भीमा-कोरेगांव मामले में गिरफ़्तार मानवाधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा का चश्मा महाराष्ट्र की तलोजा जेल से चोरी हो गया था. उनके परिवार ने डाक के माध्यम से नया चश्मा भेजा था, जिसे जेल अधिकारियों ने वापस कर दिया था.
मानवाधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा को इस साल अप्रैल में कथित तौर पर भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले से जुड़े होने के संबंध में गिरफ़्तार किया गया था. उनकी पार्टनर का कहना है कि डाक के माध्यम से उन्होंने महाराष्ट्र की तलोजा जेल में उनका चश्मा भेजा था, लेकिन जेल अधिकारियों ने उसे वापस लौटा दिया.
बीते फरवरी माह में उत्तर-पूर्वी दिल्ली के ज़ाफ़राबाद क्षेत्र में दंगों से संबंधित एक मामले में गुलफ़िशा फ़ातिमा को गिरफ़्तार किया गया था. इस मामले में सह-आरोपी पिंजरा तोड़ की सदस्य देवांगना कलीता और नताशा नरवाल को पहले ही ज़मानत दी जा चुकी है.
दिल्ली हिंसा से जुड़े मामले में यूएपीए के तहत गिरफ़्तार छात्रा गुलफिशा फातिमा ने स्थानीय अदालत की सुनवाई में आरोप लगाया कि जेल में उनके साथ भेदभाव होता है, सांप्रदायिक टिप्पणियां की जाती हैं. ऐसे में अगर वे ख़ुद को कोई नुक़सान पहुंचाती हैं, तो जेल प्रशासन इसका ज़िम्मेदार होगा.
जामिया मिलिया इस्लामिया छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष शिफ़ा उर रहमान को दिल्ली दंगों के सिलसिले में यूएपीए के तहत गिरफ़्तार किया गया है. रहमान ने अदालत के समक्ष याचिका दायर कर कहा है कि जेल प्रशासन उन्हें उनके वकील से मिलने नहीं दे रहा है.
भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में गिरफ़्तार गौतम नवलखा ने यह कहते हुए ज़मानत याचिका दायर की थी कि वे 90 से अधिक दिनों से हिरासत में हैं लेकिन उनके ख़िलाफ़ आरोपपत्र दायर नहीं किया गया है. हालांकि अदालत ने इसे ख़ारिज कर दिया.
भीमा कोरेगांव हिंसा में आरोपी सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा दिल्ली से मुंबई ले जाने के संबंध में दिल्ली हाईकोर्ट ने एनआईए को दस्तावेज़ पेश करने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यह मामला हाईकोर्ट के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता. शीर्ष अदालत ने एनआईए के ख़िलाफ़ हाईकोर्ट की टिप्पणी को भी रिकॉर्ड से हटा दिया है.
तिहाड़ जेल में बंद पिंजड़ा तोड़ संगठन की नताशा नरवाल ने आरोप लगाया था कि जेल में बड़े पैमाने पर हुई हिंसा के चलते संपर्क माध्यम निषिद्ध कर दिए गए हैं. इसके जवाब में जेल के अधिकारियों ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि कुछ दिन पहले कई विदेशी क़ैदियों द्वारा हिंसा में 10 जेलकर्मियों समेत 25 लोग घायल हो गए थे.
भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में गिरफ़्तार 67 साल के सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा मुंबई की तलोजा जेल में बंद हैं. उनकी साथी ने एक चिट्ठी लिखकर बताया है कि कोरोना संक्रमण के दौर में जेल में अस्थाई क्वारंटीन के छह कमरों में 350 क़ैदियों को रखा गया है.
कोरोना वायरस के मद्देनज़र जेलों में क़ैदियों की संख्या कम करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ये समिति बनाई गई थी. समिति ने क़ैदियों को ज़मानत या पैरोल देने के मानदंडों में भी ढील दी है.
जामिया मिलिया इस्लामिया की छात्रा सफूरा जरगर के वकील ने कोर्ट से अपील की कि उन्हें मानवीय आधार पर ज़मानत दी जाए, क्योंकि वो 21 हफ्ते की गर्भवती हैं और पॉली सिस्टिक ओवरियन डिसऑर्डर से पीड़ित हैं.
दक्षिण दिल्ली के मेहरौली इलाके में स्थित एक रेस्तरां में 30 अप्रैल 1999 को पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा के बेटे मनु शर्मा ने जेसिका लाल की सिर्फ़ इसलिए गोली मारकर हत्या कर दी थी, क्योंकि उन्होंने उसे शराब देने से मना कर दिया था.
कोरोना संक्रमित अधिकारी की तैनाती केंद्रीय कारागार नंबर-7 में तैनात थी. इससे पहले दिल्ली की रोहिणी जेल में सहायक अधीक्षक और मंडोली जेल के उपाधीक्षक भी संक्रमित पाए गए थे.
सच्चाई यह है कि साल 2018 में सफूरा की शादी एक कश्मीरी युवक से हुई थी. सफूरा और उनका परिवार पहले से ही उनकी गर्भावस्था से वाकिफ था और यही वजह थी कि उनके वकील ने सफूरा की गर्भावस्था को ध्यान में रखते हुए अप्रैल में ही उनकी जमानत की गुहार लगाई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वायरस महामारी के मद्देनज़र देशभर की जेलों में बंद कैदियों की चिकित्सा सहायता के लिए स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई की और कहा कि क्या हम इस हालात को देखते हुए जेलों में कैदियों की भीड़ कम करने और जेलों की क्षमता बढ़ाने की कोशिश कर सकते हैं?