प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गाली-गलौज करने वाले ट्विटर हैंडल्स को फॉलो करने पर कई बार सवाल उठाए गए हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता.
किसी एक त्रासदी के पीड़ितों को दूसरी त्रासदी के पीड़ितों के ख़िलाफ़ इस्तेमाल करना हद दर्जे का ओछापन है, जहां पीड़ितों को इंसाफ दिलाने की बजाय राजनीतिक रोटियां सेंकी जाने लगती हैं.
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अमरनाथ तीर्थयात्रियों पर आतंकवादी हमले की राज्य की जनता ने कड़ी निंदा करके कश्मीरियत की भावना को बरकरार रखा है.
परेश रावल ने कहा, 'अगर उन्हें सेना की जीप से बांधा जाता तो पथराव करने वाला कोई भी व्यक्ति उन पर हमला नहीं करता क्योंकि वह उनकी विचारधारा का समर्थन करती हैं.'
पहले भी सामाजिक कार्यकर्ताओं की हत्या की जाती थी. इनकी हत्या में सत्ताधारी सांसद और पुलिस अधिकारी भी शामिल होते थे. लेकिन पहले यह सब चुपचाप होता था. अब नया राजनीतिक माहौल ऐसा है कि अपराधी अपनी मंशाएं खुलेआम ज़ाहिर कर सकते हैं.
अभिनेता और भाजपा सांसद ने एक ट्वीट करके लेखिका और सामाजिक कार्यकर्ता अरुंधति रॉय पर निशाना साधा है.
मोदी सरकार के तीन साल पूरे होने पर छिड़ा ट्विटर वॉर, ट्रेंड कर रहा है 'अच्छे दिन नौकरी बिन' और तीन साल गोलमाल.
रिटायर्ड एयर मार्शल अनिल चोपड़ा ने ट्विटर पर कश्मीरी युवक को जीप पर बांधने को भी सही ठहराया. चोपड़ा सैन्य बल न्यायाधिकरण के सदस्य हैं, जहां कोर्ट मार्शल की अपील की सुनवाई भी होती है. उनका इस तरह के ट्वीट करना उनकी निष्पक्षता पर सवाल खड़े करता है.
सार्वजनिक तौर पर ‘लोक-कल्याणकारी मकसदों’ की हिमायत करके फायदा कमाने वाली कंपनियां अपने कामों के दौरान अक्सर ढिठाई से मानवाधिकारों का उल्लंघन करती पायी जाती हैं.
अब चुनाव सिर्फ़ जनता के बीच नहीं लड़े जाते, सभी पार्टियों के सोशल मीडिया वार रूम अब ट्विटर और फेेसबुक पर भी चुनाव लड़ते हैं. इसी कड़ी में रविवार शाम से रातभर ट्विटर पर ट्रेंड करता रहा #मोदी_की_हवा_टाइट_है.
प्रधानमंत्री ट्विटर पर खासे सक्रिय रहते हैं. जनता की ट्विटर फीड में उनकी मौजूदगी स्थायी हो चुकी है पर क्या आप जानते हैं कि पीएम की ट्विटर फीड में क्या रहता है?