दिल्ली दंगों पर पुलिस ने काल्पनिक कहानियां लिखीं, आरोप-पत्र में लगाया ‘तड़का’: उमर ख़ालिद

दिल्ली दंगों से जुड़े कई आरोपों में गिरफ़्तार जेएनयू के पूर्व छात्र और कार्यकर्ता उमर ख़ालिद के वकील ने कहा कि जांच अधिकारी ने चार्जशीट में काल्पनिक कहानियां लिखीं. पुलिस इस मामले में सभी आरोपियों को ‘एक ही लाठी से हांकना’ चाहती है. उन्होंने पूछा कि क्या चक्काजाम का आयोजन आतंकवाद रोधी क़ानून- यूएपीए लगाने का आधार देता है.

असम: कथित ‘तालिबान समर्थक पोस्ट’ के लिए यूएपीए के तहत गिरफ़्तार 14 लोगों को ज़मानत

असम पुलिस द्वारा इस मामले में गिरफ़्तार किए गए सोलह लोगों में से चौदह को निचली अदालत और गुवाहाटी हाईकोर्ट ने ज़मानत दे दी है. कोर्ट ने कहा कि उन्हें जेल में रखने के लिए कोई पर्याप्त आधार नही हैं.

यूएपीए और राजद्रोह क़ानून रद्द करना चाहिए, ताकि लोग आज़ादी से सांस ले सकें: जस्टिस नरीमन

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस रोहिंटन नरीमन ने कहा कि शायद यही वजह है कि इन दमनकारी क़ानूनों के चलते बोलने की आज़ादी पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ रहा है. यदि आप इन कानूनों के तहत पत्रकारों समेत तमाम लोगों को गिरफ़्तार कर रहे हैं, तो लोग अपने मन की बात नहीं कह पाएंगे.

केयूडब्ल्यूजे का आरोप- सिद्दीक़ कप्पन को नहीं मिली मेडिकल सहायता, यूपी सरकार के ख़िलाफ़ याचिका

केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन और तीन अन्य को पांच अक्टूबर 2020 को हाथरस सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले की रिपोर्टिंग के लिए जाते समय गिरफ़्तार किया गया था. केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अवमानना याचिका में आरोप लगाया गया है कि उचित चिकित्सीय देखभाल की कमी की वजह से कप्पन बीमार हैं और वे गंभीर दर्द से जूझ रहे हैं.

सिद्दीक़ कप्पन की गिरफ़्तारी का एक साल पूरा होने पर पत्रकारों ने की रिहाई की मांग, प्रदर्शन

5 अक्टूबर 2020 को केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन और तीन अन्य को हाथरस सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले की रिपोर्टिंग के लिए जाते समय गिरफ़्तार किया गया था. कप्पन की तत्काल रिहाई की मांग को लेकर विभिन्न पत्रकार संघों ने प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के बाहर प्रदर्शन करते हुए कहा कि उन पर लगाए गए आरोप मनमाने हैं.

यूपी पुलिस ने चार्जशीट में कहा- सिद्दीक़ कप्पन अपने लेख में मुस्लिमों को भड़काते हैं

यूपी पुलिस ने पिछले साल अक्टूबर में हाथरस जाने के रास्ते में केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन समेत चार युवकों को गिरफ़्तार किया था. पुलिस ने कप्पन के लेखों के आधार पर कहा है कि वे ज़िम्मेदार पत्रकार नहीं हैं और माओवादियों के समर्थन में लिखते हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने एनआईए से पूछा, क्या प्रतिबंधित किताब रखने के आधार पर यूएपीए केस चल सकता है

सुप्रीम कोर्ट ने एनआईए द्वारा दायर उस याचिका पर यह सवाल किया, जिसमें केरल हाईकोर्ट द्वारा क़ानून के छात्र अल्लान शुहैब को ज़मानत देने के फ़ैसले को सही ठहराने वाले आदेश को ख़ारिज करने की मांग की गई है.

जम्मू कश्मीरः यूएपीए-पीएसए आरोपियों से ‘संपर्क’ रखने वाले सरकारी कर्मचारी बर्ख़ास्त होंगे

जम्मू कश्मीर के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 15 सितंबर को जारी किए गए इन नए नियमों से जम्मू कश्मीर के छह लाख सरकारी कर्मचारियों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता गंभीर रूप से प्रभावित हो सकती है. कार्यकर्ताओं का कहना है कि यूएपीए और पीएसए का इस्तेमाल असंतोष को दबाने के लिए किया जा रहा है.

कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख की टिप्पणी पर भारत ने कहा- ज़मीनी हक़ीक़त नहीं

संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बैचलेट ने कहा था कि जम्मू कश्मीर में भारतीय अधिकारियों द्वारा सार्वजनिक सभाओं और संचार सेवाओं पर पाबंदी लगाए जाने का सिलसिला जारी है, जबकि सैकड़ों लोग अभिव्यक्ति की आज़ादी के अधिकार का प्रयोग करने के लिए हिरासत में हैं. साथ ही पत्रकारों को लगातार बढ़ते दबाव का सामना करना पड़ता है.

दिल्ली दंगा: एक साल से क़ैद उमर ख़ालिद को रिहा करने की मांग

बीते साल 13 सितंबर को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगे के सिलसिले में यूएपीए के तहत छात्र नेता उमर ख़ालिद को गिरफ़्तार किया था. यूएपीए के साथ ही इस मामले में उनके ख़िलाफ़ दंगा करने और आपराधिक साज़िश रचने के भी आरोप लगाए गए हैं. 

प्रेस क्लब में हुई सार्वजनिक सभा में की गई उमर ख़ालिद की रिहाई की मांग

वीडियो: पूर्व जेएनयू छात्र और सीएए-एनआरसी के ख़िलाफ़ मुखर कार्यकर्ता के तौर पहचाने जाने वाले उमर ख़ालिद को 13 सितंबर 2020 को दिल्ली पुलिस ने उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगे के सिलसिले में गिरफ़्तार किया था. उमर को एक साल से क़ैद में रखने के ख़िलाफ़ कई जानी-मानी हस्तियां सोमवार को एक साथ आईं और प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में उनको रिहा करने की मांग की.

दिल्ली दंगा यूएपीए केस: आरोपियों ने कहा- 5 महीने बाद भी पुलिस ने नहीं दिए इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य

छात्र कार्यकर्ता नताशा नरवाल, देवांगना कलीता और आसिफ़ इक़बाल तन्हा ने दिल्ली दंगे के आरोपों को लेकर दिल्ली पुलिस द्वारा ज़ब्त की गए उनसे संबंधित इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य मुहैया कराने की मांग की थी.

दबंग पुलिसकर्मी की अपनी प्रतिष्ठा फिर से हासिल करना चाहते थे सचिन वझे: एनआईए चार्जशीट

एनआईए ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि बर्ख़ास्त किए गए पुलिस अधिकारी सचिन वझे ने उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटक से भरी एसयूवी खड़ी की थी ताकि अमीर और समृद्ध लोगों को आतंकित और गंभीर परिणाम भुगतने का डर दिखाकर वसूली कर सकें.

दिल्ली दंगे की चार्जशीट किसी वेब सीरीज की पटकथा जैसी: उमर ख़ालिद के वकील

जेएनयू के पूर्व छात्र और कार्यकर्ता उमर ख़ालिद के वकील का कहना है कि दिल्ली दंगे को लेकर दायर चार्जशीट में ख़ालिद को सांप्रदायिक दिखाने की कोशिश की गई, लेकिन जिस पुलिस अधिकारी ने यह रिपोर्ट तैयार की है, उनका दिमाग ही सांप्रदायिक है. ख़ालिद को फरवरी 2020 में हुए दिल्ली दंगों की साजिश रचने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया है.

एंटीलिया विस्फोटक मामला: एनआईए ने सचिन वझे समेत 10 के ख़िलाफ़ चार्जशीट दाख़िल की, यूएपीए भी लगाया

बीते 25 फरवरी को उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक से लदी एसयूवी कार मिली थी. इसके दस दिन बाद कार के मालिक और कारोबारी मनसुख हिरेन का शव ठाणे में मिला था. हिरेन की पत्नी ने मुंबई पुलिस के अधिकारी सचिन वझे पर पति की संदिग्ध मौत मामले में संलिप्त होने के आरोप लगाया था. बर्ख़ास्त वझे पर यूएपीए की धाराएं भी लगाई गई हैं.

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