जेएनयू: ‘जब कोर्ट से काम होना है तो कुलपति पद और प्रशासन को ध्वस्त कर देना चाहिए’

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हाल के दिनों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जब अदालत की दख़ल के बाद छात्र-छात्राओं की पीएचडी थीसिस जमा हुई है और उनका अगले सेमेस्टर में पंजीकरण हुआ है.

जेएनयू ने उमर ख़ालिद और दो अन्य छात्रों की पीएचडी थीसिस जमा करने से इनकार किया

जेएनयू के शोध छात्र उमर ख़ालिद का कहना है कि अदालत के आदेश के बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन ने पीएचडी थीसिस लेने से इनकार कर कोर्ट की अवमानना की है.

अदालत ने कन्हैया कुमार पर जेएनयू द्वारा लगाया गया 10 हज़ार का जुर्माना निरस्त किया

दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि जेएनयू प्रशासन के आदेश को आधारहीन बताया. जेएनयू में कथित तौर पर देश विरोधी नारेबाज़ी करने के आरोपी कन्हैया कुमार पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया था.

देशद्रोह विवाद: जेएनयू पैनल ने उमर खालिद, कन्हैया के दंड को बरक़रार रखा

जेएनयू के पांच सदस्यीय पैनल ने नौ फरवरी 2016 की घटना के मामले में उमर खालिद के निष्कासन और कन्हैया कुमार पर लगाए गए 10,000 रुपये के जुर्माने को बरक़रार रखा है.

भीमा-कोरेगांव हिंसा: महाराष्ट्र में दलित-मराठा रिश्ता हमेशा से जटिल रहा है

जाति-हिंसा लंबे समय से महाराष्ट्र की संस्कृति का अंग रही है. यहां हिंदुत्ववादी राजनीति का विकास कोई एक दिन मे नहीं हुआ है. इसे कई दशकों तक सक्रिय तरीके से खाद-पानी देने का काम कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस ने किया.

भाजपा और संघ हमें निशाना बना रहे हैं: जिग्नेश मेवाणी और उमर ख़ालिद

गुजरात से निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी और जेएनयू के छात्रनेता उमर ख़ालिद ने भीमा-कोरेगांव हिंसा के संबंध में भड़काऊ भाषण देने के आरोपों को नकारा.

मुंबई में जिग्नेश मेवाणी और उमर ख़ालिद के कार्यक्रम को अनुमति नहीं, हिरासत में लिए गए छात्र

महाराष्ट्र के पुणे ज़िले के भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा को लेकर जिग्नेश मेवाणी और उमर ख़ालिद के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज.

महाराष्ट्र बंद: मुंबई में बसों पर हमला, नागपुर और पुणे में स्थिति तनावपूर्ण

पुणे पुलिस ने हिंसा भड़काने के आरोप में हिंदुवादी संगठनों के दो नेताओं के ख़िलाफ़ मामले दर्ज किए. मुंबई शहर में 100 से ज़्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया.

रामजस विवाद: अदालत ने कहा, विश्वविद्यालय में नारेबाज़ी करना अभिव्यक्ति की आज़ादी में आता है

दिल्ली की तीस हज़ारी अदालत ने कहा छात्रों का इकट्ठा होकर नारेबाज़ी करना अभिव्यक्ति की आज़ादी में आता है और इससे ये साफ़ नहीं होता कि उनका मक़सद फ़साद फैलाना था.

जिनके पास सत्ता है वो ‘बात के बदले लात’ की संस्कृति चलाना चाहते हैं

कश्मीर में लोकतंत्र कमज़ोर है इसलिए अफ़ज़ल गुरु को शहीद बताने वालों के साथ सरकार चला कर उसे मजबूत करना है और दिल्ली में लोकतंत्र बहुत मजबूत है इसलिए सेमिनार में गुंडागर्दी कर के इसे कमज़ोर करना है.

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और फिर उसे चुप कराओ!

अच्छा होता केंद्र सरकार शैक्षिक परिसरों में खुलापन क़ायम करने का प्रयास करती. गुंडा तत्वों, उत्पात मचाने वालों और गुरमेहर को हत्या व रेप आदि की धमकी देने वालों की मुस्तैदी से धरपकड़ की जाती.

हमने तो शिक्षकों को भी पीटा है: एबीवीपी समर्थक का क़ुबूलनामा

रामजस विवाद: द वायर के पास मौजूद आॅडियो रिकॉर्डिंग में एबीवीपी समर्थक कहता है, ‘हमारे कॉलेज में आके प्रोटेस्ट करेंगे तो पिटेंगे ही... एक बंदे को इतना मारा, मार-मार के लाल कर दिया.’

1 5 6 7 8