्रांसपोर्ट नगर इलाके की है, जो शनिवार शाम हुई तेज बारिश के बाद घटी. इमारत में कुछ गोदाम और एक मोटर वर्कशॉप संचालित थे. मलबे में अभी भी कई लोगों के दबे होने की आशंका है.
पुस्तक समीक्षा: अर्थशास्त्री परकाला प्रभाकर की 'नए भारत की दीमक लगी शहतीरें: संकटग्रस्त गणराज्य पर आलेख' न केवल भारतीय लोकतंत्र के वर्तमान राजनीतिक-सामाजिक परिदृश्य का विश्लेषण करती है, बल्कि बताती है कि देश के लोकतांत्रिक भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए कौन से क़दम ज़रूरी हैं.
नागौर ज़िले में स्थित ये खदानें करीब छह महीने पहले अडानी समूह की कंपनी अंबुजा सीमेंट को आवंटित हुई थीं. लेकिन सरकार ने पाया कि नागौर में नीलाम हुए अन्य ब्लॉक की तुलना में इन खदानों में बहुत कम बोली हासिल हुई थी.
कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: मुक्तिबोध मनुष्य के विरुद्ध हो रहे विराट् षड्यंत्र के शिकार के रूप में ही नहीं लिखते, बल्कि वे उस षड्यंत्र में अपनी हिस्सेदारी की भी खोज कर उसे बेझिझक ज़ाहिर करते हैं. इसीलिए उनकी कविता निरा तटस्थ बखान नहीं, बल्कि निजी प्रामाणिकता की कविता है.
उत्तराखंड: बागेश्वर के कई गांवों के घरों में दरारें और भू-धंसाव, ग्रामीणों ने खनन को ज़िम्मेदार बताया
कुमाऊं क्षेत्र के बागेश्वर ज़िले के कई गांवों में घरों, खेतों में और सड़कों पर दरारें व भू-धंसाव देखे गए हैं, जिसके चलते ग्रामीण भयवश घर छोड़ रहे हैं. लोगों का कहना है कि इसकी वजह क्षेत्र में बड़े पैमाने पर सोपस्टोन (खड़िया) खनन और ठेकेदारों द्वारा खोदी गई जगहों को बिना भरे छोड़ देना है.
मणिपुर के जिरीबाम ज़िले में शनिवार को हिंसा भड़क उठी, जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई. मृतकों में चार हथियारबंद लोग भी शामिल हैं. इससे पहले शुक्रवार को विष्णुपुर ज़िले के गांवों पर पास की पहाड़ियों से रॉकेट दागे गए, जिसमें एक 70 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई और कम से कम पांच लोग घायल हुए.
अयोध्या में भाजपा के सदस्यता अभियान से पहले रखी गई एक प्रेस वार्ता को फ़ैज़ाबाद के पूर्व सांसद लल्लू सिंह यह कहते हुए बीच में छोड़कर चले गए कि वे माफिया के साथ नहीं बैठ सकते. बताया जा रहा है कि उनका इशारा मंच पर बैठे भाजपा नेता शिवेंद्र सिंह की ओर था.