रामजस कॉलेज में हुई हिंसा के अपराधियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई का निर्देश

दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार और पुलिस को नोटिस जारी कर जांच के संबंध में रिपोर्ट मांगी.

(रामजस कॉलेज में इस साल फरवरी में एक सेमिनार को लेकर हिंसक झड़प हो गई थी. इसके बाद छात्रों ने कई दिनों तक प्रदर्शन किया था. (फोटो: पीटीआई)

दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार और पुलिस को नोटिस जारी कर जांच के संबंध में रिपोर्ट मांगी.

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रामजस कॉलेज में इस साल फरवरी में एक सेमिनार को लेकर हिंसक झड़प हो गई थी. इसके बाद छात्रों ने कई दिनों तक प्रदर्शन किया था. (फोटो: पीटीआई)

दिल्ली उच्च न्यायालय ने पुलिस को फरवरी में यहां के रामजस कालेज में हुई हिंसा के लिए ज़िम्मेदार अपराधियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई का निर्देश दिया है. अदालत ने कहा, आप (पुलिस) को कुछ करना चाहिए. अगर आप अपराधियों को जानते हैं तो आपको कार्रवाई करनी चाहिए. क़ानून अपना काम करेगा.

बुधवार को न्यायमूर्ति आशुतोष कुमार ने दिल्ली सरकार और पुलिस को नोटिस जारी कर इस मामले में अब तक हुई जांच के संबंध में स्थिति रिपोर्ट मांगी है. अदालत ने इस मामले में आगे की सुनवाई के लिए 11 सितंबर की तारीख तय की.

यह आदेश रामजस कॉलेज के तीन छात्रों की याचिका पर आया जिन्होंने इस साल फरवरी में हुई हिंसा की घटना की जांच के लिए निष्पक्ष अधिकारियों का विशेष जांच दल गठित करने का अनुरोध किया था.

याचिका में निष्पक्ष एसआईटी के गठन की मांग करते हुए दावा किया गया कि पुलिस ने उनकी पहचान के लिए तस्वीर और वीडियो क्लिप की उपलब्धता के बावजूद घटना के ज़िम्मेदार अपराधियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई नहीं की.

रामजस कॉलेज में 22 फरवरी को एक सेमिनार का आयोजन किया गया था जिसमें जेएनयू के शोधार्थी और छात्र नेता उमर ख़ालिद और शहला राशिद को आमंत्रित किया गया था.

इसका एबीवीपी ने विरोध किया जिसके बाद कॉलेज प्रशासन ने ये कार्यक्रम रद्द कर दिया. कार्यक्रम रद्द होने के बाद एबीवीपी और आइसा से जुड़े छात्रों में हिंसक झड़प हुई थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)