तिहाड़ जेल में कोरोना वायरस का पहला मामला, सहायक अधीक्षक संक्रमित

कोरोना संक्रमित अधिकारी की तैनाती केंद्रीय कारागार नंबर-7 में तैनात थी. इससे पहले दिल्ली की रोहिणी जेल में सहायक अधीक्षक और मंडोली जेल के उपाधीक्षक भी संक्रमित पाए गए थे.

तिहाड़ जेल, दिल्ली (फोटो: रायटर्स)

कोरोना संक्रमित अधिकारी की तैनाती केंद्रीय कारागार नंबर-7 में तैनात थी. इससे पहले दिल्ली की रोहिणी जेल में सहायक अधीक्षक और मंडोली जेल के उपाधीक्षक भी संक्रमित पाए गए थे.

तिहाड़ जेल, दिल्ली (फोटो: रायटर्स)
तिहाड़ जेल, दिल्ली (फोटो: रायटर्स)

नई दिल्लीः दिल्ली की तिहाड़ जेल में 45 वर्षीय अधिकारी के कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी मिली है. संक्रमित अधिकारी जेल में सहायक अधीक्षक के पद पर तैनात हैं.

उनकी तिहाड़ के सेंट्रल जेल नंबर सात में तैनाती थी और वह तिहाड़ के स्टाफ रिहायशी परिसर में रहते हैं.

तिहाड़ जेल के महानिरीक्षक संदीप गोयल का कहना है कि कोरोना संक्रमित अधिकारी ने शुक्रवार को छुट्टी ली थी. वह घर जाकर परिवार से मिलना चाहते थे लेकिन उनमें किसी तरह के लक्षण नहीं थे.

गोयल ने कहा कि हालांकि जाने से पहले उन्होंने 22 मई को आम्रपाली अस्पताल में अपना कोरोना टेस्ट कराया था, जिसका नतीजे रविवार को आए.

जेल अधिकारियों के मुताबिक, कोरोना संक्रमित पाए जाने की वजह से जेल प्रशासन ने उनके निकट संपर्क में आए जेल के एक कर्मचारी का पता लगाया और उन्हें होम क्वारंटीन के लिए भेजा.

बता दें कि इस कर्मचारी ने भी कोरोना टेस्ट कराया है लेकिन उसका रिजल्ट अभी नही आया है.

वरिष्ठ जेल अधिकारियों का कहना है कि संक्रमित अधिकारी के संपर्क में आए दो अन्य जेल कर्मचारियों सहित पांच और लोगों को भी होम क्वारंटीन में भेजा गया है, जबकि तीन कैदियों को आइसोलेट बैरेक में रखा गया है.

एहतियात के तौर पर दिल्ली की अलग-अलग जेलों में तैनात संक्रमित जेल अधिकारियों के नौ पड़ोसियों को भी खुद को क्वारंटीन करने को कहा गया है और उन्हें ड्यूटी जॉइन नहीं करने को कहा गया है. हालांकि ये लोग सीधे तौर पर उनके संपर्क में नहीं आए थे.

इन सभी लोगों में अभी कोरोना के किसी तरह के लक्षण नहीं हैं और प्रशासन उनकी मेडिकल स्थिति पर नजर बनाए रखेगा.

बता दें कि कुछ दिनों पहले दिल्ली की रोहिणी जेल में एक 50 वर्षीय अधिकारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. वह जेल में सहायक अधीक्षक के पद पर तैनात हैं. उत्तर-पूर्वी दिल्ली के मंडोली जेल के उपाधीक्षक भी पिछले सप्ताह कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे.

जेलों में भीड़भाड़ को कम करने के लिए शीर्ष अदालत ने 23 मार्च को सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को उच्चाधिकार प्राप्त समितियों का गठन करने का निर्देश दिया था, जो कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान कैदियों को अंतरिम जमानत या पैरोल पर रिहा करने का निर्णय ले.

हाल ही में राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (नालसा) ने रिपोर्ट जारी कर बताया था कि जेलों में कैदियों की भीड़ कम करने के लिए पिछले डेढ महीने में 42,259 विचाराधीन कैदियों को देश भर की जेलों से रिहा किया गया. उत्तर प्रदेश से सबसे अधिक 9,977 विचाराधीन कैदियों को रिहा किया गया था. वहीं दिल्ली से दिल्ली से 2,177 कैदियों को रिहा किया गया.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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