विपक्ष की सबसे बड़ी समस्या यह है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में अपने आक्रामक हिंदुत्व कहें या बहुसंख्यकवाद की बिना पर समता, बंधुत्व और धर्मनिरपेक्षता जैसे उदार संवैधानिक मूल्यों को आक्रांत कर देश के राजनीतिक विमर्श को इस हद तक बदल दिया है कि हतप्रभ विपक्ष इन मूल्यों की बिना पर उससे जीतने का विश्वास ही खो बैठा है.
वीडियो: फसलों पर एमएसपी पर ख़रीद की गारंटी समेत अन्य मांगों के साथ पंजाब और हरियाणा की सीमाओं पर जुटे किसानों के ख़िलाफ़ हरियाणा पुलिस की कार्रवाई सवालों के घेरे में हैं. पुलिस पर लगातार आंसू गैस के गोले छोड़ने और पैलेट गन का इस्तेमाल करने का भी आरोप लगा है. बीते 21 फरवरी को पुलिस से झड़प में एक युवा किसान शुभकरण सिंह की मौत भी हो गई थी.
वीडियो: एलन मस्क के स्वामित्व वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व नाम ट्विटर) ने खुलासा किया है कि भारत सरकार ने कुछ एक्स अकाउंट को ब्लॉक करने का आदेश दिया है. इसका वह पालन ज़रूर करेंगे, मगर इस आदेश से सहमत नहीं है. इस आदेश के मद्देनज़र किसान आंदोलन पर चर्चा कर रहे हैं द वायर के अजय कुमार.
वीडियो: महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने मराठा समुदाय के लिए शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने वाला एक विधेयक पारित किया है. हालांकि मराठा समुदाय के नेताओं ने तर्क दिया है कि विधेयक एक चुनावी चाल है. अदालतों में क़ानूनी जांच में नहीं टिक नहीं पाएगा, क्योंकि इसे ठीक से तैयार नहीं किया गया है.
वीडियो: किसान वर्तमान में जारी अपना प्रदर्शन फसलों के अधिकतम मूल्य को लेकर नहीं कर रहे हैं, बल्कि सरकार से ऐसी व्यवस्था की मांग कर रहे हैं कि उन्हें अपनी वाजिब मेहनत के लिए वाजिब कीमत मिल जाए. किसानों के प्रदर्शन और उनकी मांगों पर द वायर के अजय कुमार प्रकाश डाल रहे हैं.
द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
मत-पत्रों की पूर्ण पारदर्शिता के विपरीत, ईवीएम-वीवीपैट प्रणाली पूरी तरह से अपारदर्शी है. सब कुछ एक मशीन के भीतर एक अपारदर्शी तरीके से घटित होता है. वहां क्या हो रहा है, उसकी कोई जानकारी मतदाता को नहीं होती. न ही उसके पास इस बात को जांचने या संतुष्ट होने का ही कोई मौका होता है कि उसका मत सही उम्मीदवार को ही गया है.
पीएमजेएवाई इम्पैनल्ड प्राइवेट हॉस्पिटल एसोसिएशन (पीईपीएचएजी) की ओर से कहा गया है कि वह ‘प्रतीकात्मक विरोध’ के रूप में 26 से 29 फरवरी तक इस योजना के तहत मरीज़ों को स्वीकार नहीं करेगा. संगठन ने कहा कि योजना के तहत लगभग 300 करोड़ रुपये का लंबित बकाया कब चुकाया जाएगा सरकार की ओर से इसका कोई लिखित आश्वासन नहीं दिया गया है.
बीते 21 फरवरी को पंजाब-हरियाणा की खनौरी सीमा पर शुभकरण की मौत हरियाणा पुलिस की कार्रवाई के दौरान हो गई थी. उनकी मौत के कारण किसानों ने ‘दिल्ली चलो’ विरोध मार्च को अस्थायी रूप से रोक दिया है. इस बीच पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने उनके परिवार को 1 करोड़ रुपये की सहायता और बहन को नौकरी देने की घोषणा की.
मध्य प्रदेश विधानसभा में पेश की गई कैग रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में 1,500 से अधिक अपात्र लाभार्थियों को योजना के तहत धनराशि जारी कर दी गई और एसटी/एससी और अधिक वंचित लाभार्थियों को प्राथमिकता देने के बजाय अन्य लोगों को तरजीह दी गई थी. वाहन वाले परिवारों के लिए यह सुविधा नहीं है, लेकिन ऐसे लोगों को लाभ दिए गए, जिनके पास वाहन थे.
किसानों के आंदोलन को रोकने के दौरान हरियाणा पुलिस की द्वारा की गईं कार्रवाइयों की आलोचना हो रही है, जिसमें राज्य के सीमावर्ती इलाकों में 170 से अधिक किसान घायल हो गए और 22 वर्षीय शुभकरन सिंह की मौत हो गई. पुलिस विरोध कर रहे किसानों के ख़िलाफ़ आंसू गैस के गोले और रबर की गोलियों का इस्तेमाल कर रही है.
मणिपुर हाईकोर्ट की जस्टिस एमवी मुरलीधरन की एकल पीठ ने 27 मार्च 2023 को एक आदेश जारी कर मणिपुर की एन. बीरेन सरकार से राज्य की एसटी सूची में मेईतेई समुदाय को शामिल करने की सिफ़ारिश पर विचार करने के लिए कहा था. हाईकोर्ट ने अपने ताज़ा आदेश में इसमें संशोधन कर दिया है.
उत्तर प्रदेश के रायबरेली में बीते 20 फरवरी को भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा एक टीवी रिपोर्टर से यह पूछने पर कि क्या उनके चैनल का मालिक दलित है, विवाद खड़ा हो गया था. एडिटर्स गिल्ड ने कहा कि एक जीवंत लोकतंत्र को हमेशा पत्रकारों को ख़तरे में डाले बिना निडर होकर रिपोर्ट करने की स्वतंत्रता देनी चाहिए.
बीते 21 फरवरी को भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) द्वारा बुलाए गए एक दिवसीय विरोध प्रदर्शन के दौरान 61 वर्षीय किसान आत्मदाह करने की कोशिश की थी. किसान ने कहा कि बैंक लोन के बोझ के कारण उन्होंने यह क़दम उठाया. उन्होंने एक व्यक्ति के माध्यम से लोन लिया था, जिसने उनके साथ धोखाधड़ी कर दी थी.
मनोहर जोशी 1995 से 1999 तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे थे और अविभाजित शिवसेना से राज्य में शीर्ष पद पर आसीन होने वाले पहले नेता थे. वह संसद सदस्य के रूप में भी चुने गए और 2002 से 2004 तक लोकसभा अध्यक्ष रहे थे. बाद में वह केंद्रीय भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्री भी बने थे.