वेदांता समूह के स्टरलाइट प्लांट के कर्मचारियों की व्यथा बताती है कि कंपनी का अपने कर्मचारियों के प्रति रवैया बेहद अमानवीय था.
अगर आप केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ट्विटर टाइमलाइन देखेंगे, तो आपको पता नहीं लगेगा कि देश में क्या चल रहा है.
22 मई को स्टरलाइट कॉपर के ख़िलाफ़ 100 दिनों से चल रहा प्रदर्शन हिंसक हो गया था और पुलिस गोलीबारी में 13 लोगों की मौत हो गई थी.
एनडीए सरकार द्वारा दिसंबर 2014 में पर्यावरण क़ानून में इस तरह के बदलाव किए गए, जिससे वेदांता के तूतीकोरिन प्रोजेक्ट जैसे कुछ विशेष प्लांट को इससे प्रभावित होने वाले लोगों के राय-मशविरे के बिना बनाने की मंज़ूरी मिली.
वेदांता की छवि हमेशा से ही पर्यावरण और मानवाधिकारों का उल्लंघन करने वाली कंपनी की रही है. दिलचस्प ये है कि कंपनी नरेंद्र मोदी सरकार के 'विकास एजेंडा' के झंडाबरदारों में से एक है.
पलानीसामी ने तूतीकोरिन में प्रदर्शनकारियों पर पुलिस फायरिंग को सही ठहराया. स्टालिन ने मुख्यमंत्री का इस्तीफ़ा मांगा, गृह मंत्रालय ने तमिलनाडु से रिपोर्ट मांगी.
तूतीकोरिन में पुलिसिया कार्रवाई को सही ठहराते हुए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पलानीसामी ने कहा, अगर किसी पर हमला किया जाता है तो वो ख़ुद के बचाव में कोई न कोई क़दम उठाता है. यही क़दम पुलिस ने मंगलवार को उठाया.
जन गण मन की बात की 247वीं कड़ी में विनोद दुआ तूतीकोरिन में वेंदाता समूह के ख़िलाफ़ प्रदर्शन में लोगों की मौत और लोकसभा में भाजपा के संख्या बल में आई कमी पर चर्चा कर रहे हैं.
तमिलनाडु के तूतीकोरिन ज़िले में वेदांता समूह की कंपनी स्टरलाइट कॉपर के ख़िलाफ़ मंगलवार को हिंसक प्रदर्शन में 10 लोगों की मौैत हो गई थी.
तमिलनाडु के तूतीकोरिन ज़िले में वेदांता समूह की कंपनी स्टरलाइट कॉपर के ख़िलाफ़ महीनों से चल रहा प्रदर्शन मंगलवार को हिंसक हो गया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस ने इस दौरान गोलीबारी की है.