भारत और चीन के बीच बीते साल पांच मई से पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध चल रहा है. गतिरोध ख़त्म करने लिए दोनों देशों के बीच कई दौर की सैन्य और राजनयिक स्तर की वार्ताएं हो चुकी हैं, लेकिन अब तक कोई हल नहीं निकल पाया है.
वीडियो: अपने खेत में व्यस्त रहने वाला किसान समय-समय पर अपने लिए हक़ की आवाज़ बुलंद करता रहा है. देश की आज़ादी से पहले की बात हो या आज़ादी के बाद की किसान अपना हक़ हुक्मरानों से मांगते रहे हैं.
वीडियो: दिल्ली पुलिस ने स्वतंत्र पत्रकार मनदीप पुनिया को सिंघू बॉर्डर प्रदर्शन स्थल से गिरफ्तार किया था जहां केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी ने ग़ाज़ीपुर बॉर्डर जाकर डिजिटल मीडिया के पत्रकारों से बात की.
मोहब्बत की ख़ातिर की जा रही इस लड़ाई में यह ज़रूरी है कि इसे जुझारू तरीके से लड़ा जाए और ख़ूबसूरत तरीके से जीता जाए.
पिछले सत्तर दिनों से तीन नए कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ हो रहे किसान आंदोलन का केंद्र बने धरनास्थलों में से एक ग़ाज़ीपर बॉर्डर पर बैरिकेडिंग बढ़ाने के साथ, कंटीले तार और कीलें गाड़ दी गई हैं. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इसका मक़सद दिल्ली और आसपास के इलाकों से आने वाले लोगों को रोकना है.
केंद्र के तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे किसानों के आह्वान पर शनिवार को देश के विभिन्न इलाकों में चक्काजाम किया गया. किसानों ने आंदोलन स्थलों के पास के क्षेत्रों में इंटरनेट पर रोक लगाए जाने, अधिकारियों द्वारा कथित रूप से उन्हें प्रताड़ित किए जाने और अन्य मुद्दों को लेकर देशव्यापी चक्काजाम की घोषणा की थी.
क्या सरकार आंदोलनकारी अन्नदाताओं के इरादों से सचमुच डर गई है और इसीलिए ऐसी सियासत पर उतर आई है, जो अन्नदाताओं के रास्ते में दीवारें उठाकर, कंटीले तार बिछाकर और गिरफ़्तार करके उनसे कह रही है कि आओ वार्ता-वार्ता खेलें?
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में बताया कि देश के विभिन्न राज्यों में आंदोलनरत किसानों की मौत के बारे में कोई विशेष जानकारी उपलब्ध नहीं है. क्या सरकार मृतक किसानों के परिवारों को किसान कल्याण कोष से वित्तीय सहायता प्रदान करेगी? इस प्रश्न का उत्तर तोमर ने ‘नहीं’ में दिया.
पूर्व नौकरशाहों ने एक खुले पत्र में नए कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किसानों के प्रदर्शन के प्रति केंद्र सरकार का रवैये की निंदा की है. उन्होंने 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के समय के घटनाक्रम को लेकर सवाल उठाया कि जब लाल क़िले पर किसानों के एक समूह ने राष्ट्रीय ध्वज के नीचे अपना झंडा फहराया था, तब पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए कुछ भी क्यों नहीं किया था?
ग़ौर करने लायक बात यह है कि नौ महीनों की इस अवधि में पटरियों पर हादसों में इतनी बड़ी तादाद में लोगों की जान तब गई, जब कोविड-19 के प्रकोप के कारण अधिकांश समय लाॅकडाउन था और सीमित संख्या में ट्रेनें चल रही थीं.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने कहा है कि शांतिपूर्ण एकत्र होने एवं अभिव्यक्ति के अधिकारों की हिफ़ाज़त की जानी चाहिए. यह ज़रूरी है कि सभी के मानवाधिकारों की रक्षा करते हुए न्यायसंगत समाधान तलाशा जाए.
वीडियो: दिल्ली के सिंघू बाॅर्डर पर किसानों के आंदोलन को कवर कर रहे स्वतंत्र पत्रकार मनदीप पुनिया को बीते 30 जनवरी को दिल्ली पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया था. रिहा होने के बाद उनसे द वायर के सिराज अली ने बातचीत की.
राजस्थान के उदयपुर ज़िले में गोगुन्दा से विधायक प्रताप लाल गमेती पर मध्य प्रदेश की रहने वाली महिला ने शादी का झांसा देकर बलात्कार करने का आरोप लगाया है. मामले की जांच सीबी-सीआईडी को सौंप दी गई है.
पीलीभीत के सेहरामऊ थाना क्षेत्र के बलविंदर सिंह 23 जनवरी को ग़ाज़ीपुर सीमा के लिए निकले थे. एक हफ़्ते बाद उनके परिवार को दिल्ली पुलिस ने फोन कर सड़क दुर्घटना में उनकी मौत के बारे में बताया. बुधवार को अंतिम संस्कार के समय उनके शव को तिरंगे में लपेटा गया था.
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने दिल्ली के टिकरी, सिंघू और ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर पुलिस द्वारा की गई क़िलेबंदी को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि दिल्ली में हम चक्काजाम नहीं कर रहे हैं, वहां तो राजा ने ख़ुद क़िलेबंदी कर ली है.