किसी नेता के ट्विटर अकांउट के हैक होने का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले पिछले वर्ष दिसंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ट्विटर अकांउट भी हैक कर लिया गया था और उससे बिटक्वाइन के संबंध में ट्वीट किया गया था. इनके अलावा कुछ सरकारी विभागों के ट्विटर हैंडल को भी हैक किए जाने की खबरें हाल में आई थीं.
गुजरात भाजपा द्वारा साझा किए गए कार्टून से डरने की वजह है कि हम पहले भी एक धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाने वाली इस तरह की सनक भरी नफ़रत देख चुके हैं और यह जानते हैं कि इसका अंजाम क्या होता है.
साल 2008 के अहमदाबाद बम विस्फोट मामले में 38 दोषियों को मृत्युदंड के अदालत के फ़ैसले की सराहना करते हुए गुजरात भाजपा के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक कार्टून पोस्ट किया गया था, जिसमें टोपी पहने पुरुषों को फांसी के फंदे से लटके हुए दिखाया गया था. ट्विटर ने इसे मंच के नियमों का उल्लंघन माना है.
कर्नाटक सरकार द्वारा हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा गया है कि अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अंतर्गत आने वाले स्कूलों और कॉलेजों और मौलाना आजाद मॉडल इंग्लिश मीडियम स्कूलों में भगवा शॉल, स्कार्फ, हिजाब पहनना या कोई अन्य धार्मिक झंडे को रखना प्रतिबंधित है.
भाजपा की कर्नाटक इकाई ने अंग्रेजी और कन्नड़ भाषाओं में ट्वीट कर हिजाब के विरोध में अदालत में याचिकाएं दायर करने वाली छात्राओं की निजी जानकारी साझा कर दी थी, जिसमें छात्राओं के नाम, उनके पते और उनके परिजनों के नाम सहित उनकी निजी जानकारियां शामिल थीं. हालांकि विवाद के बाद इन्हें ट्विटर से हटा दिया गया.
सोशल मीडिया पर केएफसी के पाकिस्तान स्थित फ्रेंचाइज़ी की अकाउंट से एक संदेश पोस्ट किया गया था, जिसमें कथित तौर पर कश्मीर के अलगाववादियों का समर्थन किया गया था. विवाद के बाद केएफसी इंडिया ने एक बयान में कहा कि हम भारत का सम्मान करते हैं और सभी भारतीयों की सेवा करने के अपने संकल्प के प्रति प्रतिबद्ध हैं.
बेंगलुरु के केएसआर रेलवे स्टेशन पर कुलियों के विश्राम के लिए बने पर इस्तेमाल में न आने वाले कमरे में लंबे समय से मुस्लिम श्रमिकों द्वारा नमाज़ पढ़ी जा रही थी. अब हिंदू जनजागृति समिति ने इस पर आपत्ति जताए हुए इसे 'साज़िश का हिस्सा' बताया है.
पुलिस का आरोप है कि मानवाधिकार कार्यकर्ता एहसान उन्टू सोशल मीडिया के माध्यम से भारत के ख़िलाफ़ नफ़रती एजेंडा चला रहे थे.
ट्विटर ने एक बयान में कहा कि ट्विटर के क़दम न केवल उच्च मतदान सुनिश्चित करने पर केंद्रित हैं, बल्कि यह सुनिश्चित करने में भी सहायता करेंगे कि मतदाता पूरे चुनाव चक्र में शामिल हों और इस दौरान उनके पास पूरी जानकारी रहे. माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ‘कू’ ऐप ने भी कहा कि उसने विधानसभा चुनावों में सोशल मीडिया के निष्पक्ष उपयोग के लिए ‘स्वैच्छिक आचार संहिता’ अपनाई है.
आईटी सेल की रहस्यमयी दुनिया में राष्ट्र निर्माण के नाम पर कितने नौजवानों को अपराधी बनाया जा रहा है, इससे सतर्क होने की ज़रूरत है. इससे बहुसंख्यक समाज ने ख़ुद को नहीं बचाया तो घर-घर में हत्यारे पैदा हो जाएंगे.
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने मांग है कि सरकार इस तरह के महिला द्वेषी और अपमानजनक डिजिटल वातावरण को तोड़ने तथा ख़त्म करने के लिए तत्काल क़दम उठाए और इसमें शामिल दोषियों एवं संस्थाओं की पहचान करने तथा उन्हें दंडित करने के लिए गहन जांच की जाए.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि हिंसा के बारे में लिखना कोई अपराध नहीं है. त्रिपुरा पुलिस ने पत्रकार समीउल्लाह शब्बीर ख़ान के ख़िलाफ़ राज्य में पिछले साल हुई हिंसा से संबंधित एक ट्वीट के लिए यूएपीए और विभिन्न धाराओं के तहत मुक़दमा दर्ज किया था.
द वायर ने दो वर्षों की पड़ताल के बाद स्रोतों की मदद से एक गोपनीय ऐप टेक फॉग का ख़ुलासा किया, जिसका इस्तेमाल सत्ताधारी दल से संबद्ध लोगों द्वारा कृत्रिम रूप से पार्टी की लोकप्रियता बढ़ाने, इसके आलोचकों को प्रताड़ित करने और प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बड़े पैमाने पर जनधारणाओं को एक ओर मोड़ने के लिए किया जाता है.
एक्सक्लूसिव: द वायर ने उन दावों की पड़ताल की है, जिसमें कहा गया है कि ऑनलाइन कार्यकर्ताओं द्वारा प्रमुख सोशल मीडिया और एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग प्लेटफॉर्म को हाईजैक करने और घरेलू उपयोगकर्ताओं के बीच दक्षिणपंथी प्रोपगैंडा को बढ़ावा देने के लिए एक बेहद परिष्कृत ऐप 'टेक फॉग' का इस्तेमाल किया जा रहा है.
सोशल मीडिया कंपनी वॉट्सऐप ने अपनी ताज़ा अनुपालन रिपोर्ट में कहा कि इस दौरान इस दौरान उसे 602 शिकायतें मिली हैं. नए आईटी नियमों के तहत 50 लाख से अधिक यूज़र्स वाले बड़े डिजिटल मंचों को हर महीने अपनी अनुपालन रिपोर्ट प्रकाशित करनी होती है, जिसमें प्राप्त शिकायतों और उन पर की गई कार्रवाई का विवरण होता है.