हम भी भारत की दूसरी कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति पर भारतीय मज़दूर संघ के पवन कुमार और एटक की अमरजीत कौर के साथ चर्चा कर रही हैं.
जन गण मन की बात की 126वीं कड़ी में विनोद दुआ ईशा फाउंडेशन के जग्गी महाराज और न्यायाधीश जयंत पटेल के इस्तीफे पर चर्चा कर रहे हैं.
जन गण मन की बात की 125वीं कड़ी में विनोद दुआ अर्थव्यवस्था को लेकर पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा की टिप्पणी और सरदार भगत सिंह पर चर्चा कर रहे हैं.
जन गण मन की बात की 124वीं कड़ी में विनोद दुआ बीएचयू में हुए छात्राओं के आंदोलन और मोदी सरकार की बिजली संबंधी सौभाग्य योजना पर चर्चा कर रहे हैं.
मीडिया बोल की 16वीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश बीएचयू में हुई हिंसा के मीडिया कवरेज पर वरिष्ठ न्यूज़ एंकर अमृता राय और पत्रकार अभिषेक श्रीवास्तव के साथ चर्चा कर रहे हैं.
वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ होली के मौके पर सोनिया गांधी को गुलाल लगाती उस तस्वीर की पूरी कहानी बता रहे हैं.
जन गण मन की बात की 123वीं कड़ी में विनोद दुआ साइबर क्राइम और जेएनयू पर चर्चा कर रहे हैं.
ट्रोलिंग पर विशेष सीरीज़: वरिष्ठ पत्रकार और ‘आई एम अ ट्रोल: इनसाइड द सीक्रेट डिजिटल आर्मी ऑफ द बीजेपी’ किताब की लेखिका स्वाति चतुर्वेदी से कृष्णकांत की बातचीत.
जन गण मन की बात की 122वीं कड़ी में विनोद दुआ जीडीपी में गिरावट और नोटबंदी से सोना आयात में हुई बढ़ोतरी पर चर्चा कर रहे हैं.
जन गण मन की बात की 121वीं कड़ी में विनोद दुआ मेक इन इंडिया और देश में रोज़गार की स्थिति पर चर्चा कर रहे हैं.
जन गण मन की बात की 120वीं कड़ी में विनोद दुआ नोटबंदी व जीएसटी पर दिए गए मनमोहन सिंह के बयान और नितिन गडकरी के गंगा सफाई अभियान पर चर्चा कर रहे हैं.
मीडिया बोल की 15वीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, पहलू ख़ान और बुलेट ट्रेन के मीडिया कवरेज को लेकर वरिष्ठ पत्रकार सबा नक़वी और एनआर मोहंती से चर्चा कर रहे हैं.
आॅनलाइन गुंडागर्दी: ट्रोलिंग पर द वायर हिंदी की विशेष सीरीज़ की पहली कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार विद्या सुब्रमण्यम अपना अनुभव साझा कर रही हैं.
जन गण मन की बात की 119वीं कड़ी में विनोद दुआ जापान के साथ हुए बुलेट ट्रेन के क़रार और भारतीय अर्थव्यवस्था पर चर्चा कर रहे हैं.
ट्रोलिंग पर विशेष सीरीज़: पहली कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार विद्या सुब्रमण्यम बता रही हैं कि कैसे साल 2013 में आरएसएस पर उनके एक लेख की वजह से उन्हें प्रताड़ना झेलनी पड़ी थी.