राजद्रोह मामलाः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शरजील इमाम को ज़मानत दी

जेएनयू छात्र शरजील इमाम को सीएए-एनआरसी के ख़िलाफ़ प्रदर्शनों में जामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में कथित भड़काऊ भाषण देने के आरोप में यूएपीए के तहत गिरफ़्तार किया था. इससे पहले अक्टूबर में दिल्ली की अदालत ने इमाम को उनके इसी भाषण के लिए ज़मानत देने से इनकार कर दिया था.

दिल्ली दंगों के सिलसिले में दर्ज 758 प्राथमिकी में से 361 में आरोप-पत्र दाख़िल, 67 में आरोप तय: पुलिस

दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछले साल सीएए के विरोध में प्रदर्शनों की पृष्ठभूमि में हिंसा और नफरत फैलाने के संबंध में दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है. दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि वह राष्ट्रीय राजधानी में फरवरी 2020 में हुए दंगे के सिलसिले में दर्ज आपराधिक मामलों की स्थिति रिपोर्ट हलफनामे के साथ जमा करे.

दिल्ली दंगों पर टाइम्स नाउ के दो कार्यक्रमों की बहस निष्पक्ष नहीं थीं: एनबीडीएसए

नेशनल ब्रॉडकास्टिंग एंड डिजिटल स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी का यह बयान एक शख़्स की शिकायत पर टाइम्स नाउ के एंकर राहुल शिवशंकर और पद्मजा जोशी द्वारा सितंबर 2020 में पेश किए गए चैनल के प्राइम टाइम शो इंडिया अपफ्रंट के दो एपिसोड से जुड़ा है. अथॉरिटी ने चैनल से उक्त एपिसोड यूट्यूब से हटाने को कहा है.

त्रिपुरा में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं की कवरेज को लेकर गिरफ़्तार महिला पत्रकारों को ज़मानत

त्रिपुरा में हो रही हिंसा के संबंध में मस्जिदों पर हमले और तोड़फोड़ के मामलों को कवर कर रहीं एचडब्ल्यू न्यूज़ नेटवर्क की इन दो महिला पत्रकारों के ख़िलाफ़ एक स्थानीय विहिप नेता की शिकायत पर राज्य के कुमारघाट थाने में एफ़आईआर दर्ज की गई है. शिकायत में दावा किया गया है कि मुस्लिम समुदाय के लोगों से मिलने के दौरान पत्रकारों ने हिंदू समुदाय और त्रिपुरा सरकार के ख़िलाफ़ भड़काऊ बातें कही थीं.

त्रिपुराः सांप्रदायिक हिंसा संबंधित कवरेज कर रहीं दो पत्रकारों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज

त्रिपुरा पुलिस ने विहिप सदस्य की शिकायत पर एचडब्ल्यू न्यूज़ नेटवर्क की दो पत्रकारों- समृद्धि सकुनिया और स्वर्णा झा के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की है. इससे पहले पुलिस ने हिंसा संबंधित ख़बरों को ऑनलाइन पोस्ट करने को लेकर दो वकीलों और कई पत्रकारों समेत 102 लोगों पर यूएपीए के तहत केस दर्ज किया है.

क्या भाजपा देशभर में निरंतर हिंसा का माहौल बनाए रखना चाहती है

तनाव भरे माहौल में हमेशा हिंसा की आशंका रहती है. समझदारी उससे बचने में है. प्रत्येक हिंसा समाज में समुदायों के बीच खाई को और चौड़ा करती है. भाजपा की राजनीति के लिए यही मुफ़ीद है. 

त्रिपुरा हिंसाः यूएपीए का सामना कर रहे पत्रकारों, कार्यकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट का रुख़ किया

त्रिपुरा पुलिस ने विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर त्रिपुरा के उत्तरी ज़िलों में हालिया सांप्रदायिक हिंसा के ख़िलाफ़, यहां तक ​​कि इसका केवल उल्लेख करने के लिए कई पत्रकारों समेत 102 लोगों पर कड़े ग़ैरक़ानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया था.

त्रिपुरा में पत्रकार पर यूएपीए लगाया जाना मीडिया को ख़ामोश करने की कोशिश: आईडब्ल्यूपीसी

इंडियन वूमंस प्रेस कोर ने त्रिपुरा में एक पत्रकार समेत कइयों पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज किए जाने को लेकर राज्य पुलिस की आलोचना करते हुए इन्हें तत्काल वापस लिए जाने की मांग की है. एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने कहा कि वह पत्रकारों के ख़िलाफ़ पुलिस की कार्रवाई से स्तब्ध है और यह राज्य सरकार द्वारा हिंसा को नियंत्रित करने में अपनी विफलता से ध्यान हटाने का एक प्रयास है.

त्रिपुरा: सांप्रदायिक हिंसा पर सोशल मीडिया पोस्ट के लिए 102 लोगों पर यूएपीए के तहत केस दर्ज

तीन नवंबर को लिखे एक पत्र में पश्चिम अगरतला थाने ने ट्विटर को उसके प्लेटफॉर्म से कम से कम 68 खातों को ब्लॉक करने और उनकी व्यक्तिगत जानकारी देने का अनुरोध करते हुए बताया कि इनके ख़िलाफ़ यूएपीए की धारा 13 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है. विपक्ष ने इसे लेकर सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साधा है.

त्रिपुरा में हुई सांप्रदायिक हिंसा का लाभ किसे मिल रहा है…

त्रिपुरा में मुसलमान विरोधी हिंसा भाजपा की राजनीतिक आवश्यकता है. एक तो चुनाव होने वाले हैं और जानकारों का कहना है कि हर चुनाव में ऐसी हिंसा से भाजपा को लाभ होता है. दूसरे, इस फौरी कारण के अलावा मुसलमान विरोधी घृणा को हिंदू समाज का स्वभाव बनाने के लिए ऐसी हिंसा का संगठन ज़रूरी है.

त्रिपुरा हिंसाः फैक्ट फाइंडिंग टीम का हिस्सा रहे दो वकीलों के ख़िलाफ़ यूएपीए के तहत मामला दर्ज

वकील अंसार इंदौरी और मुकेश उस चार सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग टीम का हिस्सा थे, जिसने त्रिपुरा में मुस्लिम विरोधी हिंसा की रिपोर्ट के बाद क्षेत्र में तनाव के माहौल के दस्तावेज़ीकरण के लिए राज्य का दौरा किया था. पश्चिम अगरतला थाने के अधिकारियों द्वारा दायर मामले में उन पर धार्मिक समूहों के बीच वैमनस्य बढ़ाने, शांति भंग समेत कई आरोप लगाए गए हैं.

यूएपीए मामला: सुप्रीम कोर्ट ने केरल के एक छात्र को दी ज़मानत, दूसरे छात्र की ज़मानत बरक़रार

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कथित माओवादी संबंधों को लेकर केरल के दो छात्रों पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया था. पुलिस और एनआईए का कहना था कि ये दोनों छात्र प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) से जुड़े हुए थे. सुप्रीम कोर्ट ने एनआईए से पूछा था कि ये 20 से 25 साल की उम्र के लड़के हैं. इनके पास से कुछ सामग्री मिली है. क्या किसी तरह के अनुमान के आधार पर उन्हें जेल में डाला जा सकता है? 

कश्मीरः पाकिस्तान की जीत के कथित जश्न के लिए छात्र व कॉलेज प्रबंधन पर यूएपीए के तहत केस दर्ज

भारत और पाकिस्तान की पुरुष क्रिकेट टीम के बीच रविवार को हुए टी-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप के मैच में पाकिस्तान की जीत का कथित तौर पर जश्न मनाने और पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाज़ी करने के लिए श्रीनगर के गवर्मेंट मेडिकल कॉलेज और शेर-ए-कश्मीर इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के हॉस्टल वॉर्डन, कॉलेज प्रबंधन और छात्रों के ख़िलाफ़ दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई हैं.

कर्नाटक: भगत सिंह की किताब के चलते यूएपीए के तहत गिरफ़्तार आदिवासी पिता-पुत्र बरी

मामला मंगलुरु का है, जहां साल 2012 में पत्रकारिता के छात्र विट्टला मेलेकुडिया और उनके पिता को गिरफ़्तार करते हुए उनके पास मिली किताबों आदि के आधार पर उन पर यूएपीए के तहत राजद्रोह और आतंकवाद के आरोप लगाए गए थे. एक ज़िला अदालत ने उन्हें बरी करते हुए कहा कि पुलिस कोई भी सबूत देने में विफल रही. भगत सिंह की किताबें या अख़बार पढ़ना क़ानून के तहत वर्जित नहीं हैं.

अदालत ने राजद्रोह मामले में जेएनयू छात्र शरजील इमाम को ज़मानत देने से इनकार किया

जेएनयू के छात्र शरजील इमाम को सीएए और एनआरसी के ख़िलाफ़ प्रदर्शनों के दौरान जामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में कथित भड़काऊ भाषण देने के आरोप में यूएपीए के तहत गिरफ़्तार किया गया है. अदालत ने कहा कि भाषण को सरसरी तौर पर पढ़ने से लगता है कि स्पष्ट रूप से यह सांप्रदायिक तर्ज पर दिया गया था, लेकिन इन आरोपों को साबित करने के लिए साक्ष्य अपर्याप्त है.

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