झारखंड जनाधिकार महासभा की ओर से कहा गया है कि खूंटी ज़िले में पत्थलगड़ी आंदोलन से संबंधित दर्ज 5 केस अब तक वापस नहीं लिए गए हैं. इनमें से एक मामला दिवंगत फादर स्टेन स्वामी 20 सामाजिक कार्यकर्ताओं व बुद्धिजीवियों से भी संबंधित है. संगठन ने राज्य की हेमंत सोरेन सरकार ने इन मामलों को वापस लेने की मांग की.
पत्थलगड़ी आंदोलन की शुरुआत होने के बाद कई ग्रामीणों ने आरोप लगाया था कि उन्हें 'पुलिस क्रूरता' का सामना करना पड़ा. 172 लोगों के खिलाफ अन्य मामलों के साथ राजद्रोह के कुल 19 मामले दर्ज किए गए थे. सभी मामलों को वापस लेने का फैसला किया गया है.
सर्व आदिवासी समाज ने कहा कि आदिवासियों की ज़मीनों को निजी हाथों में सौंपा जा रहा है. ऐसे में उनका अपने हक़ के लिए लड़ना स्वभाविक है. कांग्रेस ने कहा कि प्रदेश सरकार आदिवासियों की समस्याओं को समझ नहीं पा रही है.